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जिले के टॉप 10 स्कूलों में पढ़ेंगें अनाथ बच्चे, हर स्कूल में स्थापित होगा हेल्प डेस्क : उपायुक्त

बच्चों की भलाई के लिए जिला के सभी निजी व सरकारी स्कूलों में हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगे जिनके माध्यम से बच्चों की समस्याओं का समाधान करवाया जा सकेगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Jul 2018 03:11 PM (IST)Updated: Thu, 19 Jul 2018 03:11 PM (IST)
जिले के टॉप 10 स्कूलों में पढ़ेंगें अनाथ बच्चे, हर स्कूल में स्थापित होगा हेल्प डेस्क : उपायुक्त
जिले के टॉप 10 स्कूलों में पढ़ेंगें अनाथ बच्चे, हर स्कूल में स्थापित होगा हेल्प डेस्क : उपायुक्त

जेएनएन, हिसार : बच्चों की भलाई के लिए जिला के सभी निजी व सरकारी स्कूलों में हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगे जिनके माध्यम से बच्चों की समस्याओं का समाधान करवाया जा सकेगा। इसके अलावा स्कूलों में बच्चों के लिए परामर्श केंद्र भी शुरू किए जा रहे हैं जहा 8वीं से 12वीं कक्षा के बच्चों की काउंसलिंग की जाएगी।

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यह बात उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने आज लघु सचिवालय के जिला सभागार में आयोजित समन्वय कार्यक्त्रम के तहत आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्त्रम के विभिन्न सत्रों के दौरान प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, भट्ठंा एसोसिएशन, गैस एजेंसी एसोसिएशन, अनाज मंडी एसोसिएशन, राहगिरी, पेट्रोल पंप एसोसिएशन, चिकित्सक एसोसिएशन, ऑटो मार्केट एसोसिएशन, बैंक एसोसिएशन व जाट एजुकेशन सोसायटी सहित विभिन्न संस्थाओं ने भागीदारी की।

उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने कहा कि राज्य बाल कल्याण परिषद के माध्यम से बच्चों के लिए विभिन्न गतिविधिया आयोजित की जाती हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों का सर्वागीण विकास हम सभी का सामूहिक दायित्व है। बच्चों के विकास के लिए बाल भवन को ऐसी गतिविधियों का केंद्र बनाया जाएगा जिनके कारण बच्चे यहा आने के लिए लालायित रहेंगे। अनाथ बच्चों को जिला के टॉप स्कूलों में दाखिल करवाया जाएगा ताकि उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। उन्होंने कहा कि संस्थाएं बच्चों के कल्याण के लिए नए प्रोजेक्ट का सुझाव दे सकती हैं। जिला रेड क्त्रॉस केंद्र में दिव्याग बच्चों के लिए आधुनिक डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना का कार्य करवाया जा रहा है।

उपायुक्त ने कहा कि बच्चों को शोषण व गलत दिशा में जाने से बचाने के लिए उन्हें अच्छे-बुरे की पहचान करवाना भी जरूरी है। बच्चों को गुड टच-बैड टच के बारे में जागरूक करना भी जरूरी है। स्कूल एसोसिएशन व अन्य संस्थाओं ने उपायुक्त को भरोसा दिलाया कि बच्चों की भलाई के लिए प्रशासन के साथ हर संभव सहयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक खंड में एक-एक बाल भवन खोलने पर भी विचार किया जा सकता है। बच्चों के माध्यम से स्कूल अभिभावकों को भी कल्याणकारी योजनाओं के लिए स्वेच्छा से आर्थिक सहायता देने के लिए प्रेरित करेंगे।

हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के प्रदेश महासचिव कृष्ण ढुल ने बताया कि बाल भवन में चलाई जा रही गतिविधियों के अलावा परिषद द्वारा 21 अन्य गतिविधिया भी संचालित कर रही हैं। उन्होंने बताया कि परिषद द्वारा अनाथ बच्चों को गोद देने का काम किया जाता है और प्रतिवर्ष लगभग 500 बच्चों को गोद दिया जाता है। इनमें से लगभग आधे यानी 250 बच्चे गोद लेकर विदेशों में ले जाए जाते हैं। शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ होने के कारण हरियाणा के बच्चों की विदेश में भारी माग है।

उन्होंने बताया कि परिषद द्वारा भीख मागने, भट्ठंों पर काम करने वाले बच्चों को डे-केयर सेंटर में पढ़ाई करवाई जाती है तथा उन्हें मुख्यधारा में शामिल किया जाता है। इसी प्रकार ओपन शैल्टर होम में घर से गुम हुए व परिजनों की सहमति के विरुद्घ शादी करने वाले जोड़ों को संरक्षण भी दिया जाता है। इसी प्रकार परिषद द्वारा नशा मुक्ति केंद्रों का संचालन किया जाता है जिनके माध्यम से 33 हजार बच्चों को नशे की गिरफ्त से बाहर निकालकर मुख्यधारा से जोड़ा गया है। इसी प्रकार परिषद के माध्यम से प्रदेश में 54 हजार आगनवाड़ी सेंटर चलाए जा रहे हैं। मानसिक व शारीरिक रूप से विकलाग बच्चों के लिए भी कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि परिषद को दिया जाने वाला दान आयकर की धारा 80 जी के तहत आयकर से मुक्त है।

इस अवसर पर जिला बाल कल्याण अधिकारी विनोद कुमार, पीओआईसीडीएस डॉ. पूनम रमन, डीईओ बलजीत सिंह, रेड क्त्रॉस सचिव रविंद्र लोहान, सरोज बाला, बाल भवन के डिप्टी सुपरिटेंडेंट दीपक भार्गव व सुभाष कुमार सहित अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।


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