अमेरिका-डेनमार्क में भी मुर्राह नस्ल की भैंसों की डिमांड, अब आंध्र प्रदेश के लिए उठाया ये कदम
अगले तीन साल तक 50 से 60 हजार के बीच इसी नस्ल की भैंस आंध्र प्रदेश में खरीदकर भेजी जाएंगी। आंध्र प्रदेश सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों को यह भैंस सब्सिडी पर मुहैया कराएगी।
अरुण शर्मा, रोहतक
: हरियाणा की मुर्राह नस्ल की भैंस के मुरीद देश के तमाम राज्यों के साथ ही कई बड़े देश भी हैं। पड़ोसी राज्यों के साथ ही दूसरे राज्यों में सिर्फ मुर्राह नस्ल का डंका बजता है। जबकि विदेश में बड़े पैमाने पर सीमन भेजा जाता है। आंध्र प्रदेश सरकार ने भी अब मुर्राह नस्ल की भैंस खरीदने का फैसला लिया है। कारोबारी मानते हैं कि इससे देश और दुनिया में दुग्ध क्रांति होगी।
रोहतक स्थित पुराने डेयरी कॉम्प्लेक्स को एशिया की सबसे बड़ी भैंस मंडी होने का दावा किया जाता है। कारोबारी राजीव खुराना कहते हैं कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली सहित तमाम राज्यों में कृषक भैंस ले जाते हैं। जबकि डेयरी एसोसिएशन के प्रधान राजकमल राजू सहगल कहते हैं कि सबसे ज्यादा डेनमार्क और अमेरिका में सीमन की डिमांड है। इनका यह भी दावा है कि आस्ट्रेलिया, कनाडा से लेकर दूसरे कृषि से जुड़े देशों में मुर्राह नस्ल के सीमन को भेजा जाता है। कारोबारियों का दावा है कि दूध और कीमत में मुर्राह नस्ल की भैंस बेजोड़ है। कारोबारी कहते हैं कि कई दफा कीमत बहुत ज्यादा होने के बावजूद भी खरीददारों की कतारें लग जाती हैं। 150 किमी के दायरे में इस नस्ल की भैंस
कारोबारियों ने दावा किया है कि समूचे हरियाणा और दूसरे राज्यों में इस नस्ल की भैंस मिलती हैं। मुर्राह नस्ल की भैंस रोहतक से 150 किमी के दायरे में सबसे बेहतर नस्ल मानी जाती है। इनका यह भी कहना है कि पंजाब, राजस्थान, बिहार आदि राज्यों में भी इनकी नस्ल हैं। सबसे बेहतर नस्ल हरियाणा की मानी जाती है। जीएसटी के दायरे में नहीं आता कारोबार, इसलिए भी किसानों को फायदा
माल एवं सेवाकर(जीएसटी) के दायरे में भैंस की खरीद-फरोख्त का कारोबार नहीं है। भैंस कारोबार से जुड़े राजीव खुराना कहते हैं कि पशु पालकों से ही हमारा पूरा कारोबार संचालित है। जीएसटी लग जाता तो पशु पालक को नुकसान होता। इससे हमारा कारोबार चौपट होता। इसलिए हमने सरकार को पहले ही अवगत करा दिया था। आंध्र प्रदेश में दूध का टोटा दूर करेंगी प्रदेश की मुर्राह नस्ल की भैंसे
हरियाणा की मुर्राह नस्ल की भैंस अब आंध्र प्रदेश में दूर का टोटा दूर करेंगी। आंध्र प्रदेश सरकार ने रोहतक की डेयरी एसोसिएशन से भैंस खरीदने का करार किया है। अगले तीन साल तक 50 से 60 हजार के बीच इसी नस्ल की भैंस आंध्र प्रदेश में खरीदकर भेजी जाएंगी। आंध्र प्रदेश सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों को यह भैंस सब्सिडी पर मुहैया कराएगी। सात दिनों के अंदर किसानों से भैंस खरीदने का कार्य शुरू हो जाएगा। जिन किसानों से भैंस खरीदी जाएंगी, उन्हें चेक से रकम का पेंमेंट होगा।
आंध्र प्रदेश सरकार से हुए करार की जानकारी डेयरी एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी। रविवार को दिल्ली रोड स्थित एक निजी होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुए एसोसिएशन के प्रधान राजकमल राजू सहगल व राजीव खुराना ने बताया आंध्र प्रदेश सरकार के साथ दो संस्थाओं का करार हुआ है। दावा किया है कि रोहतक स्थित पुराने डेयरी कॉम्प्लेक्स एशिया की सबसे बड़ी मार्केट है। अगले सप्ताह से यहां हर रोज 200 से 250 किसानों से भैंस खरीदी जाएंगी। किसानों से खरीदी जाने वाली भैंस की कीमत 55 से 70 हजार रुपये तक रखी जाएगी। किसानों से खरीदी गई भैंस के दूध के साथ स्वास्थ्य जांच के लिए आंध्र प्रदेश सरकार अपनी टीम भेजेगी। जांच के बाद ही भैंस वहां भेजी जाएंगी। करीब 460 करोड़ तक का यह करार होने का दावा भी किया है। इस दौरान राजकमल राजू सहगल, राजीव खुराना, विजय मलिक, संदीप मिक, नंद कपूर, रोशन उप्पल, गुलशन, ¨रकू सिक्का, हरीश क्वातड़ा, गुलशन क्वातड़ा, बसंत उप्पल, दर्शन गांधी आदि मौजूद रहे।
सोमवार को बैठक में तय होंगे भैंस के दाम
एसोसिएशन के प्रधान राजू सहगल ने बताया कि डेयरी एसोसिएशन से करीब 150 कारोबारी जुड़े हुए हैं। पुराने डेयरी कॉम्प्लेक्स में ही रोहतक, झज्जर, सोनीपत, पानीपत, जींद, जुलाना, नरवाना के साथ ही पंजाब, राजस्थान, बिहार व हरियाणा की भैंस खरीदी जाएंगी। पहले चरण में मार्च 2019 तक भैंस खरीदी जाएंगी। इसके बाद अगले तीन साल तक यही क्रम सीजन के हिसाब से चलेगा। किसानों से प्रति भैंस के दाम तय करने के लिए सोमवार को एसोसिएशन के पदाधिकारी बैठक करेंगे।
200 पशु चिकित्सकों की टीम डालेगी डेरा
जो भैंस किसानों से खरीदी जाएंगी, उनकी नस्ल, दूध की असल क्षमता आदि की जांच करने के लिए आंध्र प्रदेश से करीब 200 पशु चिकित्सक डेरा डालेंगे। जब पशु चिकित्सकों की रिपोर्ट सही होगी, तभी यहां से भैंस आंध्र में भेजी जाएंगी। पेमेंट चेक से ही होगा, इसलिए हर हाल में किसानों को बैंक खाते खुलवाने होंगे। जो किसान भैंस बेचेंगे उन्हें सरपंच से सत्यापित पत्र अपने साथ लाना होगा। इसके साथ ही आधार कार्ड की कॉपी और बैंक एकाउंट की कॉपी भी साथ लानी होगी।