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फतेहाबाद में कोरोना संकट में बंद पड़ा नशा मुक्ति केंद्र का 18 महीने बाद खुला दरवाजा, तीन मरीज दाखिल

तीन साल पहले जिला नागरिक अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र खोला गया। यहां पर मरीजों का इलाज भी किया गया। लेकिन डेढ़ साल पहले कोरोना का संकट ऐसा आया कि इस नशा मुक्ति केंद्र को बंद कर दिया गया। नशा मुक्ति केंद्र को अब खोला गया है

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 11:20 AM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 11:20 AM (IST)
फतेहाबाद में कोरोना संकट में बंद पड़ा नशा मुक्ति केंद्र का 18 महीने बाद खुला दरवाजा, तीन मरीज दाखिल
फतेहाबाद में कोरोना वार्ड बनाने के कारण नशा मुक्ति केंद्र को करना पड़ा था बंद, अब खुला

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : फतेहाबाद जिले में लगातार युवा नशे की दलदल में फसते जा रहे हैं। यहीं कारण है कि तीन साल पहले जिला नागरिक अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र खोला गया। यहां पर मरीजों का इलाज भी किया गया। लेकिन डेढ़ साल पहले कोरोना का संकट ऐसा आया कि इस नशा मुक्ति केंद्र को बंद कर दिया गया। नशा मुक्ति केंद्र को कोरोना काल में आइसीयू तक बनाना पड़ा था। लेकिन अब जिला कोरोना मुक्त हो चुका है। पिछले 25 दिनों से एक भी मरीज नहीं आया है। यहीं कारण है कि अब स्वास्थ्य विभाग ने नशा मुक्ति केंद्र का 18 महीनों के बाद दरवाजा खोल दिया गया है। प्रथम चरण में तीन मरीजों को दाखिल भी कर लिया गया है। इन मरीजों को नशा छुड़वाया जा रहा है। एक मरीज को कम से कम सात दिन तक रखा जाता है। जब तक वह नशा मांगना बंद नहीं करता है उसका इलाज किया जा रहा है।

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दवाइयों के सहारे ही किया जा रहा था इलाज

फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में नशा छोड़ने वालों की ओपीडी लगातार बढ़ रही है। फतेहाबाद व रतिया में अनेक मरीज भी है। जिला में एक ही डाक्टर होने के कारण दो दिन रतिया और चार दिन फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में ड्यूटी लगाई गई है। नशा छोड़ने वालों की ओपीडी प्रतिदिन 100 से अधिक रहती है। यहीं कारण है कि 18 महीनों से बंद पड़े नशा मुक्ति को फिर से शुरू किया गया है। इससे पहले इन मरीजों का इलाज केवल दवाइयों से किया जा रहा है। लेकिन कुछ मरीज ऐसे थे जिनको दाखिल करना जरूरी थी। इस कारण दवाइयों से भी वो नशा नहीं छोड़ रहे थे।

कर्मचारी कम होने के कारण 10 मरीजों का होगा इलाज

नशा मुक्ति केंद्र वर्ष 2018 में शुरू किया गया था। उस समय 10 मरीजों को इलाज मिल सकता था। लेकिन जैसे जैसे मरीज बढ़ने शुरू हुआ तो 30 बेड कर कर दिया गया। लेकिन कोरोना संकट के बाद जिन कर्मचारियों की ड्यूटी थी वो ही चले गए है। ऐसे में अब केवल 10 मरीजों को ही एक समय में दाखिल किया जा सकता है। डाक्टर भी मान रहे है कि 30 मरीजों को एक समय में दाखिल करना और उनकी देखभाल करने के लिए कर्मचारियों की संख्या अधिक चाहिए जो अब फिलहाल नहीं हैं।

नशा मुक्ति केंद्र के इन आंकड़ाें पर डाले नजर

-नशा मुक्ति केंद्र कम हुआ शुरू : मई 2018

-अब तक दाखिल हुए मरीज : 991

-पहले नशा मुक्ति केंद्र में बेड की संख्या : 30

-कोरोना के बाद नशा मुक्ति केंद्र में बेड की संख्या की : 10

-अब प्रतिदिन नशा छोड़ने वाले मरीज आ रहे : 80-100

इस साल पुलिस द्वारा पकड़ा गया नशा

अफीम : 10.025 किलोग्राम

हेरोइन : 1.595 किलोग्राम

चूरापोस्त : 384.180 किलोग्राम

गांजा : 231.190 किलोग्राम

नशे की गोलियां : 39734

नशे की दवा : 123

अफीम के पौधे : 2200

वाहन किए जब्त : 50

नकदी बरामद : 6.60 लाख रुपये

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कोरोना संकट के कारण नशा मुक्ति केंद्र बंद कर दिया गया था। लेकिन अब मरीजों काे भर्ती करने का सिलसिला फिर से शुरू कर दिया गया है। मरीजों को दवाइयां तो पहले ही दी जा रही थी, लेकिन भर्ती नहीं किया जा रहा है। अब तीन मरीजों को भर्ती किया गया है।

- डॉ. गिरीश, मनोचिकित्सक, नागरिक अस्पताल फतेहाबाद।


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