एमपी में बने हवाओं के चक्रवात ने रोकी हरियाणा की मानसूनी हवा, जानें अब आगे क्या अनुमान
प्रदेश में दो महीनों में 37 फीसदी कम हुई बारिश धान कपास व बाजरा की पैदावार पर पड़ेगा असर। 4 कारण बने प्रदेश में कम बारिश की वजह 14 सितंबर के आसपास बारिश होने की संभावना
हिसार [वैभव शर्मा] प्रदेश में सामान्य से 37 फीसद कम बारिश हुई है। इसका कारण मध्य प्रदेश और राजस्थान के पास बने चक्रवाती हवाओं के सिस्टम हैं। इसी कारण वहां बारिश हो रही है और इस सिस्टम के कारण हरियाणा की तरफ हवाएं न आने से बारिश नहीं हो पा रही है। यही कारण है कि मानसून होने पर भी इस माह अभी तक पिछले तीन वर्षों में सबसे कम बारिश दर्ज की गई है।
प्रदेशभर के आंकड़ों पर गौर करें तो अभी तक 37 प्रतिशत कम बारिश हुई है, जिसकी वजह से सबसे अधिक प्रभाव कृषि पर पड़ा है। ग्वार, बाजरा, धान व कपास में पैदावार कम होने की संभावनाएं बन गई हैं, कई प्रकार के रोगों को भी ऐसा मौसम बल देता है। यही कारण है कि कपास पर सफेद मक्खी की समस्या भी आने लगी है। सिर्फ कृषि ही नहीं बल्कि मानसून के कमजोर होने पर वातावरण में तापमान और आद्रता एक साथ बढ़ रही हैं जिससे एसी, पंखे में बैठे होने के बावजूद लोगों को गर्मी का एहसास होता है। गौरतलब है कि हिसार में एचएयू के अनुसार 12 जुलाई को मानसून ने दस्तक दी थी।
जानिए.... मानसून कमजोर होने के यह हैं चार बड़े कारण
- अल-नीनो के कारण
- वायु साइक्लोन के कारण
- अरब सागर व बंगाल की खाड़ी से उठने वाली मानसूनी हवाओं का न पहुंचना
- नया चक्रवाती सिस्टम बनना, जिसकी वजह से हवाएं हरियाणा में नहीं आ सकीं
प्रदेश में जिलों के आधार पर बारिश
जिला- बारिश हुई - इतनी बारिश होनी चाहिए थी - कमी
अंबाला- 566.2 - 730.2 -22
भिवानी- 179.5 - 293.3 -39
चंडीगढ़- 603.2 - 734.2 - 18
फरीदाबाद- 334.3 - 505.9 - 34
फतेहाबाद- 102.7 - 238.5 - 57
गुरुग्राम- 262 - 441.3 - 41
हिसार- 158.4 - 267 - 41
झज्जर- 154.4 - 327.2 - 53
जींद- 193.2 - 342.1 - 44
कैथल- 169.3 - 306.6 - 45
करनाल- 406.1 - 472.6 - 14
कुरुक्षेत्र- 370.8 - 446.3 - 17
महेंद्रगढ़- 205.4 - 365.4 - 44
पंचकूला- 304.1 - 816.1 - 63
पानीपत- 178.8 - 416.9 - 57
रेवाड़ी- 313.6 - 382.9 - 18
रोहतक- 138.4 - 441.4 - 69
सिरसा- 182.6 - 186.5 - 2
ओवरऑल हरियाणा
- 245.5 - 388.2 - 37
नोट- बारिश के आंकड़े एमएम में हैं व कमी प्रतिशत में है।
हिसार में पिछले 5 वर्षों में मानसून के समय यह रहे बारिश के आंकड़े
वर्ष- जून- जुलाई- अगस्त- सितंबर
2015- 161- 156.1- 54.8- 19.8
2016- 91- 244.8- 80.4- 2.8
2017- 283.8- 83- 95.5- 56.6
2018- 58.9- 157.4- 23.5- 15.5
2019- 5.2- 120.4- 96.1- 27.7
सामान्य बारिश- 54.7- 123.4- 110.5- 65.9
नोट- आंकड़े एमएम में हैं। इन आंकड़ों से पता चलता है कि मानसून के जाते-जाते पिछले कुछ वर्षों में बारिश लगातार घटती जा रही है।
अब कैसा रहेगा मौसम
एचएयू के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि हरियाणा में 14 सितंबर तक मौसम में बदलाव होने की संभावना है। इस दिन ही बारिश आ सकती है। 12 सितंबर के दौरान आंशिक बादल व कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हो सकती है। हरियाणा में कम बारिश होने का कारण मध्य प्रदेश में बने चक्रवाती सिस्टम के कारण हैं जिससे हरियाणा की तरफ मानसूनी हवाएं टर्फ लाइन पर आ ही नहीं पा रही हैं।