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धनतेरस पर मुंबई व राजकोट के चांदी के आभूषणों की बढ़ी डिमांड

धनतेरस पर ज्‍यादातर लोग चांदी की कटोरी ग्लास तुलसी के पत्ते हाथी कछुआ चूहा उल्लू कमल का फूल चांदी के सिक्के आदि खरीदना पसंद करते हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 03:38 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 03:38 PM (IST)
धनतेरस पर मुंबई व राजकोट के चांदी के आभूषणों की बढ़ी डिमांड
धनतेरस पर मुंबई व राजकोट के चांदी के आभूषणों की बढ़ी डिमांड

जेएनएन, हिसार : धनतेरस पर चांदी की खरीद सबसे अधिक होती है, क्योंकि धनतेरस पर चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस पर अधिकतर लोग चांदी की कटोरी, ग्लास, तुलसी के पत्ते, हाथी, कछुआ, चूहा, उल्लू, कमल का फूल, चांदी के सिक्के आदि खरीदना पसंद करते हैं। इन्हें दिवाली पूजा पर भी शुभ माना जाता है। कछुए को तरक्की का चिह्न माना जाता है। इसलिए अधिकतर लोग धरतेरस पर चांदी की अंगूठी खरीदना पसंद कर रहे हैं।

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चांदी के सिक्कों की होती है अधिक बिक्री

इन दिनों चांदी का भाव करीब 46 हजार रुपये प्रतिकिलो है। मार्केट में सबसे अधिक बिक्री चांदी के सिक्कों की होती है, जिसमें 10 ग्राम, 20 ग्राम, 50 ग्राम, 100 ग्राम, 200 ग्राम के सिक्के खरीदे जाते हैं। वहीं एक किलो के सिक्के 10 प्रतिशत लोग खरीद पाते हैं।

चांदी की 60 प्रतिशत आभूषणों की होती है बिक्री

न सिर्फ धनतेरस पर बल्कि दिवाली पर भी चांदी की खरीदारी अधिक रहती है। कुल मिलाकर इस त्योहारी सीजन में चांदी की 60 प्रतिशत बिक्री होती है। वहीं सोने के आभूषणों की सिर्फ 40 प्रतिशत खरीदारी हो पाती है।

मुंबई व राजकोट से भी आते हैं आभूषण

खजांचियान बाजार में चौधरी ज्वेलर्स के संचालक कपिल सोनी का कहना है कि उनके पास मुंबई, राजकोट, दिल्ली से बने अधिकतर आभूषण आते हैं। हालांकि कुछ आभूषणों का ऑर्डर यहां भी आता है, तो उन्हें यहां हम खुद भी तैयार करते हैं।


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