बेटी ने कर ली खुदकुशी, माता-पिता बोले-घर जाने दो साहब!, मगर नहीं कर पाए अंतिम दर्शन
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले का यह दंपती पास के लिए अधिकारियों का चक्कर लगा रहा है लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। मूवमेंट पास से वचिंत मां-बाप बेटी को अंतिम बार देख भी नहीं पाए
हिसार, जेएनएन। बच्चों को पढ़ा लिखाकर उनका भविष्य बनाने के लिए हिसार में मजदूरी कर रहे मां-बाप पर उस समय दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, जब उनकी दो बेटियों में से एक की मौत हो गई। बेटी की खुदकुशी की सूचना मिलने पर उसको अंतिम बार देखने से भी यह दंपती वंचित रह गया। कारण रहा मूवमेंट पास नहीं मिलना। आंखों में आंसू लिए रामभगत और उसकी पत्नी ने कहा कि हिसार से मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में जाने के लिए मैंने और मेरी पत्नी ने अपने स्तर पर हर संभव प्रयास किए लेकिन मूवमेंट पास नहीं मिला।
डीसी ऑफिस तक का चक्कर लगाया लेकिन कोई समाधान नहीं मिला। पार्षद की मदद से ऑनलाइन अप्लाई किया जिसे नकार दिया गया। अब एक बेटी दुनिया छोड़ गई। दूसरी उसकी मौत से सदमे में है, बेटा छोटा है। अब उन्हें संभालने के लिए जाएं तो जाएं कैसे, यह दुविधा है। देर रात तक यह परिवार परिचितों से पास दिलाने के लिए मदद की गुहार लगा रहा है।
रामभगत ने कहा कि वे मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के गांव चंद्रावल के रहने वाले हंै। उनकी दो बेटी और एक बेटा है। बड़ी बेटी 18 साल, दूसरी 14 और बेटा 10 साल का है। बच्चों की लालन-पालन कर सके इसके लिए बच्चों को उनके मामा के पास छोड़कर मजदूरी के लिए हिसार आए थे। वह सेक्टर 14 में चौकीदारी करता है, लेकिन 16 अप्रैल को सूचना मिली की छोटी बेटी जो दसवीं में पढ़ती है, उसने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है।
बड़ी बेटी सदमे में है इसलिए अभी तक खुदकुशी का कारण नहीं पता लग पाया है। तब से अफसरों व परिचितों से मध्यप्रदेश जाने के लिए पास की मांग कर रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। वार्ड-1 के पार्षद अनिल जैन ने कहा कि यह परिवार उनके पास आया था। उन्होंने आपबीती सुनाते हुए पास दिलाने की मांग की। उनका ऑनलाइन आवेदन करवा दिया था। उन्होंने प्रशासन से आग्रह है कि इस परिवार को अनुमति दी जाए ताकि अपने बच्चों की संभाल कर सकें।