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डी-प्लान की स्थिति खराब, विकास कार्यो पर 28 फीसद ही धनराशि खर्च

जागरण संवाददाता हिसार जिला हिसार में इस बार डिवलपमेंट प्लान योजना में पिछले वर्षो की तुल

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 02:05 AM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 06:19 AM (IST)
डी-प्लान की स्थिति खराब, विकास कार्यो पर 28 फीसद ही धनराशि खर्च
डी-प्लान की स्थिति खराब, विकास कार्यो पर 28 फीसद ही धनराशि खर्च

जागरण संवाददाता, हिसार: जिला हिसार में इस बार डिवलपमेंट प्लान योजना में पिछले वर्षो की तुलना में सबसे खराब स्थिति दिखाई दे रही है। इस बार सरकारी महकमे विकास कार्यों में धनराशि खर्च ही नहीं कर पाए। स्थिति इतनी खराब है कि डी-प्लान की कुल धनराशि में से 28 फीसद ही धनराशि खर्च हो सकी है। जब यह आंकड़ा उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी के सामने पहुंचा तो उन्होंने अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी है। इस बार डी-प्लान में 25 करोड़ रुपये सरकार से जिले में विकास कार्य कराने के लिए आए थे, मगर पूरा वर्ष बीत जाने पर भी विभाग इस धनराशि को खर्च नहीं कर पाए। धनराशि खर्च न कर पाने को लेकर अफसर अपने-अपने तर्क दे रहे हैं। कोई चुनाव बता रहा है तो कोई कह रहा है कि विकास कार्यों का प्रस्ताव आया ही नहीं। बहरहाल अब 31 मार्च तक इस वित्तीय वर्ष को समाप्त होने में महज 52 दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में यह लक्ष्य पूरा हो जाए इसकी संभावना ही कम है।

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लक्ष्य पूरा नहीं हुआ तो लैप्स होगी धनराशि

डी-प्लान में सरकार ने 25 करोड़ रुपये की धनराशि जिले को दी, जिसमें से डीसी की बैठक तक विभाग महज 7 करोड़ रुपये ही खर्च कर सके। अब इस वित्तीय वर्ष के आखिरी 52 दिनों में 18 करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल करना सभी सरकारी विभागों के लिए मुश्किल होगा। ऐसे में इस बार पूरी उम्मीद है कि डी-प्लान का 40 से 50 फीसद हिस्सा लैप्स हो जाए। ऐसे में यह विभागीय अधिकारियों की लापरवाही ही होगी। मगर इसको लेकर कई अधिकारियों का यह भी तर्क है कि क्षेत्र में विकास कार्य उन्होंने कराए हैं, मगर बिल अभी तक जमा नहीं हो पाए हैं। ऐसे में डी-प्लान से जुड़े विभाग सभी विभागों से इस डाटा को अपडेट करा रहे हैं।

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12 दिनों में 70 फीसद नहीं हुआ टारगेट तो लिया जाएगा स्पष्टीकरण

जब यह मामला डीसी के सामने आया तो उन्होंने अधिकारियों को सख्त चेतावनी देते हुए 20 फरवरी तक का समय दिया है। इसमें कहा गया है कि सभी विभाग 70 फीसद धनराशि खर्च करेंगे। जिस भी विभाग का खर्चे का फीसद 70 फीसद रहा, उससे स्पष्टीकरण तलब किया जाएगा। ऐसे में अधिकारी अब डी-प्लान की धनराशि को खर्च करने के लिए पुरजोर लगे हुए हैं।

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यह होता है डी-प्लान

डी-प्लान को डिवलपमेंट प्लान कहते हैं। सरकार जिलों में विकास कार्यों को कराने के लिए इस योजना में धनराशि जारी करती है। जिसमें व्यक्तिगत काम छोड़कर किसी भी प्रकार का विकास का कार्य कराया जा सकता है। डी-प्लान योजना के तहत प्राप्त हुई इस राशि से जिला के श्मशान घाटों में शेड बनवाने, पानी की व्यवस्था करने, फुटपाथ बनाने और श्मशान घाटों को पक्की सड़कों से जोड़ने जैसे कई विकास कार्य कराए जाते हैं। डी प्लान के तहत विकास कार्य करवाने के लिए आने वाली अनुशंसाओं को डिस्ट्रिक्ट डिवलपमेंट मानिटरिग कमेटी स्वीकृति देती है। इस कमेटी लगभग सभी सदस्य प्रशासनिक अधिकारी होते हैं।


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