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दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, हुड्डा सरकार की पदक लाओ, पद पाओ नीति को बनाया गया भेदभाव नीति

राज्‍यसभा सदस्‍य दीपेंद्र हुड्डा ने कहा बजरंग पूनिया साक्षी मलिक मंजीत चहल अमित पंघालनीरज चोपड़ा जैसे अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों तक को उचित पद नहीं मिला।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 08:20 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 08:20 PM (IST)
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, हुड्डा सरकार की पदक लाओ, पद पाओ नीति को बनाया गया भेदभाव नीति
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, हुड्डा सरकार की पदक लाओ, पद पाओ नीति को बनाया गया भेदभाव नीति

रोहतक, जेएनएन। भाजपा सरकार में लगातार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाडिय़ों की अनदेखी और बेअदबी हो रही है। खिलाडिय़ों के लिए बनाई गई हुड्डा सरकार की पदक लाओ,पद पाओ नीति को भाजपा भेदभाव नीति बनाकर रख दिया है। यह कहना है कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य और राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा का। 

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दीपेंद्र हुड्डा ने मौजूदा सरकार के खिलाफ खिलाडिय़ों में बढ़ते रोष का संज्ञान लेते हुए खिलाडिय़ों के हक़ में आवाज उठाई है। उनका कहना है कि हुड्डा सरकार के दौरान खेल नीति के तहत 700 से ज्यादा खिलाडिय़ों को उच्च पद दिए गए थे। हजारों खिलाडिय़ों को नकद व दूसरे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। लेकिन भाजपा सरकार में महज इक्का-दुक्का खिलाडिय़ों को ही पद मिला है।

दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, भाजपा सरकार की इस अघोषित खेल नीति में देश का सबसे बड़ा सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न हासिल करने वाले पहलवान बजरंग पुनिया को भी जगह नहीं दी गई। बजरंग पुनिया कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड, एशियाई खेलों, एशियन चैंपियनशिप  सहित कई अंतरराष्ट्रीय  मेडल जीत चुके हैं। फिर भी इस सरकार ने अपनी नयी अघोषित खेल नीति में उन्हें कोई पद हासिल करने के लायक नहीं समझा। इसी तरह ओलंपिक  में मेडल दिलवाने वाली पहलवान साक्षी मलिक को उचित पद से वंचित रखा जाना भी समझ से परे है।

दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, गोल्ड मेडल विजेता मंजीत चहल जैसे उम्दा खिलाड़ी के पास भी आज नौकरी नहीं है।  दुनिया के नंबर वन बॉक्सर अमित पंघाल को भी सरकार ने अब तक पद नहीं दिया है। भाला फेंकने में कई रिकॉर्ड स्थापित करने और कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा को भी मौजूदा सरकार ने अबतक नजर अंदाज किया है। राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में मेडल विजेता विनेश फोगाट भी उचित सम्मान से वंचित हैं। इतना ही नहीं कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का नाम रोशन कर चुके पैरा एथलीट अमित सरोहा और एकता भ्याण जैसे खिलाडिय़ों की भी इस सरकार में अनदेखी हुई है। इनके अलावा ऐसे कितने ही खिलाड़ी हैं जिन्हें अपना पद और सम्मान हासिल करने के लिए कोर्ट में लड़ाई लडऩी पड़ रही है। पूरी दुनिया में प्रदेश का नाम रोशन करने वाले खिलाडिय़ों के प्रति सरकार का ऐसा रवैया हैरान और परेशान करने वाला है।


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