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विभागों के पास सिर्फ कागजी प्लान, न ड्रेनेज खुली, न सीवरेज साफ हुए, न सड़कों से बेसहारा पशु हटे

बरसात का मौसम सिर पर है। शहर में पॉश इलाके से लेकर कालोनियों तक में बरसाती नाला ठप है। लोगों को समाधान के नाम पर आश्वासन ही मिलता है। दिल्‍ली रोड के बरसाती नाले का निर्माण अधूरा है

By manoj kumarEdited By: Published: Fri, 07 Jun 2019 11:56 AM (IST)Updated: Fri, 07 Jun 2019 11:56 AM (IST)
विभागों के पास सिर्फ कागजी प्लान, न ड्रेनेज खुली, न सीवरेज साफ हुए, न सड़कों से बेसहारा पशु हटे
विभागों के पास सिर्फ कागजी प्लान, न ड्रेनेज खुली, न सीवरेज साफ हुए, न सड़कों से बेसहारा पशु हटे

हिसार, जेएनएन। बरसात का मौसम सिर पर है। शहर में पॉश इलाके से लेकर कालोनियों तक में बरसाती नाला ठप है। वर्षों से सफाई नहीं होने के कारण नाले में गाद जमी हुई है। कहीं-कहीं तो गाद जमने के कारण बरसाती नाला नजर ही नहीं आता। ऐसे में घरों में पानी भरने का डर शहरवासियों को सता रहा है। अफसरों को बार-बार शिकायत करने के बावजूद समाधान की कोई उम्मीद नजर नहीं आती। हर बार लोगों को समाधान के नाम पर आश्वासन ही मिलता है। दिल्‍ली रोड के बरसाती नाले का निर्माण भी पूरी तरह नहीं हो सका है।

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तीन सेक्टरों के वासी सीवरेज समस्या से परेशान

-सेक्टर-13 के दुर्गा मंदिर पार्क के पास ड्रेन बंद है। सीवरेज के कनेक्शन भी कुछ जगह ड्रेन में जोड़ रखे हैं। यहीं स्थिति सेक्टर 16-17 व कई जगह सेक्टर 9-11 में है। पार्षद अमित ग्रोवर जनता की समस्या देखने पहुंचे तो वहां मौजूद महावीर पूनिया, बलजीत, संतोष और कई सेक्टरवासी बोले कि करीब पांच साल से सीवरेज की सफाई नहीं हुई है। जिस कारण जलभराव की समस्या बनीं रहती है। बरसात के मौसम में तो हालात-बद से बदतर हो जाते हैं। वहीं दिल्ली रोड पर बरसाती नाले का निर्माण चल रहा है, उनमें भी जलभराव है। ऐसे में जलभराव की समस्या से निपटने की उम्मीद कम ही नजर आती है।

पार्षद कर रहे प्रयास और अफसर टरका रहे

पार्षद अमित ग्रोवर ने एचएसवीपी के जेई को मेयर से सामने बुलाया। 31 मई को जेई ने मेयर के सामने जनता के समाधान का आश्वासन किया। दावे के साथ बाहर आकर समाधान तो दूर मौका तक नहीं देखने आया। लोगों ने पार्षद फिर बुलाया तो एक्सईएन से बात हुई। मैं जेई को भेज दूंगा। बात हुए 48 घंटे बीते न एक्सइएन व जेई आए। समाधान तो दूर रहा।

कागजों में ड्रेनेज साफ, मौके पर इंजीनियरों को ड्रेनेज का पता तक नहीं

30 मई को अर्बन एस्टेट की आरडब्ल्यूए पदाधिकारी व क्षेत्र के सीनियर सिटीजन मेयर से ड्रेनेज सफाई की मांग करने पहुंचे। वह भी सुबूत के तौर पर फोटो साथ लेकर मिले। मेयर ने इंजीनियर तलब कर लिए। फिर समाधान का आश्वासन दिया। आश्वासन के सात दिनबाद भी ड्रेन की सफाई नहीं हो पाई। इस रास्ते पर राज्य सभा सांसद का निवास स्थान है। अब समाधान के लिए सीनियर सिटीजन ड्रेन की सफाई के लिए आमरण अनशन पर बैठने की तैयारी में है।

मेयर के आदेश के बाद इंजीनियरों के समाधान के कदम

मेयर के सामने जब आरडब्ल्यूए के महासचिव राकेश आर्य फोटो के साथ समस्या दिखा रहे थे तो निगम एसई और एक्सइएन ने पूर्व में समाधान करवाने का दावा किया। एक्सइएन ड्रेन साफ करवाने पहुंचे तो कोई ओर नाला साफ करवाकर लौट आए। यानि इंजीनियर को ये नहीं पता था की ड्रेन है कहां। ऐसे में काम की जांच हो तो कागजों में हुए काम का बड़ा खुलासा होने की संभावना है।

न शुद्ध पेयजल का प्रबंध, न सीवरेज व ड्रेनेज साफ

मीलगेट एरिये में बना बरसाती नाला और सीवरेज सिस्टम की कभी सही से सफाई ही नहीं हो पाई। पार्षद उमेद खन्ना का आरोप है कि करीब 10 साल से तो मैं नोटिस कर रहा हूं कि आज तक मिलगेट सड़क से लेकर सेक्टर 1-4 तक कभी ड्रेनेज या सीवरेज सिस्टम साफ नहीं हो पाए। इस सड़क से वार्ड-5, वार्ड-6, वार्ड-7 और वार्ड-9 का एरिया शामिल है। चार वार्डों की करीब 50 हजार जनसंख्या इस रास्ते से प्रभावित है। सालों से यहां सीवरेज जाम की समस्या रहती है अब तो हालात ये है कि कई कई दिन तो सफाई कर्मचारी ही नहीं आते।

पार्षद की हाउस में मुद्दा उठाने के बाद अफसरों के कदम

 पार्षद उमेद खन्ना ने बताया कि 7 मार्च को ड्रेन और सीवरेज की सफाई व शुद्ध पेयजल का मुद्दा हाउस की बैठक में उठाया था। इसके बाद एमई मौका देखने आया। उसके बाद आज तक कोई समाधान के लिए नहीं आया। केवल एक ही जवाब है कि आपके एरिये में पशु है। सरकार जनसुविधा के बड़े बड़े वादे कर रही थी वह कागजों में शून्य है। अफसरों की जवाबदेही तय न होने के कारण लापरवाही का आलम बड़े स्तर पर है।

लाखों खर्च फिर भी समाधान बीच में इंजीनियरों छोड़ा

विकास कार्यों को बेहतर तरीके से कर पाने में हिसार के इंजीनियर फेल हो रहे है। फिर चाहे दिल्ली रोड की ड्रेन हो या पीएलए की। जहां करोड़ों खर्च करने के बाद भी आज तक जनता के लिए सहुलियत नहीं कर पाए। पार्षद महेंद्र जुनेजा की माने तो पीएलए के कम्यूनिटी सेंटर से सीआइडी क्वार्टर की तरफ बनी ड्रेनेज पर जनता का लाखों रुपये खर्च हुआ। वह ड्रेनेज आज तक चौक है। पटेल नगर, कैंप, सेक्टर 15 व आसपास की कालोनियों की करीब 50 हजार से ज्यादा की आबादी इस ड्रेनेज से प्रभावित है।

पार्षद की ओर से मुद्दा उठने के बाद समाधान : पार्षद महेंद्र जुनेजा ने कहा कि अफसरों से लेकर कई बार पूर्व में हाउस की बैठकों में इस बरसाती नाले का मुद्दा उठा चुका हूं। कई बार इंजीनियरों व अफसरों ने मौका देखा। समाधान ये है कि आज भी ड्रेनेज चौक है। पानी निकासी का प्रबंध ही नहीं है।

ये भी जाने

विभागों के फेर में कैसे जनता की समाधान उलझे ये भी जाने : अर्बन एस्टेट में ड्रेनेज सफाई के लिए सीनियर सिटीजन ने सुपर शकर मशीन की मांग की। जो जनस्वास्थ्य विभाग के पास है। 7 दिन में निगम प्रशासन जनता की सहुलियत के लिए मशीन नही ले पाया। पार्षद ने सेक्टर 16-17 में सीवरेज व ड्रेनेज सफाई की एक्सइएन एचएसवीपी से मांग की तो उन्होंने कहा कि सीवर दिखवा देता हूं। इसी प्रकार कई मामलों में विभागीय फेर में समाधान उलझ रहे है।

मेयर का जवाब : शहर की ड्रेनेज सफाई के लिए मानसून से पहले नगर निगम अफसरों को आदेश दिए है। जो ड्रेनेज व सीवरेज व्यवस्था जनस्वास्थ्य विभाग के पास उन्हें भी पत्र भिजवाया गया है कि वे उनकी सफाई करवाए। ताकि शहर में जलभराव न हो।

- गौतम सरदाना, मेयर, नगर निगम हिसार।

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