चाहे कितने भी गिले-शिकवें हों, बोलचाल बंद मत करो: संत कंवलानंद
जागरण संवाददाता हिसार कुंजलाल गार्डन में नव वर्ष के उपलक्ष्य में भजन-सत्संग कार्यक्रम आयोजित ि
जागरण संवाददाता, हिसार : कुंजलाल गार्डन में नव वर्ष के उपलक्ष्य में भजन-सत्संग कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं से संत कंवलानंद पुरी ने कहा कि आज के दिन हम सभी को संकल्प लेना चाहिए कि वो झूठ, फरेब, बेइमानी, ठगी आदि को छोड़कर ईमानदारी से अपना जीवन व्यतीत करेंगे और अपना मन सत्संग की ओर लगाएंगे। उन्होंने कहा कि किसी से भी कोई गिले-शिकवे हों। बोलचाल बंद नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से सभी दरवाजे बंद हो जाते हैं। अगर किसी की कोई गलती न भी हो तो भी उसे झुक जाना चाहिए क्योंकि झुकने वाले पेड़ पर ही फल लगते हैं।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अकड़ वाले की पहचान मुर्दे के रूप में होती है। झुकने वाला हमेशा महान होता है। संत कंवलानंद ने कहा कि मनुष्य को कभी भी अहंकार व क्रोध नहीं करना चाहिए। अहंकार मनुष्य का एक न एक दिन नाश कर देता है और घमंडी का सदैव सिर नीचा ही होता है। अहंकारी राजा रावण का उदाहरण सबके सामने है। घमंड के कारण रावण राज-पाठ तक गवां बैठा था। भगवान की भक्ति में मन लगाना चाहिये। इस जीवन में जितना समय प्रभु के लिए निकालोगे, उससे कहीं अधिक उसका फल भी पाओगे। साध्वी निर्भयोगानंद ने भी प्रवचन दिये। मंच का संचालन हांसी निवासी निर्मल हसीजा ने किया।
सत्संग में नगर निगम के मेयर गौतम सरदाना, पार्षद भीम ज्योति महाजन, भूपसिंह रोहिल्ला, वयोवृद्ध समाजसेवी बीके भारती, डॉ. तिलराज ढींगड़ा, सुभाष चिलाना, प्रेम गाबा, हरीश पबरेजा, प्रमोद मदान, संजय ग्रोवर, श्यामसुंदर रहेजा, मनोहर लाल नांगरू, सुरेश नांगरू, महेन्द्र पाल को स्मृति चिह्न व फल देकर सम्मानित किया गया। पूर्व पार्षद मनोहर लाल नांगरू ने मेरी माता दियां चुन्नियां सात रंगिया तेरे भजन प्रस्तुत किया जिस पर श्रद्धालु झूम उठे। सत्संग स्थल में पहुंचने पर रामलाल गाबा, संजय गाबा, ज्योति गाबा, अतुल, कृतिका, विजय गाबा, सोनिया, सतीश, पीयूष, धीरज, अनिष, हार्दिक, अरूण, मितांश भुटानी, प्रथम अरोड़ा आदि ने संत कंवलानंद का स्वागत किया। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने सत्संग का आनंद लिया।