दो माह बाद नजर नहीं आएंगे शहर में घूमते बेसहारा पशु, समस्या निदान के लिए इस तरह होगा काम
दो माह बाद प्रदेश की सड़कों पर कहीं भी बेसहारा पशु घूमते नजर नहीं आएंगे। इसके लिए पूरे प्रदेश में एडीसी के नेतृत्व में छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी में एसडीएम, डीएसपी, डीआरओ, डीडीपीओ, गो सेवा आयोग का सदस्य और नगर निगम के ज्वाइंट सेक्रेटरी या पालिका सचिव रहेंगे।
जेएनएन, हिसार : दो माह बाद प्रदेश की सड़कों पर कहीं भी बेसहारा पशु घूमते नजर नहीं आएंगे। इसके लिए पूरे प्रदेश में एडीसी के नेतृत्व में छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी में एसडीएम, डीएसपी, डीआरओ, डीडीपीओ, गो सेवा आयोग का सदस्य और नगर निगम के ज्वाइंट सेक्रेटरी या पालिका सचिव रहेंगे। यह कमेटी शहरों को बेसहारा पशुओं से मुक्त बनाने का काम करेगी। यह बात हरियाणा गोसेवा आयोग के चेयरमैन भानीराम मंगला ने दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित हेलो जागरण कार्यक्रम में फोन पर लोगों की समस्याएं सुनने के दौरान कही।
कार्यक्रम में अधिकतर लोगों ने सड़कों पर बेसहारा घूम रहे गोवंश के बारे में शिकायत दी, जिसका जबाव देते हुए आयोग के चेयरमैन में सरकार व आयोग ने हरियाणा बेसहारा गोवंश मुक्त योजना तैयार की है। इसके तहत प्रदेश के सभी जिलों में एडीसी के नेतृत्व में टीम बनाई गई है। यह टीम टेंडर व अन्य प्रक्रिया से प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से बेसहारा गोवंश को पकड़कर गोशालाओं में पहुंचाएगी। इसके अलावा जो लोग दूध निकालकर पशुओं को खुला छोड़ देते हैं ऐसे पशुओं की टै¨गग करवाई जाएगी। ऐसे लोगों के पशु बाहर सड़क पर मिले तो 5100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर के पद का बदलेगा नाम
भानीराम मंगला ने पाठकों के सवालों के जवाब देते हुए बताया कि गायों के लिए सरकार गंभीरता से काम कर रही है। इसके लिए पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर के पद का नाम बदलकर जिला गोवंश विकास अधिकारी किया जा रहा है। जैसा की नाम से ही प्रतीत होगा यह अधिकारी गायों के विकास के लिए भी काम करेंगे, जिसमें नस्ल सुधारने से लेकर अनेक कार्य यह करेंगे।
- रमेश, अग्रवाल कॉलोनी, हिसार : हिसार शहर में बेसहारा गोवंश की काफी बड़ी समस्या है कई हादसे हो चुके हैं। आप इनके लिए क्या कर रहे हैं?
भानीराम मंगला : हिसार की सड़कों को बेसहारा गोवंश से मुक्ति के लिए काम किया जा रहा है। ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है जो दूध निकालकर गायों को खुले में छोड़ देते हैं। इन पर 5100 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। प्रशासन की मदद से पिछले दिनों बेसहारा पशुओं को पकड़वाया गया और गोशालाओं में भिजवाया भी गया है। पिछले दिनों मैं खुद गो सदन गया था। यहां गायों के मरने की सूचना मुझे मिली थी मैंने तुरंत की वहां का दौरा किया और बीमार गायों को गो चिकित्सालय भिजवाया।
- चांदवीर, गांव बुढ़ाक, हिसार : बेसहारा पशुओं से छुटकारा दिलाने के लिए आयोग क्या काम कर रहा है?
हम ऐसे डेयरी वालों पर कार्रवाई करेंगे जो दूध निकालकर पशुओं को छोड़ देते हैं। उनके पशुओं की टै¨गग की जा रही है। इसके बाद कोई खुला छोड़ेगा तो जुर्माना लगाया जाएगा। एडीसी के नेतृत्व में हमने कमेटी बनाई है। इस कमेटी में एसडीएम, डीएसपी, डीडीपीओ, डीआरओ, गो सेवा आयोग का एक सदस्य और नगर निगम के ज्वाइंट सेक्रेटरी या पालिका सचिव इस कमेटी में काम करेंगे। यह कमेटी प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से पशुओं को पकड़वा कर गोशाला में भेजेगी। प्राइवेट एजेंसी को बदले में प्रत्येक गाय के हिसाब से रुपये दिए जाएंगे। किन गोशालाओं में कितने पशु भेजे जाने हैं उनकी सूची आयोग खुद देगा। अगले दो माह में पूरे प्रदेश को बेसहारा गोवंश से मुक्त कर दिया जाएगा। - प्रेमसुख शर्मा, हिसार : बेसहारा पशुओं के कारण कई हादसे हो चुके हैं आप इनके लिए कुछ करें?
आप नि¨श्चत रहें। हम इनके लिए काफी कुछ कर रहे हैं। अगले दो माह में आपकों परिणाम देखने को मिलेंगे। ऐसे पशुओं को पकड़ा जाएगा। पकड़ने से पहले दो दिन मुनादी करवाई जाएगी। - अनिल कुमार, भामाशाह नगर : गायों की नस्ल सुधारने के लिए आयोग क्या कर रहा है?
जो-जो गोशालाएं नस्ल सुधारने की दिशा में काम कर रही हैं ऐसी गोशालाओं में 25 गायों पर एक लाख रुपये आयोग की तरफ से दिए जा रहे हैं। जो गोशालाएं देसी गायों की संख्या बढ़ाने का काम करेगी हम उन्हें मुफ्त में देसी सांड देंगे। - सतबीर, पटेल नगर, हिसार : पटेल नगर में रेलवे लाइन के पास बेसहारा गायों का झूंड हमेशा खड़ा रहता है?
जो लोग दूध निकालकर गायों को खुला छोड़ देते हैं ऐसे लोगों हम कार्रवाई करने जा रहे हैं। इसके लिए जल्द ही एक कमेटी बनाई जा रही है। ऐसे लोगों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। पशुओं की टैंगिग भी करवाई जाएगी। - प्रो. रोहताश, जवाहर नगर : कई लोगों के यहां पशु हैं वे पशुओं को खुला छोड़ देते हैं और चारा भी बेचते हैं?
ऐसे लोगों पर 5100 रुपये का जुर्माना प्रत्येक पशु के हिसाब से लगाया जाएगा। हिसार ही नहीं पूरे प्रदेश को बेसहारा पशुओं से मुक्त करवाएंगे। - प्रताप ¨सह, भिवानी : यहां गांवों में बेसहारा पशुओं की विकट समस्या है?
दो माह पहले मैंने भिवानी में प्रशासन के साथ बैठक की है। वहां श्री गोशाला में 600 एकड़ में बनी गोशाला में पानी के प्रबंध के इंतजाम कर लिए गए हैं। गोशालाओं को आत्म निर्भर बनाएंगे तो ऐसी समस्याएं खुद ही खत्म हो जाएंगी। सरकार गोशालाओं की पूरी मदद भी कर रही है। - बीके यादव, नंदगांव, भिवानी : हमनें नंदीशाला के लिए गांव में 100 एकड़ जमीन दी थी मगर कोई काम नहीं हुआ?
आप सबसे पहले उस जमीन को समिति के माध्यम से रजिस्टर्ड करवाएं। फिर इसके कागजात लेकर मेरे पास आएं। आयोग की तरफ से पूरी आर्थिक मदद नंदीशाला के लिए की जाएगी। - इंद्रजीत, गांव कुंवारी, हिसार : मेरे गांव में गोशाला है फिर भी बेसहारा पशुओं की समस्या है?
आपके गांव में जो गोशाला है उसमें इतना स्थान नहीं है कि गांव के सभी बेसहारा पशुओं को उसमें रखा जाएगा। गोशालाओं की अपनी मजबूरी होती है। आप पास के किसी गांव में गो सेवा सदन के लिए पंचायत से रेजुलेशन पास करा लें। फिर समिति का गठन कर जमीन को रजिस्टर्ड करा लें। आयोग की तरफ से आपकों 21 लाख रुपये गो सेवा सदन बनाने के लिए दिए जाएंगे। इसके बाद सामाजिक सहयोग से आप पशुओं की देखभाल करें। - ओमप्रकाश ऋषि नगर, हिसार : हिसार में दो साल पहले एसपी श्रीकांत जाधव आए थे उन्होंने यहां से बेसहारा पशुओं की समस्या खत्म कर दी थी?
ऐसे की अफसर की हमें तलाश जो हमें मिल गया है। हम आइजी श्रीकांत जाधव को एडीशनल चार्ज देकर चीफ इंफोरसमेंट ऑफिसर बना रहे हैं। जो गो तस्करी और गोहत्या के लिए बने कानून का सख्ती से पालन करवाएंगे। - संजय कुमार, गांव सरसाना, हिसार : गायों की देखरेख नहीं हो रही, आयोग क्या कर रहा है?
आयोग का काम गायों को पालना नहीं है। हम गायों को संभालने के लिए सिर्फ एक बार आपका सहयोग कर सकते हैं। इसके बाद सामाजिक लोगों को ही गोशालाएं या नंदीशालाएं चलानी हैं। लोगों की मदद के बिना आयोग कुछ नहीं कर सकता। - अनांद ¨सगला, झज्जर : जिले में बेहसारा पशुओं की काफी समस्या है?
हम जल्द ही आपके जिले में पशु पकड़ने का अभियान शुरू कर रहे हैं। स्वामी परमांनद महाराज और राजेश धनखड़ की मदद से इस काम को किया जाएगा। - राजेश, फतेहाबाद : जैविक खेती के लिए गायों का प्रयोग कैसे कर सकते हैं?
जिन गोशालाओं में दो हजार से ज्यादा गाय है। वहां बायोगैंस प्लांट लगाए जाएंगे। इसके लिए आयोग 90 फीसद अनुदान देगा। बायोगैस के साथ-साथ पानी और खाद को अलग करने की मशीनें भी आयोग देगा। इस पानी के प्रयोग से किसान प्रति एकड़ दोगुना मुनाफा कमा सकते हैं। खेती के लिए खाद व पानी दोनों ही उपयोगी है। नरेश कुमार, लोहारू, सुरेश कुमार, चरखीदादरी, नरेश कुमार तोशाम : बेसहारा पशुओं की काफी बड़ी समस्या है इसको हल करवाया जाए? - सरकार व आयोग दोनों इसके लिए गंभीर है। हम पंचायत की मदद से गांवों में दस एकड़ में गो सदन खोल रहे हैं। मगर ग्रामीणों के सहयोग के बिना इन्हें चला पाना संभव नहीं है। गुरुदेव ¨सह, कुरुक्षेत्र : बारना गांव में नंदीशाला जिला प्रशासन के सहयोग से आठ एकड़ में बनाई गई थी मगर उसके बाद प्रशासन कोई सहयोग नहीं कर रहा?
मैंने डिप्टी डायरेक्टर से रिपोर्ट मांगी हुई है। किन-किन गोशालाओं व नंदीशाला को आर्थिक जरूरत है। अगर डिप्टी डायरेक्टर आपकी नहीं सुन रहा तो आप सीधा मुझसे आकर पंचकूला मिल लें।