ई- प्रणाली को आगे बढ़ाने और हिसार के गजट को बनाने में विभागों की नहीं दिलचस्पी
डीसी और एडीसी को बार-बार समीक्षा करनी पड़ रही है फिर भी विभाग कार्य नहीं कर रहे हैं। इन कार्यों में दो प्रमुख कार्य हैं। पहली स्थिति को ई-ऑफिस की खराबी है दूसरी स्थिति हिसार के 40 वर्ष बाद बन रहे गैजेटियर की है।
हिसार, जेएनएन। सरकारी विभागों में सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यों के लिए जमकर उच्चाधिकारियों को पसीना बहाना पड़ रहा है। डीसी और एडीसी को बार-बार समीक्षा करनी पड़ रही है फिर भी विभाग कार्य नहीं कर रहे हैं। अब थक हारकर अधिकारी सख्त चेतावनी देते नजर आ रहे हैं। इन कार्यों में दो प्रमुख कार्य हैं। पहली स्थिति को ई-ऑफिस की खराबी है दूसरी स्थिति हिसार के 40 वर्ष बाद बन रहे गैजेटियर की है। दोनों ही कार्यो में अभी कई विभाग गंभीरता नहीं दिखा पा रहे हैं। अब ऐसे विभागों के अफसरों पर प्रशासन कार्रवाई कर सकता है। इसके संकेत जिला उपायुक्त ने भी दे दिए हैं।
केस 1---ई- ऑफिस में यह है हाल
भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना के तहत ई-ऑफिस प्रणाली लागू की गई है। एडीसी ने समीक्षा की तो पता चला कि कुछ विभाग ऐसे हैं, जिनकी फाईलों की मूवमेंट ई-ऑफिस प्रणाली पर या तो काफी कम है या बिल्कुल भी नहीं है। ऐसे विभागों के अफसरों को एडीसी अनीश यादव ने तीन दिन का समय दिया है। एडीसी ने यह तक कह दिया है कि कहा कि ई-ऑफिस मिशन मोड प्रणाली में कार्य को तय समय में निपटान को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की गई है।
केस 2--हिसार गजट के लिए नहीं दे रहे जानकारियां
लगभग 40 वर्ष के बाद संशोधित तथा नवीनत्तम जानकारियों के साथ दोबारा से जिले का गजेटियर प्रकाशित करने की योजना पर प्रशासन काम कर रहा है। विभागों से बार-बार गजट के लिए सूचनाएं व तथ्य मांगे जा रहे हैं मगर इस काम में भी विभगाें के अध्यक्ष देरी कर रहे हैं। बुधवार को इसके लिए डीसी को बैठक बुलानी पड़ गई है। जबकि प्रशासन गंभीरता से गजट पर काम कर रहा है। हालांकि कुछ विभागों ने जानकारी भेज भी दी है। गजट बनेगा तो लोगों को नई-नई जानकारियां मिल सकेंगी।