फिल्मी कहानी सी थी डबल मर्डर की साजिश, रेकी करने और गोली चलाने वाले एक दूसरे को नहीं जानते
सिरसा में हत्या से दो से तीन दिन पहले पकड़े गए हत्यारोपित पहुंच गए थे। दो आरोपितों ने गोलियां चलाई थी। बाकी दो शूटर अभी फरार हैं।
हिसार, जेएनएन। सिरसा के चौटाला में हुई शराब ठेकेदारों की हत्या पूरी फिल्मी कहानी की तरह है। हत्या करने के लिए की गई रैकी, मदद और शार्प शूटर कोई भी एक दूसरे को नहीं जानता। हत्या करने के लिए कई गैंग या अपराध में लिप्त युवाओं को शामिल किया गया। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की जांच में सामने आया कि हत्यारोपित तीन पहले ही सिरसा पहुंच गए थे। ईशारा मिलने के बाद दोनों ठेकेदारों की हत्या कर दी गई।
पुलिस के अनुसार 28 जुलाई को चौटाला में दो शराब ठेकेदारों की गोलियां मार कर हत्या कर दी थी। इस हत्या में लोरेंस बिश्नोई व काला जठेड़ी गैंग का नाम सामने आया था। पकड़े गए हत्यारोपित काला जठेड़ी गैंग से संबंधित है। एसटीएफ निरीक्षक पवन कुमार ने बताया कि हत्या के मामले में पकड़े गए जींद के भिवानी रोड निवासी रामपाल उर्फ बाबा की काला जठेड़ी से जान पहचान थी। वह उससे जेल में मिला था। उसने ही आगे इस हत्या के मामले में अपने दो बदमाशों को तैयार किया।
हत्या करने वाले एक दूसरे को पहचान न सके इस लिए हर किसी को अलग-अलग काम सौंपे गए। राजस्थान के बदमाशों ने सिर्फ रैकी की तो आदमपुर के बदमाशों ने शूटर को शरण दी। वह किसी को नहीं जानते थे। शूटर की पहचान के लिए फोन पर ही बातचीत चली और आदमपुर के दोनों बदमाशों ने उनको सिरसा में अपने कमरे पर पनाह दी। तीन दिन तक उनको ठहराया और बाद में वह हत्या को अंजाम देकर निकल गए।
रामपाल और विकास ने चलाई गोली
हत्या के मामले में पकड़े गए जींद के शीतलपुरी कॉलोनी निवासी विकास उर्फ डब्बा और रामबीर कॉलोनी निवासी रोहित उर्फ गोंडर शार्प शूटर थे। इन दोनों ने बाकी दो शार्प शूटर के साथ मिलकर गोलियां चलाई थी। इन दोनों को हत्या के लिए भिवानी रोड निवासी रामपाल उर्फ बाबा ने तैयार किया था। इन तीनों की जान पहचान जेल में हुई थी। तीनों पर कई मामले दर्ज है। पूछताछ में सामने आया कि बाकी दोनों शार्प शूटर को वह नहीं जानते।