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सजावटी पौधों को कम कर छायादार वृक्षों की ओर चलें शहरवासी

जागरण संवाददाता हिसार पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि शहर में लगातार हरियाली क

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 05:17 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 06:10 AM (IST)
सजावटी पौधों को कम कर छायादार वृक्षों की ओर चलें शहरवासी
सजावटी पौधों को कम कर छायादार वृक्षों की ओर चलें शहरवासी

जागरण संवाददाता, हिसार: पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि शहर में लगातार हरियाली कम हो रही है। ऐसे में प्रदूषण और तापमान बढ़ने जैसी समस्याएं लोगों के सामने खड़ी हुई हैं। पर्यावरण के क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों से काम कर रहे लोग भी मानते हैं कि शहर के लोगों को पेड़ों को अब गंभीरता से अहमियत देनी होगी। शहर में अगर विकास में एक भी पेड़ जाता है तो उसके स्थान पर कई पौधे रोपित करने होंगे। वहीं सजावटी पौधों के स्थान पर छाया और ऑक्सीजन देने वाले पौधों का अधिक से अधिक प्रयोग करना जरूरी है। इसके साथ ही कार्यक्रमों में भी पौधे ही गिफ्ट करने की आदत डालनी होगी। इन सभी उपायों को किया तब जाकर हम पर्यावरण रक्षा के लिए कुछ विशेष कर सकते हैं। पर्यावरण रक्षा सभी की सुरक्षा से जुड़ा मसला है। बिना ऑक्सीजन या साफ हवा के हमारा जीना मुश्किल है।

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बच्चों को सिखाएं पर्यावरण का महत्व

जागो इंडिया जागो संस्था से अधिवक्ता जितेंद्र मधोक बताते हैं कि पर्यावरण असंतुलन का सबसे बड़ा कारण ग्लोबल वॉर्मिंग है। जिसकी वजह से पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है और उससे हमारे जीवन के कदम विनाश की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे समय में पर्यावरण को बचाने के लिए हर एक छोटा कदम जरूरी है। सबसे महत्वपूर्ण है कि स्वयं तथा नई पीढ़ी को प्रकृति, पर्यावरण, पानी व पेड़-पौधों का महत्व समझाएं व संवेदनशील हो उनसे सानिध्य स्थापित करने की सोच विकसित करें। हिसार शहर को इसकी सबसे अधिक जरूरत है। हमारे यहां तापमान और प्रदूषण दिल्ली के बराबर रहने लगा है। जो पेड़ लगे हैं उन्हें भी काटा जा रहा है, ऐसे में पर्यावरण के लिए लोग एकजुट हों, आगे आएं और पौधे रोपित करें। ऐसे पौधे जो फलदार होने के साथ हिसार की भूमि में टिक सकें।

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हर घर में पांच फलदार पौधे लगाने का बने कानून

मौसम विज्ञानी डा मदन खीचड़ बताते हैं कि हरियाली व हरियाणा में बहुत समानता हैं परन्तु धरातल पर नहीं दिख पाती। समानता लाने के लिए राज्य के हर घर में कम से कम पांच फलदार पौधे अवश्य लगाने चाहिये। ऐसा हरियाणा सरकार द्वारा सभी निवासियों के लिए कानूनी रूप से जरुरी कर देने चाहिए। यदि ऐसा हो जाए तो वह दिन दूर नहीं कि हमारा हरियाणा भी केरल जैसा सुंदर हरा भरा बन जाएगा। हरियाणा राज्य की भावी पीढ़ी और अधिक समृद्ध व स्वस्थ बन पाएगी।

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अर्बन फोरेस्ट्री को बढ़ाने पर दिया जाए ध्यान

जिला वन अधिकारी डा. सुनील ढाका बताते हैं कि हिसार में अर्बन फॉरेस्ट्री पर फोकस करने की जरूरत है। शहर में ग्रीन कवर बढ़ाने की आवश्यकता है। सजावटी पौधों को कम तो वायुमंडल को अधिक लाभ पहुंचाने वाले पौधे रोपित किए जाएं। नीम, पीपल, बरगद, शहतूत, जामुन जैसे पौधों को लगाने के साथ उनकी देखभाल भी करें। कई पौधे तो देखभाल के अभाव में सरवाइव नहीं करते। ऐसे में पौधारोपण के बाद देखभाल काफी जरूरी है। वन विभाग लोगों की डिमांड के अनुरूप उन्हें ऐसे ही पौधे मुहैया कराता है जो स्थानीय स्तर पर ऑक्सीजन दें, बॉयोडायवर्सिटी का ध्यान रखे, लोगों को फल मुहैया कराए व सबसे अहम प्रदूषण को घटाने का काम करें।


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