हरियाणा में बारिश के बाद डेंगू के केस बढ़े, अभी डेढ़ महीना और बरतनी होगी सावधानी
बारिश के बाद डेंगू के केस बढ़ रहे हैं। मलेरिया से ज्यादा रफ्तार डेंगू की है। डेंगू के अभी जितने केस हैं उससे दो सप्ताह पहले तक आधे केस थे। सितंबर की शुरुआत तक डेंगू के केस न के बराबर थे लेकिन अब स्थिति बदल गई है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : हरियाणा में पिछले महीने हुई बारिश के बाद डेंगू के केस बढ़ रहे हैं। मलेरिया से ज्यादा रफ्तार डेंगू की है। डेंगू के अभी जितने केस हैं, उससे दो सप्ताह पहले तक आधे केस थे। हाल ही में डेंगू के कई केस मिल चुके हैं। सितंबर की शुरुआत तक डेंगू के केस न के बराबर थे, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। दिल्ली के साथ लगते झज्जर जिले में डेंगू के 27 केस मिले चुके हैं। वहीं मलेरिया के 13 केस मिले हैं। पिछले महीने के आखिरी सप्ताह में हुई बारिश से मच्छरों के पनपने के अनुकूल मौसम बन गया है।
ऐसे में नवंबर के मध्य तक मच्छर जनित बीमारियों का खतरा ज्यादा रहेगा। यानी सर्दी के आगमन तक मच्छरों से बचाव करना होगा। विगत में करीब एक महीने तक न के बराबर बारिश होने से मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल माहौल नहीं बना था। ऐसे में मच्छरों की तादाद भी कम थी, मगर बहादुरगढ़ में सितंबर के आखिर में 100 एमएम से ज्यादा बारिश हुई। इसके बाद से मच्छर पनप रहे हैं।
डेंगू व मलेरिया से डेढ़ महीने बरतनी होगी सावधानी
मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए वैसे तो स्वास्थ्य विभाग की टीमें गर्मी की शुरूआत से ही घर-घर जाकर लार्वा रोधी अभियान चला रही हैं। जहां पर मच्छर का लार्वा पाया गया वहां पर नोटिस भी दिए गए, लेकिन डेंगू व मलेरिया का सीजन नवंबर तक होता है। इस बार जुलाई व अगस्त में केस नहीं गए, लेकिन सितंबर के मध्य से अचानक से डेंगू व मलेरिया के केस बढ़ने लगे हैं।
चूंकि नवंबर तक सर्दी ज्यादा नहीं होती। ऐसे में तब तक मच्छर सक्रिय रहते हैं। जाहिर है कि जब तक मच्छर सक्रिय रहेंगे तब तक मच्छर जनित डेंगू व मलेरिया का भी खतरा रहेगा। हालांकि पिछले साल के मुकाबले तो इस बार डेंगू के केस अभी तक कम हैं, लेकिन अब अगले डेढ़ महीने खतरा रहेगा। वर्ष 2021 में झज्जर जिले में 323 डेगू के केस थे।
विभाग है सतर्क
झज्जर जिले में डीएमओ डा. तीर्थ बागड़ी का कहना है कि अभी तक जिले में मलेरिया के 13 केस आए हैं और डेंगू के 27 केस मिले हैं, लेकिन अब डेंगू को लेकर ज्यादा सावधानी बरतनी होगी, क्योंकि इस मौसम में इसकी संभावना ज्यादा रहती है।