रोहतक के खोखराकोट में नशा बेचकर जोड़ी संपत्ति पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, भारी पुलिस बलों तैनात
हरियाणा सरकार नशा बेच कर जोड़ी अवैध संपत्ति पर कार्रवाई कर रही है। इस कड़ी में रोहतक में भारतीय पुरातत्व विभाग की जमीन पर अवैध कब्जों के खिलाफ शनिावर को कार्रवाई हु्ई। नगर निगम की टीम ने खोखरा कोट क्षेत्र में अवैध कब्जे हटवाने की कार्रवाई शुरू की।
रोहतक, जागरण संवाददाता। रोहतक में नशे के खिलाफ सरकार की सख्ती का असर धरातल पर दिखने लगा है। शनिवार को नशा बेचकर संपत्ति जोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई हुई। नगर निगम, पुलिस और प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की। भारी पुलिस बलों की मौजूदगी में कार्रवाई जारी है। खोखरा कोट में करीब 600 गज में निर्माण कर लिया था, वह निर्माण ढहा दिए।
नगर निगम की टीम ने पुलिस के साथ पहुंचकर कार्रवाई की
नगर निगम की टीम सुबह ही खोखरा कोट पहुंची। खोखरा कोट में पहुंचकर अवैध निर्माण को चिह्नित किया। इसके बाद कार्रवाई शुरू हो गई। निगम की बिल्डिंग ब्रांच ने कार्रवाई के लिए करीब 60 कर्मचारी सुबह ही निगम कार्यालय में बुला लिए थे। हालांकि किसी को यह नहीं बताया कि कहां कार्रवाई होनी है। सुबह ही कर्मचारी पहुंचे। इसके बाद पुलिस बल भी पहुंच गया। निगम की फिलहाल कार्रवाई जारी है।
कार्रवाई को लेकर नगर निगम और पुलिस की अलग-अलग कहानी
नगर निगम की कार्रवाई की सूचना लीक न हो, इसके लिए गोपनीयता बरती गई। कर्मचारियों को माता दरवाजा चौक के निकट कार्रवाई करने का संदेश दिया गया। इसलिए कर्मचारी पहुंच गए। नगर निगम की बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि पुरातत्व विभाग की जमीन पर एक परिवार का कब्जा है, यहां 600 गज जमीन में घर, बाउंड्री आदि का निर्माण कर लिया है। जबकि पुलिस ने दावा किया है कि नशा बेचकर जिन्होंने संपत्ति जोड़ी थी, उनके खिलाफ एक्शन हुआ है। फिलहाल एक महिला के घर को ढहाया गया है। संबंधित आरोपित महिला का पूरा परिवार नशे की बिक्री से जुड़ा हुआ है।
निगम के अधिकारी बोले, पुरातत्व विभाग की जमीन पर कब्जा, इसलिए कार्रवाई
भारतीय पुरातत्व विभाग की जमीन पर अवैध कब्जों के खिलाफ शनिावर को कार्रवाई हु्ई। नगर निगम की टीम ने खोखरा कोट क्षेत्र में अवैध कब्जे हटवाने की कार्रवाई शुरू की। निगम की टीम ने साथ भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। अभी भी कार्रवाई जारी है। जिन घरों को ढहाया गया, उन्होंने विरोध भी किया। मगर पुलिस की घेरेबंदी का अंदाजा इसी से लगाया कि पुलिस का घेरा तोड़कर कोई अंदर नहीं जा सकता था। किसी भी विरोध को देखते हुए वीडियोग्राफी भी कराई गई।