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पेड़ से उलझी पतंग की डोर में बन रही जानलेवा, फंसा परिंदा, लोगों की कोशिश से बचाी जान

स्वतंत्रता दिवस पर हर बार की तरह ही इस बार भी खूब पतंगबाजी हुई। ऐसे में बिजली कार्यालय परिसर में खड़े सफेदे के सूखे पेड़ में कटी हुई पतंग की डोर उलझी थी। दोपहर के समय एक परिंदा पेड़ पर आकर बैठा।

By Naveen DalalEdited By: Published: Tue, 16 Aug 2022 05:12 PM (IST)Updated: Tue, 16 Aug 2022 05:12 PM (IST)
पेड़ से उलझी पतंग की डोर में बन रही जानलेवा, फंसा परिंदा, लोगों की कोशिश से बचाी जान
पेड़ में कटी हुई पतंग की डोर उलझा पक्षी।

बहादुरगढ़, जागरण संवाददाता। बहादुरगढ़ के बिजली निगम कार्यालय परिसर में सफेदे के एक पेड़ से उलझे पतंग की डोर में एक परिंदा फंस गया। उसकी जान बचाने के लिए बिजली कर्मियों और आसपास मौजूद लोगों ने एक घंटे तक कोशिश की। करीब 60 फीट की ऊंचाई पर किसी तरह से उलझी डोर को काटा गया, तब जाकर परिंदा आजाद हुआ।

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दरअसल, स्वतंत्रता दिवस पर हर बार की तरह ही इस बार भी खूब पतंगबाजी हुई। ऐसे में बिजली कार्यालय परिसर में खड़े सफेदे के सूखे पेड़ में कटी हुई पतंग की डोर उलझी थी। दोपहर के समय एक परिंदा पेड़ पर आकर बैठा। उड़ने लगा तो उस डोर में उलझ गया। उसकी एक पंख इतनी बुरी तरह फंस गई कि वह निकल नहीं पाया।

जब वह फड़फड़ा रहा था तब वहां मौजूद लोगों की नजर उस पर गई। इसके बाद उसको बचाने की काेशिश शुरू हुई। सीढ़ी लाकर वहां मौजूद लोग पेड़ पर चढ़े। डंडे में तार बांधकर उस डोर काे काटने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं बनी। फिर एक महिला भी पेड़ पर चढ़ गई। दूसरी तरफ से निगम कार्यालय की छत से पतंग उड़ाकर पेड़ में उलझी डोर को काटने की कोशिश शुरू हुई। तब जाकर किसी तरह वह डोर कटी और परिंदा आजाद हुआ। यह पूरी कवायद लगभग एक घंटे तक चली।

बच्चों को चाइनीज मांझा नहीं लाने दें

चाइनीजऔर धातु मिश्रित मांझा जानलेवा साबित हो सकता है। पतंगबाजी के जुनून के चलते बिजली के तारों से भी कई हादसे हो चुके हैं। पतंगबाजी के दौरान मांझा तारों से टच होते ही करंट पतंग उड़ाने वाले या फिर उस डोर को पकड़ने वाले तक सीधे पहुंचता है। अत: पतंगबाजी करते समय चाइनीज धातु मिश्रित मांझे का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह भी दी जाती है।

स्वतंत्रता के नजदीक आने वाले दिनों में शहर में पतंगबाजी का उत्साह चरम पर रहेगा। ऐसे में एक्सपर्ट का कहना है कि अभिभावक बच्चों को बाइक पर आगे नहीं बैठाएं। स्वयं भी गर्दन पर कपड़ा या मफलर लपेटें और हेल्मेट लगाएं।


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