नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म और एससी-एसटी एक्ट के दोषी को कठोर आजीवन कारावास की सजा
गांव की 17 साल की ग्यारहवीं कक्षा की छात्रा से दुष्कर्म करने का है मामला। एडीजे डा. पंकज की कोर्ट ने सुनाई सजा, जुर्माना न भरने पर अतिरिक्त काटनी होगी सजा।
हिसार, जेएनएन। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. पंकज की अदालत ने जिले के एक गांव की 17 साल की ग्यारहवीं कक्षा की छात्रा से दुष्कर्म करने और एससी-एसटी एक्ट के दोषी को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 21 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना न भरने पर उसे 2 महीने की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अदालत ने उसे बुधवार को दोषी करार दिया था।
सदर थाना पुलिस ने इस संबंध में 22 नवंबर 2017 को नाबालिग लड़की का अपहरण कर दुष्कर्म करने और 4 पॉक्सो व एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। अदालत में चले अभियोग के अनुसार एक किशोरी ने पुलिस को शिकायत देकर कहा था कि वह ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ती है। वह बीती रात करीब साढ़े दस बजे शौच के लिए घर से बाहर निकली थी। इसी दौरान घर के सामने रहने वाला युवक आया और मेरा मुंह दबाकर उसे पड़ोस में एक खंडहर में ले गया। उसने वहां ले जाने के बाद जान से मारने की धमकी देकर दुष्कर्म किया।
मैंने विरोध किया तो युवक ने जातिसूचक गालियां दी। युवक घटना के बाद भागने लगा तो वह घर के बाहर खड़ी बुग्गी से टकराकर घायल हो गया। छात्रा ने बाद में परिजनों को आपबीती बताई थी। सदर थाना पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर आरोपित को गिरफ्तार किया था।