जातपात में ना बंटकर देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने का कार्य करें : मृणालिनी ¨सह
संवाद सहयोगी, बरवाला : महर्षि दधीचि परमार्थ ट्रस्ट की ओर से मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में रविवार को
संवाद सहयोगी, बरवाला : महर्षि दधीचि परमार्थ ट्रस्ट की ओर से मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में रविवार को सामाजिक समरसता व प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। यहां कपास मंडी में आयोजित इस समारोह में बतौर मुख्यातिथि पूर्व सेना अध्यक्ष एवं केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके ¨सह को आना था, जो इजरायल के प्रधानमंत्री के भारत दौरे के चलते नहीं पहुंच पाए। उनकी जगह उनकी पुत्री मृणालिनी ¨सह समारोह में शामिल हुई।
मृणालिनी सिंह ने कहा कि भारत सर्वोपरि है और रहेगा। हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम जातपात में न बंटकर देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने का काम करें। साथ ही मृणालिनी सिंह ने बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि मकर सक्रांति के इस पर्व पर हमें एक नई पहल कर सबको बराबर नजरों से देखा जाना चाहिए। उन्होंने उपस्थित भीड़ को हाथ उठाकर भारत माता के जयकारे लगवाए। समारोह में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के करीब 90 प्रतिभावान खिलाड़ियों के अतिरिक्त करीब 23 शतायु (100 वर्ष के बुजुर्गों) को सम्मानित किया गया।
समारोह को मुख्यातिथि मृणालिनी ¨सह, ट्रस्ट के अध्यक्ष लक्ष्मण देव दाधीच, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के सदस्य डा. हर्ष मोहन भारद्वाज, पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल डीपी वत्स, साध्वी विशोका यति, श्रीकृष्ण प्रणामी बाल सेवा आश्रम कैमरी से संत राजदास महाराज, किसान आयोग के चेयरमैन डा. रमेश यादव, हरियाणा कला परिषद के मुख्य सलाहकार महेश जोशी, पद्मश्री एवं द्रोणाचार्य अवॉर्डी डा. सुनील डबास आदि वक्ताओं ने संबोधित किया।
बॉक्स
भारत के विश्वगुरु बनने तक चैन से नहीं बैठेंगे
डा. हर्षमोहन भारद्वाज ने कहा कि वे समाज को एकसूत्र में पिरोने वाली विश्व की सबसे बड़ी संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा वाले हैं। जब तक भारत को विश्वगुरु नहीं बना देते, चैन से नहीं बैठेंगे।
बॉक्स
जहां सेना का सम्मान होता है, वह देश सुरक्षित रहता है : जनरल डीपी वत्स
समारोह में पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल डीपी वत्स ने कहा कि वह खापों के मान-सम्मान के लिए सुप्रीम कोर्ट में लड़ रहे हैं। अपने सैनिक अंदाज में वत्स ने कहा कि जहां सेना का सम्मान होता है, वहां देश सुरक्षित रहता है। उन्होंने कहा कि 30 साल बाद सिर्फ एक ही जाति होगी और वह होगी ¨हदुस्तानी।
संत राजदास महाराज ने कहा कि हम दानवीर महर्षि दधिचि की संतान हैं। जिन्होंने देना सीखा है, लेना नहीं। जब हम जात-पात की भावना से ऊपर उठ जाएंगे तो वह दिन दूर नही जब पराये भी अपने हो जाएंगे। वहीं, पद्मश्री एवं द्रोणाचार्य अवॉर्डी डा. सुनील डबास ने कहा कि आधुनिक भारत में 68 प्रतिशत जनसंख्या युवाओं की है। देश की बागडोर एवं भविष्य युवाओं के हाथों है। ऐसे में उनकी जिम्मेवारी और भी बढ़ जाती है।
इस दौरान नर¨सह सेलवाल, साधुराम जाखड़, सतीश गोयल, विष्णु शर्मा, सौरभ मित्तल, अश्वनी बजाज, पंकज बजाज, सुशील कौशिक मंगाली, जिला ब्राह्मण सभा के प्रधान दयानंद खेदड़, हरिओम शर्मा, वाइस चेयरमैन रामफल गुराना, सतपाल सोनी, डा. मुकेश भारद्वाज, पवन शर्मा, तिलकराज दाधिच, अन्नु शर्मा, प्रवीण शर्मा, अश्वनी बजाज, नरेश ¨बदल, सुभाष जैन, संदीप ¨सगल आदि रहे। मंच संचालन ललित मनोपति और नर¨सह सेलवाल ने किया।
बॉक्स
छोरे पढ़ ले, नहीं तो बिहारी रिश्तेदार पावेंगे
किसान की बेटी रीमा नैन खेदड़ ने कविता के माध्यम से युवाओं को अच्छा संदेश दिया। नैन की कविता 'छोरे पढ़ ले नहीं तो बिहारी रिश्तेदार पावेंगे ना तो भाती होंगे और ना ही बाराती होंगे।' इसके अलावा मंच से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे पर जोर दिया गया। समरसता समारोह में पाषर्द नरेंद्र शर्मा, सतपाल शर्मा मार्केट कमेटी चेयरमैन उकलाना, बनभौरी मंदिर ट्रस्ट के श्यामलाल कौशिक, दिलबाग ¨सह आर्य, मनोज कौशिक डूमरखां, समाजसेवी संदीप ¨सगल, कृष्ण शर्मा, ललित मनोपति, मास्टर महताब हांसी, साधुराम जाखड़ आदि उपस्थित थे।