प्रेमिका संग भागे युवक की मौत मामले ने पकड़ा तूल, मांगों को लेकर 24 घंटे से धरने पर परिजन
हिसार में मय्यड़ गांव का युवक एक किशाेरी के साथ भाग गया था। पकड़े जाने पर पुलिस कस्टडी में युवक की जहर से मौत हो गई थी। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को मौत का जिम्मेदार बताया है।
अग्रोहा (हिसार) जेएनएन। प्रेमिका संग भागने वाले युवक की पुलिस कस्टडी के दौरान जहर से मौत होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मौत के 24 घंटे बीतने के बावजूद युवक का न तो पोस्टमार्टम हो सका है और न ही अंतिम संस्कार हुआ है। मृत युवक की कोविड रिपोर्ट भी अभी आनी बाकी है। वहीं परिजन मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। मय्यड़ गांव में धरना चल रहा है। स्वजनों ने प्रशासन को मांगे पूरी करने के लिए सुबह 11 बजे तक का आश्वासन दिया था।
इससे पहले रविवार को मय्यड़ के युवक अमित को पकडऩे के बाद हालत बिगडऩे और अग्रोहा मेडिकल में उपचार के दौरान मौत होने पर परिवार ने शव लेने से मना कर दिया। परिवार मय्यड़ में देर रात तक धरना पर बैठा रहा। डीएसपी-तहसीलदार ने उनको समझाने का प्रयास किया, लेकिन परिवार अपनी मांग पर अड़ा है। परिवार किसी भी सूरत में धरने से उठने को तैयार नहीं है। मौत के बाद सामने आया कि मृतक के पिता ने ही किशोरी के परिवार को उनकी बेटी के मय्यड़ में होने की सूचना दी थी।
उसके बाद परिवार सहित पुलिस गांव पहुंची थी। दूसरी तरफ अगर रिकार्ड पर नजर डालें तो पुलिस ने जब अमित को मय्यड़ से पकड़ा तो वह करीब डेढ़ घंटा पुलिस हिरासत में रहा। इस दौरान हालत बिगडऩे पर उसे अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में दाखिल करवाया गया। पुलिस खुद मानती है कि अमित को करीब सात बजे गांव से लेकर चली थी और अग्रोहा मेडिकल का रिकार्ड उसका वहां दाखिला 8 बजकर 40 मिनट पर दिखा रहा है।
पुलिस के अनुसार किशोरी के साथ अमित 6 अगस्त को दोपहर को घर पहुंचा था। पिता को पूरी बात बताई तो उसके पिता ने उसी समय किशोरी के पिता को सूचित कर दिया। परिवार उसी समय पुलिस को लेकर गांव मय्यड़ पहुंच गया। वहां से करीब 7 बजे पुलिस अमित को लेकर गांव से निकली। हालत बिगडऩे पर उसे अग्रोहा मेडिकल में दाखिल करवाया, जहां उसकी रविवार सुबह मौत हुई। परिवार ने आरोप लगाया कि जब पुलिस लेकर गई तो वह ठीक था। पुलिस ने जब तक उसको मेडिकल में दाखिल करवाया तो वह इतना समय पुलिस के पास ही रहा।
रविवार को ऐसे चला घटनाक्रम
- सुबह 9 बजे : डाक्टरों ने मय्यड़ निवासी अमित को मृत घोषित कर दिया
- सुबह 11 बजे : सूचना मिलने के बाद परिवार व गांव के लोग अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में एकत्रित हुए।
- सुबह 11 बजे : डीएसपी, अग्रोहा थाना प्रभारी सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे।
- दोपहर 3 बजे : पुलिस को शव लेने से इन्कार करने के बाद परिवार के लोग मेडिकल कॉलेज से गांव की तरफ रवाना।
- शाम 4 बजे : स्वजनों व ग्रामीणों ने गांव में दिल्ली रोड के पास दिया धरना।
- शाम करीब साढ़े 5 बजे : डीएसपी, तहसीलदार ने कई घंटों तक ग्रामीणों को मनाने का प्रयास किया लेकिन परिवार मानने को तैयार नहीं था।
कमाई से घर चलाता था अमित
मृतक अमित को काफी साल काम करते हुए हो गए थे। उसकी कमाई से घर का खर्चा चल रहा था। बड़े भाई के पास काम नहीं होने के कारण वह घर पर रहता है। पिता फूल कुमार भी मजदूरी करते है लेकिन अमित पर परिवार निर्भर था। अब उसके जाने के बाद परिवार को भी आर्थिक संकट से जूझना पड़ सकता है।