विधायक के कहने पर भी श्रमिकों को नहीं दिया आश्रय, खुद गाड़ी चलाकर पहुंचे, अधिकारी किए तलब
जागरण संवाददाता हिसार प्रदेश में अफसरशाही कितनी हावी है इसका जीतता जागता उदाहरण
जागरण संवाददाता, हिसार : प्रदेश में अफसरशाही कितनी हावी है, इसका जीतता जागता उदाहरण गुरुवार को हिसार में देखने को मिला। यूपी और बिहार जाने वाले कई श्रमिक विश्वकर्मा धर्मशाला के बाहर आश्रय की आस में खड़े थे। मगर उनको आश्रय नहीं मिल रहा था। वहां मौजूद एक व्यक्ति ने इसकी शिकायत विधायक डा. कमल गुप्ता से की। विधायक ने तुरंत इसकी सूचना एचएसवीपी के ईओ व पूर्व में एसडीएम का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे डा. वेद प्रकाश को फोन पर दी और श्रमिकों को तुंरत प्रभाव से आश्रय देने को कहा। मगर 40 मिनट तक श्रमिक धर्मशाला के बाहर ही खड़े रहे। किसी ने इनकी सुध नहीं ली। इसके बाद विधायक के पास फिर फोन गया कि अब तक कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं आया। इस पर विधायक आग-बबुला हो गए और खुद गाड़ी चलाकर रेलवे रोड स्थित धर्मशाला में पहुंचे। उन्होंने देखा कि वहां कोई अधिकारी नहीं और श्रमिक बाहर भूखे-प्यासे बैठे हैं।
विधायक धर्मशाला के गेट पर कुर्सी डालकर बैठ गए और अधिकारियों को फोन मिलाया। विधायक ने डीसी डा. प्रियंका सोनी को फोन कर जवाब मांगा। डीसी ने तुंरत एसडीएम को मौके पर भेज दिया। इसके अलावा अन्य अधिकारी भी पहुंच गए। विधायक ने उनके आदेशों को गंभीरता से ना लेने पर जवाब मांगा और अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाई। विधायक ने डीसी को मामले की जांच करने और दोषी अधिकारी पर कार्रवाई करने के आदेश दिए।
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मेरे पास विधायक का फोन आया था। मगर मैंने उनको नंबर दे दिया था। मैं अभी कहीं बाहर हूं। बाद में फोन करता हूं।
- डा. वेद प्रकाश, ईओ, एचएसवीपी।
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मेरे पास शिकायत आई थी कि प्रवासी मजदूरों को धर्मशाला में आश्रय नहीं मिल रहा। मैं खुद मौके पर गया और अधिकारियों को तलब करके जांच करने के लिए कहा कि किसकी गलती है। इस बारे में डीसी से भी मैंने बात की और जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है।
- डा. कमल गुप्ता, विधायक, हिसार।