राजस्थान में जीत के साथ दीपेंद्र का पार्टी में बढ़ा कद, पर्यवेक्षक बना भेेेेजा था हाईकमान ने
राज्यसभा की तीन सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस हाईकमान ने दीपेंद्र को भेजा था पर्यवेक्षक। दीपेंद्र हुड्डा ने अपने राजनीतिक रसूखों के चलते कांग्रेस के दोनों उम्मीदवारों को दिलाई जी
रोहतक, जेएनएन। राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस दो सीटें जीतने में सफल रही। एक सीट पर क्रॉस वोटिंग की संभावना थी, इसलिए कांग्रेस हाईकमान ने राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा था। उन्होंने राजस्थान में अपने राजनीतिक रसूखों के चलते क्रॉस वोटिंग की उम्मीदों को खत्म करते हुए दोनों उम्मीदवारों को जीत दिलाई है। इन परिणामों से पार्टी में उनका कद पहले से ज्यादा बढ़ गया है। बता दें कि हरियाणा में हुए राज्यसभा चुनाव में दीपेंद्र सिंह हुड्डा राज्यसभा में निर्विरोध चुने गए थे।
राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा को राजस्थान में पर्यवेक्षक बनाकर भेजने के पीछे कांग्रेस हाईकमान के कई कारण है। एक तो राजस्थान के मिर्धा परिवार के दामाद हैं, जो वहां की राजनीति में बड़ा दखल रखता है। डिप्टी सीएम सचिन पायलट से उनकी दोस्ती है क्योंकि दोनों कांग्रेस में दूसरी पंक्ति के युवा नेता हैं। साथ ही, राजस्थान युवा कांग्रेस के अलावा राज्य के कई मंत्री व विधायकों के साथ दीपेंद्र हुड्डा के सीधे संबंध है। उधर, उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ दोस्ताना संबंध है। इन सब बातों को देखते हुए हाईकमान ने युवा नेता दीपेंद्र हुड्डा को भेजने का निर्णय लिया। हाईकमान ने जो जिम्मेदारी उनको दी, उसे बखूबी निभाने में भी कामयाब हो गए। दीपेंद्र हुड्डा ने राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल और नीरज दांगी को जीत पर शुभकामनाएं भी दी है। बता दें कि तीन दिन पहले और दो दिन चुनाव के दौरान दीपेंद्र हुड्डा राजस्थान में रहें।
दीपेंद्र ने किया ट्वीट
लोकसभा में सचेतक रहे संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को राजस्थान से राज्यसभा में निर्वाचित होने पर हार्दिक बधाई। राजस्थान से दो सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार विजयी हुए और जोड़-तोड़ की राजनीति हारी। इस चुनाव में पार्टी द्वारा दी गई जिम्मेदारी को निभाने का अवसर मिला।