कम तापमान और सूर्य के न निकलने से गेहूं-सरसों में हो रही बीमारी, जानें कैसा रहेगा हरियाणा में मौसम
सरसों में तो कुछ किसानों ने सफेद रतवा की शिकायत भी की है। जबकि गेहूं में पीला रतवा व धूप न निकलने से पोषक तत्वों की कमी भी आ रही है। गेहूं और सरसों में समस्याओं की संभावना कृषि विज्ञानियों की नजर आने लगी हैं।
जागरण संवाददाता, हिसार। प्रदेश में दिन और रात के तापमान में अभी काफी कम अंतर है। इसके साथ ही वातावरण में नमी पहले से मौजूद है। इस मौसम में हवा सर्दी को और बढ़ा रही है। यही तीन कारण हैं जिनके कारण गलन और सर्दी अधिक महसूस रही है। इसका असर इंसानों के साथ फसलों पर भी पड़ रहा है। इस मौसम से प्रदेश में मुख्य रूप से होने वाली गेहूं और सरसों की फसल पर पड़ता दिख रहा है। हालात यह हैं कि सरसों में तो कुछ किसानों ने सफेद रतवा की शिकायत भी की है। जबकि गेहूं में पीला रतवा व धूप न निकलने से पोषक तत्वों की कमी भी आ रही है। गेहूं और सरसों में समस्याओं की संभावना कृषि विज्ञानियों की नजर आने लगी हैं।
गेहूं को धूप नहीं मिल पाने और तापमान में गिरावट रहने के कारण पीला रतवा आने की संभावना बन रही है। इसके साथ ही कई बार इस मौसम के कारण बालियाें का रंग भी बदल जाता है। पीला रतवा उन क्षेत्रों में हो सकता है जहां किसानों ने एचडी 2851, पीबीडब्ल्यू 343, एचडी 2967 या डबल्यूएच 711 किस्म को बोया है। गेहूं की यह किस्में पीला रतवारोधी नहीं हैं। मगर किसानों को पहले यह जांच कर लेनी चाहिए कि वह वास्तव में पीला रतवा ही है या कुछ और है। इसी प्रकार सरसों में कुछ क्षेत्रों में सफेद रतवा की समस्या देखने को मिल रही है।
वहीं तना गलन की समस्या से भी किसान जूझ रहे हैं। इसके साथ ही कई फसलों में इस मौसम के कारण ग्रोथ भी हल्की हो गई है। ऐसे में किसानों को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। सर्दी के इस मौसम में अधिक दिन तक धूप नहीं निकली तो पौधों में पोषक तत्वों की कमी भी आ जाती है। इस लिए इस मौसम में फसलों को धूप की काफी दरकार है। धुंध भी जरूरी है। सोमवार सुबह धुंध छा भी गई ऐसे में राहत मिलने के आसार हैं।
गेहूं व सरसों की फसल में किसान यह उपाय करें
एचएयू के गेहूं अनुभाग के विज्ञानियों की मानें तो किसान पीला रतवा की पहचान के लिए रोजाना खेतों का निरीक्षण करें। अगर पत्ते पीले पड़ रहे हैं और पत्ताें की धारियों में फंगस के कण हैं तो हाथ से रगड़ने पर वह पीला रंग छोड़ेगा इसका मतलब पीला रतवा है। अगर पत्ता रंग नहीं छोड़ता है और पीला हो रहा है तो उसमें आयरन, मैग्नीज, जिंक, सल्फर आदि पोषक तत्व की कमी हो सकती है। पीता रतवा होने पर टिल्ट नाम की 200 मिली लीटर दवा को 200 लीटर पानी में मिलाएं और छिडकाव करें। तिलहन अनुभाग के विज्ञानियों की मानें तो सरसों की फसल में तनाव गलन की समस्या भी आ सकती है। इस बीमारी से बचाव के लिए बिजाई के 45-50 दिनों तथा 65- 70 दिनों के बाद कार्बेडाजिम की 100 ग्राम दवा 100 लीटर पानी में मिलाकर फसल पर स्प्रै करें। किसान तना गलन बीमारी की रोकथाम के लिए सरसों की फसल में दो छिड़काव जरूर करें।
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तीन घंटे ही सूर्य की रोशनी
इस मौसम में बादलवाई के कारण ठीक से धूप निकल नहीं पा रही है। रविवार को तीन घंटे ही धूप निकली वह भी हल्की, जिससे लोगों को अधिक राहत नहीं मिली। इसके साथ ही दिन समय एक-एक घंटे का तापमान देखें तो सात से आठ डिग्री सेल्सियस तक दिन का तापमान पहुंच रहा है। प्रदेश में सबसे ठंडा अंबाला का दिन रहा। यहां अधिकतम तापमान 10.7 दर्ज किया गया।
-हल्की धूप निकलने से राहत, मगर बादलवाई से बढ़ी गलन
प्रदेश में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। रात हो या दिन दोनों समय लोगों को गलन का अहसास हो रहा है। रविवार को शीतलहर चली तो दोपहर को हल्की धूप निकलने से राहत भी मिली। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि राज्य में 19 जनवरी तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील मगर खुश्क रहने की संभावना है। अब हल्की गति से उत्तर पश्चिमी हवा शीत लहर लाने का काम कर रही है। सोमवार से पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से हवा में बदलाव उत्तर पश्चिम से दक्षिण पूर्व व पूर्वी हो जाने से राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में आंशिक बादलवाई छाए रहने की संभावना है। इस दौरान हल्की धूप भी निकल सकती है।
--प्रदेश में कहां कितना रहा तापमान
जिला- अधिकतम- न्यूनतम
अंबाला- 10.7- 7.7
भिवानी- 12.9- 8.3
पंचकूला- 11.8- 8.1
गुरुग्राम- 15.5- 7.2
कुरुक्षेत्र- 10.6- 7.5
हिसार- 12.8- 6.5
रोहतक- 15.5- 7.8
सिरसा- 13.2- 6.4
नारनौल- 16.8- 6.2
नोट- तापमान डिग्री सेल्सियस में है।