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सिरसा में डाक्टरों ने निकाला मार्च फार जस्टिस, बोले-गुडागर्दी नहीं होगी बर्दाश्त

सिरसा में डाक्टरों ने मार्च फार जस्टिस निकाला। जस्टिस मार्च के दौरान महिला चिकित्सकों ने अपने हाथों में गुंडागर्दी बंद करो महिला चिकित्सक को इंसाफ दो सहित नारे लिखे होर्डिंग्स थामे हुए थे। गिल अस्पताल की महिला डाक्टर के साथ हुए दुर्व्यवहार के विरोध में ये मार्च निकाला गया।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 05:58 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 05:58 PM (IST)
सिरसा में डाक्टरों ने निकाला मार्च फार जस्टिस, बोले-गुडागर्दी नहीं होगी बर्दाश्त
सिरसा में डाक्टरों ने निकाला मार्च फार जस्टिस।

जागरण संवाददाता, सिरसा। गिल अस्पताल की महिला चिकित्सक के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले में रविवार शाम को आईएमए से जुड़े चिकित्सकों ने मार्च फार जस्टिस निकाला। चिकित्सक सांगवान चौक पर एकत्रित हुए हुए और वहां से जुलूस की शक्ल में शहर के मुख्य बाजारों जगदेव सिंह चौक, शिव चौक, सूरतगढ़िया चौक, सुभाष चौक से होते हुए वापस सांगवान चौक पर पहुंचे। जस्टिस मार्च के दौरान महिला चिकित्सकों ने अपने हाथों में गुंडागर्दी बंद करो, महिला चिकित्सक को इंसाफ दो सहित नारे लिखे होर्डिंग्स थामे हुए थे। जस्टिस मार्च में महिला चिकित्सकों व स्टाफ की भागीदारी बड़ी संख्या में रही और महिला चिकित्सक के साथ हुई इस घटना से महिला चिकित्सकों में खासा रोष भी देखा गया। आगामी संघर्ष के लिए सोमवार को फिर से आईएमए पदाधिकारियों की बैठक होगी। 

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मार्च फार जस्टिस के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए आईएमए के जिला प्रधान डा. आशीष खुराना, स्टेट पैटर्न डा. वेद बैनीवाल, आईएमए हरियाणा के उपप्रधान डा. अंजनी अग्रवाल, डा. रमेश, डा. गौतम, डा. श्रवण, डबवाली से डा. कड़वासरा, आईएमए के पूर्व प्रधान डा. अशोक पारीक, डा. कुलविंद्र गिल ने संयुक्त रूप से बताया कि अभी तक वे मरीजों की जान बचाने के लिए बीमारियों से लड़ रहे थे। उन्होंने नहीं सोचा था कि कभी ऐसा भी दिन आएगा कि उन्हें बीमारियों के साथ-साथ असामाजिक तत्वों से भी लडऩा पड़ेगा। चिकित्सकों ने कहा कि कोई भी डाक्टर क्यों चाहेगा कि उसका केस बिगड़े।

महिला चिकित्सक से किया दुर्व्यवहार 

बावजूद इसके आईएमए ने युवक जगतार का उपचार करवाने का आश्वासन गांव की पंचायत को दिया था। लेकिन वैदवाला निवासी भूपेंद्र, जोकि अपने आप को किसान नेता बताता है, जगतार को लेकर अस्पताल में आया। उसने न केवल महिला चिकित्सक से दुर्व्यवहार किया। बल्कि उपचार करवाने के नाम पर पांच लाख रुपए की भी डिमांड की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार चलता रहा तो कोई भी डाक्टर की बाजू पकड़कर उसे डरा धमकाकर कुछ भी करवा लेगा। गुंडागर्दी को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

प्रशासन पर है पूरा भरोसा

चिकित्सकों ने बताया कि उन्हें स्टेट बाडीज से लगातार काल आ रहे हैं, लेकिन वे नहीं चाहते कि मामला आगे बढ़े और माहौल बिगड़े। प्रशासन पर आईएमए को पूरा भरोसा है कि वो उनके साथ न्याय करेगा। अगर इसके बाद भी प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की तो आईएमए को मजबूरन आगामी संघर्ष के लिए मजबूर होना पड़ेगा।


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