दूसरों की जगह गणित की परीक्षा दे रहे थे, फ्लाइंग ने दबोचे 10 फर्जी परीक्षार्थी
जागरण संवाददाता, हिसार : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की परीक्षा में नकल रुकने का नाम नहीं ले रही ह
जागरण संवाददाता, हिसार : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की परीक्षा में नकल रुकने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार को हुई 12वीं कक्षा की गणित की परीक्षा में अलग-अलग स्कूलों में कुल 10 फर्जी विद्यार्थी पकड़े गए हैं। इन सभी विद्यार्थियों के नकल के केस बनाए गए और विभागिय कार्रवाई की गई। इन फर्जी विद्यार्थियों में से चार विद्यार्थी गांव गंगवा के सरकारी स्कूल में, तीन देवी भवन में, एक हांसी के राजकीय वरिष्ठ महाविद्यालय और दो अन्य स्कूलों में पकड़े गए हैं। ये विद्यार्थी अन्य विद्यार्थियों की जगह पर परीक्षाएं दे रहे थे। चैकिग के दौरान फ्लाइंग टीम और पुलिस ने इन विद्यार्थियों को भागने का मौका नहीं दिया। हालांकि बाद में विद्यार्थियों ने माफी मांग ली और भविष्य में ऐसा कदम नहीं उठाने की कसम खाई। जिसके बाद विद्यार्थियों को पुलिस को सौंपने की बजाए विभागीय कार्रवाई कर छोड़ दिया गया। सोमवार को जिले में बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षा दोहपर साढ़े बजे से साढ़े तीन बजे तक हुई थी।
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गिरफ्तार छात्र बोला, किमै आव ए कोनी था ज्यातै सीट लैके भाजग्या था, अदालत ने जेल भेजा -
नारनौंद के एक परीक्षा केंद्र से उत्तर-पुस्तिका लेकर फरार होने वाले छात्र प्रदीप को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। आरोपित प्रदीप ने बताया कि परीक्षा का दो घंटे का समय बीत चुका था। उसको किसी भी प्रश्न का उत्तर नहीं आता था। उसने सोचा कि बाहर जाकर किसी अन्य का सहारा लेकर प्रश्नों का हल करके उत्तरपुस्तिका को दोबारा से परीक्षा केन्द्र में जमा करवा देगा। लेकिन मामला ज्यादा बढ़ गया था। जिसके कारण उसको मौके से भागना पड़ा।
कोथ कलां के निजी स्कूल के दसवीं कक्षा के छात्र बड़ौदा निवासी प्रदीप का शनिवार को सामाजिक विज्ञान का पेपर था। परीक्षा समाप्त होने से पहले ही छात्र प्रदीप परीक्षा निरीक्षक और पुलिसकर्मियों को चकमा देकर उत्तर-पुस्तिका सहित परीक्षा केन्द्र से फरार हो गया था। जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरु कर दी थी। सोमवार को बडौदा बस स्टैंड से गिरफ्तारी के बाद उसे अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस ने छात्र से उत्तरपुस्तिका भी बरामद कर ली है।
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पंचायत के आग्रह के बाद उगालन का परीक्षा केन्द्र बहाल -
गांव उगालन के सरकारी स्कूल में बना 10वीं और 12वीं कक्षा का परीक्षा केंद्र बहाल कर दिया गया है। पंचायत द्वारा बोर्ड चेयरमैन को दिए आश्वासन के अनुसार 16 मार्च तक परीक्षाएं शांतिपूर्ण आयोजित करवानी थी। पंचायत ने नकल पर अंकुश लगाया तो इस परीक्षा को बहाल कर दिया गया है। बता दें कि गांव उगालन के सरकारी स्कूल में 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षा के लिए बोर्ड ने परीक्षा केन्द्र बनाया हुआ था। 9 मार्च को यहां 12वीं कक्षा का हिन्दी का पेपर लीक हो गया था और नकल की खूली पर्चियां सेंटर पर पड़ी हुई मिली थी। बोर्ड चेयरमैन ने इस पेपर को रद्द कर परीक्षा केन्द्र बदल दिया था। इसके बाद पंचायत ने नकल न होने देने की जिम्मेदारी ली और स्कूल के बाहर पहरा देकर बिना नकल परीक्षा करवाई। जिसके बाद परीक्षा केन्द्र को दोबारा से बहाल कर दिया गया है। वहीं, पूरे प्रदेश में रद्द हुए पेपर बोर्ड एक ही दिन करवाएगा। जिसकी तिथि की घोषणा जल्द की जाएगी। सूत्रों के अनुसार रद्द हुई परीक्षा का आयोजन चार या पांच अप्रैल को किया जा सकता है।
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कोथ कलां में फर्जी परीक्षार्थियों से निपटने को बोर्ड से मंगवाया रिकार्ड -
गांव कोथ कलां के सरकारी स्कूल में काफी छात्रों के रोल नंबरों पर ऐसे फोटो मिले थे, जिससे उनकी पहचान ना हो पाए। इसके बाद परीक्षा केन्द्र पर डयूटी दे रहे अधिकारियों ने इस परीक्षा केन्द्र के 250 छात्रों के रोल नंबर दोबारा भिवानी बोर्ड से मंगवाए। सोमवार को शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इस परीक्षा केन्द्र पर पहुंचे और परीक्षा दे रहे छात्रों के रोल नंबर व आधार कार्ड का मिलान किया। हालांकि कोई फर्जी छात्र सोमवार को परीक्षा केंद्र में नहीं मिला। शायद यही कारण रहा कि बहुत कम विद्यार्थी सोमवार को गणित की परीक्षा देने पहुंचे। बता दें कि शनिवार को कई परीक्षा केंद्र में फर्जी विद्यार्थी परीक्षा देते हुए पकड़े गए थे। निजी स्कूल संचालक छात्रों को बोर्ड की कक्षा में पास करवाने की गारंटी देकर उनके दाखिले अपने स्कूलों में कर लेते हैं और फिर जाल साजी करके उनकी जगह फर्जी तरीके से दूसरे छात्रों को परीक्षा में बैठा दिया जाता है।
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नारनौंद ब्लॉक में हैं सैकड़ों स्कूल, मान्यता सिर्फ 44 स्कूलों के पास -
सुनील मान, नारनौंद : नारनौंद ब्लॉक में सैकड़ों निजी स्कूलों की भरमार है, लेकिन उनमें से सिर्फ 44 स्कूल ही मान्यता प्राप्त हैं। बाकी स्कूल शिक्षा विभाग व सरकार को चूना लगाकर बिना मान्यता के ही चल रहे हैं। वहीं, आठवीं कक्षा तक की मान्यता लेकर कई स्कूल धड़ल्ले से से 12वीं तक के छात्रों का दाखिला दे रहे हैं। जाहिर है कि शिक्षा विभाग गहरी नींद में है। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि ब्लॉक में किसी भी बिना मान्यता के किसी भी स्कूल को नहीं चलने दिया जा रहा।
नारनौंद क्षेत्र के प्रत्येक गांव में चार से पांच निजी स्कूल चलाए जा रहे हैं, कुछ स्कूलों के पास तो मान्यता है, लेकिन अधिकांश स्कूल बिना मान्यता के ही चल रहे हैं। नारनौंद ब्लॉक के 44 स्कूलों के पास अलग-अलग कक्षा तक पढ़ाने की मान्यता है। 44 में से 8 स्कूलों के पास आठवीं कक्षा तक की और 20 स्कूलों के पास दसवीं तक और 12 स्कूलों के पास बाहरवीं कक्षा तक की मान्यता है। जबकि नारनौंद शहर में ही दर्जनों स्कूल गली-गली में खुले हुए हैं। इस संबंध में कार्यकारी खंड शिक्षा अधिकारी पुरूषोत्तम ने बताया कि जल्द ही बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों की लिस्ट जारी कर दी जाएगी और जिन स्कूलों के पास मान्यता नहीं है, उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।