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समीक्षा बैठक में डीसी बोले, दलित उत्पीड़न पर हर हाल में 90 दिनों के भीतर हो चालान

उन्होंने कहा कि दलित उत्पीडऩ के मामले में पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Apr 2018 04:51 PM (IST)Updated: Tue, 03 Apr 2018 05:00 PM (IST)
समीक्षा बैठक में डीसी बोले, दलित उत्पीड़न पर हर हाल में 90 दिनों के भीतर हो चालान
समीक्षा बैठक में डीसी बोले, दलित उत्पीड़न पर हर हाल में 90 दिनों के भीतर हो चालान

जेएनएन, हिसार

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उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने कहा कि दलित उत्पीडऩ के मामलों में आरोपी के खिलाफ 90 दिनों के भीतर हर हाल में चालान पेश किया जाए। इसके साथ ही पीड़ितों को नियमों के अनुरूप तुरंत प्रभाव से आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाए। उपायुक्त मीणा आज अपने कार्यालय में अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत जिला सतर्कता एवं निगरानी समिति की त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। बैठक में सरकारी अधिकारियों के अलावा गैर सरकारी सदस्यों ने भी भागीदारी की। उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने कहा कि दलित उत्पीडऩ के मामलों में पीड़ित व्यक्ति को तय समय में सहायता उपलब्ध करवाना प्रशासन की वैधानिक जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों से जिला में दलित उत्पीडऩ के मामलों की जानकारी ली। जिला कल्याण अधिकारी जगत बिश्रोई ने बताया कि अनुसूचित जाति, जनजाति अधिनियम के तहत पीड़ितों को 85 हजार से लेकर 8.25 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 2017-18 के लिए 1 करोड़ 29 लाख 60 हजार 387 रुपये का बजट प्राप्त हुआ था जिन्हें खर्च किया जा चुका है। जनवरी 2018 से अब तक जिला में 18 केस दर्ज किए गए हैं। उपायुक्त ने सभी मामलों की क्त्रमवार ढंग से समीक्षा करते हुए प्रत्येक मामले की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि दलित उत्पीडऩ के मामले में पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही पीड़ित व्यक्ति को नियमानुसार यथाशीघ्र आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि आर्थिक सहायता के लिए प्रदेश सरकार से रिवोल्विंग फंड व एडवास फंड मागा जाएगा ताकि पीड़ित को तुरंत सहायता उपलब्ध करवाई जा सके। बैठक में साइबर क्त्राइम पर भी चर्चा की गई जिसके तहत पुलिस अधीक्षक स्तर पर आतरिक कमेटी गठित करने की संभावना पर भी विचार किया गया। उन्होंने कहा कि अधिनियम के तहत नियमित रूप से मीटिंग करवाएं तथा पीड़ितों को लाभ पहुंचाने के लिए संवेदनशीलता के साथ कार्य करें। इस अवसर पर एएसपी राजेश कुमार, जिला कल्याण अधिकारी जगत बिश्रोई, हासी के डीएसपी नरेंद्र कादयान, बरवाला डीएसपी जयपाल सिंह, डीआईपीआरओ पारू लता, अधीक्षक अभियंता रामजीलाल, जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता जसवंत सिंह, मानव रक्षक सेवा समिति के प्रदेशाध्यक्ष हवासिंह चहल, ओमप्रकाश दुग्गल, कर्मबीर सिंह, धूप सिंह नंबरदार सहित अन्य विभागों के अधिकारी व गैर सरकारी सदस्य भी मौजूद थे।


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