इन दिनों तन्हा महसूस कर रहे सल्लू, अब अकेलापन दूर करेगी पंजाब की धन्नो
सल्लू कभी इधर तो कभी उधर घूमता हुआ नजर आता है। मगर अब सल्लू का अकेलापन जल्द ही दूर होने वाला है क्योंकि पंजाब की धन्नो अब सल्लू के पास ही रहेगी।
हिसार, जेएनएन। सल्लू इन दिनों बेहद अकेलापन महसूस कर रहा है। वह कभी इधर तो कभी उधर घूमता हुआ नजर आता है। मगर अब सल्लू का अकेलापन जल्द ही दूर होने वाला है, क्योंकि पंजाब की धन्नो अब सल्लू के पास ही रहेगी। बता दें कि भिवानी के चिडिय़ाघर में सल्लू नाम के तेंदुए को पिछले कई दिनों से अकेलापन महसूस हो रहा था। वह मायूसी लेकर चिडिय़ाघर में घूमता रहता है।
वन्य प्राणी विभाग को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने मामले की जांच की, जिसमें पाया कि तेंदुआ वयस्क है और उसके पास कोई मादा साथ नहीं है। स्थितियों को देखकर वन्य प्राणी विभाग ने सल्लू के लिए अलग-अलग चिडिय़ा घरों में मादा तेंदुए की तलाश करनी शुरू की।
यह तलाश पंजाब के छतबीड़ में जाकर समाप्त हुई। अब पंजाब के छतबीड़ चिडिय़ाघर से मादा तेंदुआ सल्लू के लिए चयनित कर ली गई है। कुछ दिन पहले भारत सरकार से इसको लाने के लिए वन्य प्राणी विभाग ने फाइल चलाई, जिसकी अनुमति भारत सरकार ने दे दी है। वन्य प्राणी विभाग के विशेषज्ञ बताते हैं कि अक्सर अकेलेपन के कारण जानवरों का मन नहीं लगता तो हम ऐसी ही प्रैक्टिस करते हैं जो सफल भी है।
भिवानी में 15 वर्षीय सल्लू का बढ़ेगा परिवार
हरियाणा में वन्य प्राणी विभाग का उद्देश्य है लोग अधिक से अधिक जंगली पशु व पक्षियों के बारे में जागरूक हों। इसके साथ ही तेंदुए जैसी प्रजातियों के बारे में बच्चों व लोगों को अधिक से अधिक जानकारी मिल सके। डीएफओ पवन ग्रोवर ने बताया कि सल्लू की उम्र करीब 15 वर्ष है और लगभग इसी उम्र की मादा को लाया जा रहा है। दोनों की जोड़ी जमी तो इस कपल का परिवार भी बढ़ेगा।
एक सप्ताह बाद पंजाब रवाना होगी टीम
हिसार के वन्य प्राणी विभाग से डीएफओ पवन ग्रोवर भिवानी जिले में भी विभाग के कार्य को देखते हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार से अनुमति आ गई है अब एक सप्ताह बाद भिवानी चिडिय़ाघर से एक टीम पंजाब के छतबीड़ के लिए रवाना होगी। इसको लाने के लिए विभाग की तरफ से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। विशेष ङ्क्षपजरे में मादा को पंजाब से लेकर आया जाएगा। रास्ते में मादा को क्या भोजन में दिया जाएगा, वह डाइट तय कर ली गई है। इसके साथ ही पिंजरे को ढककर पंजाब हरियाणा में भिवानी तक का सफर तय किया जाएगा। इसके साथ ही मादा तेंदुओं को किस प्रकार का व्यवहार पसंद है, उसकी आदतें आदि को भी जाना जाएगा ताकि भिवानी में आने के बाद वह सल्लू के साथ आराम से रह सके।