हत्या मामले में गलत जांच करने पर कोर्ट ने SHO और ASI को सुनाई एक साल कैद की सजा
साढ़े 9 साल पहले खेत से हुआ था युवक का अपहरण। आज तक परिजनों को नहीं मिला शव। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया था मगर ढीली जांच से आरोपित बरी हो गए। अब इस केस में फैसला आया है।
हांसी, जेएनएन। साढ़े 9 साल पहले रामायण गांव से एक युवक का अपहरण होने के मामले में पुलिस द्वारा जांच में महज खानापूर्ति कर रपट दर्ज करने पर कोर्ट में चल रहे मुकदमे की सुनवाई पूरी हो गई है। हांसी की अदालत ने सदर थाना के तत्कालीन एसएचओ कृष्ण लाल व तत्कालीन एएसआइ अमर सिंह को दोषी करार देते हुए एक साल की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों पुलिस अधिकारियों पर 1500 रुपये का जुर्माना भी ठोका है। वर्तमान में कृष्ण लाल पुलिस लाइन सिरसा में बतौर इंस्पेक्टर तथा अमर सिंह हिसार पुलिस लाइन में बतौर सब इंस्पेक्टर कार्यरत हैं।
रामायण गांव निवासी राममेहर के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप गौतम ने बताया कि राममेहर ने 2 जुलाई 2014 को अदालत में इस्तगासा दायर कर कहा था कि 2 जुलाई 2012 को उसके लड़के रवि का उसके खेत से अपहरण हो गया था। उन्होंने तुरंत सदर थाना में शिकायत दी थी, लेकिन एसएचओ कृष्ण लाल ने महज गुमशुदगी की रपट दर्ज करते हुए खानापूर्ति कर दी थी। मामले की तफतीश भी पूरी तरह से नहीं की।
एडवोकेट गौतम ने बताया कि राममेहर की शिकायत पर बार-बार गुहार लगाने के बाद एसएचओ ने 9 जुलाई को अपहरण का मामला दर्ज कर लिया था, लेकिन अपहरण के इस मामले में संदीप बाजीगर के संलिप्त होने की बात कहने के बावजूद भी पुलिस ने संदीप के साथ मिलीभगत कर ली और महज खानापूर्ति करते रहे। इस मामले में एसपी को शिकायत करने के बाद इस केस की जांच सीआइए को सौंप दी गई थी।
जिस पर सीआइए पुलिस ने संदीप व आत्माराम के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया। एडवोकेट गौतम ने बताया कि पुलिस द्वारा जांच सही से न करने के कारण हत्या के इस मामले में दोनों आरोपित हिसार की अदालत से बरी हो चुके हैं और इसकी अपील हाई कोर्ट में विचाराधीन है। उन्होंने बताया कि राममेहर ने हांसी की अदालत में एसएचओ कृष्ण लाल, एएसआइ अमर सिंह व रामायण गांव निवासी सुभाष के खिलाफ इस्तगासा दायर किया था।
तत्कालीन न्यायिक दंडाधिकारी अनिल कुमार यादव ने सुनवाई के बाद एसएचओ व एएसआइ को कोर्ट में तलब किया था। एडवोकेट संदीप गौतम ने बताया कि इस्तगासे की सनुवाई पूरी होने के बाद हांसी के न्यायिक दंडाधिकारी गिर्राज सिंह ने तत्कालीन एसएचओ कृष्ण लाल व तत्कालीन एएसआइ अमर सिंह को दोषी करार देते हुए एक साल की कैद व 1500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
नेकचलनी पर छोडऩे की अपील को भी कोर्ट ने ठुकराया, कहा- जांच में कई खामियां, मामला बेहद गंभीर
अधिवक्ता संदीप गौतम ने बताया कि साढ़े 9 साल पहले रवि के अपहरण के मामले में हत्या का मामला दर्ज किए जाने के बावजूद भी आज तक परिजनों को रवि का शव नहीं मिला । जिस युवक संदीप पर रवि के पिता राममेहर ने संदेह जाहिर किया था, पुलिस ने उससे सांठगांठ करके जांच में दिखा दिया कि अपहरण के समय संदीप जम्मू-कश्मीर में ट्रक के साथ गया हुआ था और जांच की फाइल में अपनी जिम्नी में कटिंग करके तारीख बदल दी।
इतना ही नहीं, पुलिस ने जांच के दौरान संदीप की काल डिटेल तक निकलवाना उचित नहीं समझा जबकि उस समय संदीप के पास मोबाइल भी था। इस मामले में तत्कालीन एसएचओ कृष्ण लाल व एएसआइ अमर सिंह को दोषी करार देने के बाद इनके वकील ने सरकारी नौकरी का हवाला देते हुए इन्हें नेक चलनी पर छोडऩे की भी कोर्ट से अपील की थी, लेकिन कोर्ट ने इस मामले को गंभीर मामला बताते हुए दोनों को सजा सुना दी है।