Move to Jagran APP

अदालत में यूनियन नेता दलबीर किरमारा की जमानत याचिका खारिज

कैमरा तोड़ने के मामले में अदालत ने सुनवाई करते हुए गुरूवार को यूनियन नेता दलबीर किरमारा और कुलदीप की जमानत याचिका खारिज कर दी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Sep 2018 05:46 PM (IST)Updated: Thu, 06 Sep 2018 05:58 PM (IST)
अदालत में यूनियन नेता दलबीर किरमारा की जमानत याचिका खारिज
अदालत में यूनियन नेता दलबीर किरमारा की जमानत याचिका खारिज

जेएनएन, हिसार : हड़ताल के दौरान कैमरा तोड़ने, सरकारी डयूटी में बाधा पहुंचाने और रास्ता रोकने समेत अन्य आरोपों के मामले में अदालत ने सुनवाई करते हुए गुरूवार को यूनियन नेता दलबीर किरमारा और कुलदीप की जमानत याचिका खारिज कर दी। ऐसे में अब मामला और ज्यादा तूल पकड़ने वाला है। वहीं अब यूनियन नेताओं और रोडवेज कर्मचारियों का क्या रूख रहता है यह बात देखने वाली होगी। अब जमानत के लिए दलबीर किरमारा को फिर से याचिका लगानी होगी। वहीं इसके साथ ही एस्मा लगाए जाने के बावजूद बुधवार को रोडवेज का चक्का जाम किए जाने का मामला भी अभी गर्माया हुआ है। रोडवेज जीएम ने हड़ताल पर जाने वाले कर्मियों की सूची बना चंडीगढ़ मुख्यालय भेज दी है। बता दें कि चार सितंबर की रात एक निजी कैमरापसर्न ने रोडवेज कर्मियों की वीडियो बना ली थी इस पर यूनियन नेता व कर्मचारी ताव में आ गए थे। इसके बाद हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियन राज्य प्रधान दलबीर किरमारा समेत चार लोगों ने कैमरा छीन तोड़ दिया। यह सारा घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था।

loksabha election banner

कैमरामैन ने जब इसकी शिकायत पुलिस थाने में किया तो पुलिस की ओर से दलबीर किरमारा समेत चार लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। पांच सितंबर को रोडवेज का चक्का जाम करने के दौरान भी दलबीर किरमारा ने जमकर हंगामा किया था, इसके बाद कुल 37 लोगों को हिरासत में लिया गया था। इसके बाद देर रात कुछ आरोपितों को जमानत दी गई थी। वहीं बुधवार की सुबह तनाव के बीच रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल आखिरकार 14 घंटे बाद यहां खत्म हो गई। बुधवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे पुलिस ने बसें चलाने से रोकने पर ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष दलबीर किरमारा सहित 37 नेता और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। नेता और कर्मचारी बस को चलने से रोकने के लिए नारेबाजी करते हुए आगे अड़ने का प्रयास कर रहे थे। नेताओं की गिरफ्तारी के बाद बसें निरंतर चलनी शुरू हुईं।

बुधवार सुबह 3 बजकर 50 मिनट पर पहली बस निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन चालक स्टेय¨रग छोड़कर उतर गया। उसके बाद एक चालक चंडीगढ़ रूट की बस को वर्कशॉप के बाहर तक लाया। गेट पर कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए वह भी बस से उतरकर डीएसपी के आगे हाथ जोड़ बस चलाने से मना करके चला गया। रोडवेज की हड़ताल के चलते भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। हालात ये थे कि चार घंटे तक रोडवेज प्रशासन के पास चालक-परिचालक बस चलाने के लिए नहीं थे।

बता दें कि यहां रोडवेज की हड़ताल मंगलवार शाम छह बजे से शुरू हो गई थी। इसका मुख्य कारण था कि रोडवेज अधिकारियों की तरफ से कुछ कर्मचारियों से हड़ताल में शामिल नहीं होने के लिए शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कराए जा रहे थे। इस पर रोडवेज कर्मचारी भड़क उठे थे और उन्होंने हड़ताल शुरू कर दी थी। बुधवार तड़के 3 बजकर 50 मिनट पर चंडीगढ़ के लिए बस लगाई गई। बस निकलती देख कर्मचारी गेट के समक्ष नारेबाजी करने लगा। नारेबाजी देख चालक अंदर ही बस खड़ी कर बाहर आ गया। करीब आधे घंटे बाद दोबारा बस चलाने का प्रयास किया। पुलिस सुरक्षा में बस को वर्कशॉप से बाहर तक निकाल लिया गया। रोडवेज कर्मचारी नेता नारेबाजी कर रहे थे तो पुलिस दीवार बनकर उनके आगे खड़ी हो गई। मगर कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए चालक भी बस से उतर गया। डीएसपी और टीएम ने उनको बस चलाने के लिए कहा, लेकिन वह हाथ जोड़कर बस नहीं चलाने की बात कहकर चला गया। उस बस को दूसरे अधिकारियों ने वापस अंदर लगाया।

सुबह करीब साढ़े आठ बजे शुरू हुआ ज्यादा विवाद

वर्कशॉप से सुबह साढ़े आठ बजे उकलाना रूट की बस निकलने लगी। इसका पता चलते ही रोडवेज नेता दलबीर किरमारा सहित प्रदर्शनकारी बस के आगे आकर नारेबाजी करने लगे। ड्यूटी मजिस्ट्रेस्ट एचके गुप्ता ने उनको हटने के लिए कहा, लेकिन वो नहीं हटे। उसके बाद पुलिस को उनको हटाने या गिरफ्तार करने की बात कही। बस निकालने के लिए पुलिस ने सभी कर्मचारियों को धक्का मुक्की कर पीछे करने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं हुए तो पुलिस ने किरमारा सहित 37 कर्मचारी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। उनको बस में भरकर थाने ले गए। उसके बाद लगातार बसें चलने का सिलसिला शुरू हो गया। बस खड़ी कर गायब हुए चालक-परिचालक

करीब नौ बजे वर्कशॉप से पांच बसों को बस अड्डे पर भेज दिया गया। लेकिन प्रदर्शनकारी चालक और परिचालक चार बसों को बूथ पर लगाकर वहां से गायब हो गए। यह देख प्रशासन के एक बार हाथ-पांव फूल गए। मगर उसी समय एक बस का चालक-परिचालक बस लेकर निकले तो रोडवेज प्रशासन ने थोड़ी राहत की सांस ली। बाद में बाकी बसें भी धीरे-धीरे चलनी शुरू हो गईं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.