Move to Jagran APP

दोषी को दुष्कर्म में 10 साल और एससी-एसटी एक्ट में उम्रकैद, कोर्ट ने दूसरी बार सुनाया बड़ा फैसला

अदालत ने एक हफ्ते पहले तोशाम रोड के एक गांव निवासी दोषी को दुष्कर्म और एससी-एसटी एक्ट के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। एससी-एसटी एक्ट में हिसार अदालत का यह दूसरा बड़ा फैसला है

By manoj kumarEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 06:17 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 02:54 PM (IST)
दोषी को दुष्कर्म में 10 साल और एससी-एसटी एक्ट में उम्रकैद, कोर्ट ने दूसरी बार सुनाया बड़ा फैसला
दोषी को दुष्कर्म में 10 साल और एससी-एसटी एक्ट में उम्रकैद, कोर्ट ने दूसरी बार सुनाया बड़ा फैसला

हिसार, जेएनएन। एडीजे डा. पंकज की अदालत ने घर में घुसकर किशोरी को बहला-फुसलाकर ले जाकर दुष्कर्म करने और 4 पॉक्सो व एससी-एसटी एक्ट के मामले में एक गांव के मंजीत को उम्रकैद तथा 19 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने पर उसे 2 महीने की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अदालत ने उसे 12 फरवरी को दोषी करार देकर दो आरोपितों को बरी कर दिया था। अदालत ने एक हफ्ते पहले तोशाम रोड के एक गांव निवासी दोषी को दुष्कर्म और एससी-एसटी एक्ट के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। एससी-एसटी एक्ट में यहां की अदालत का यह दूसरा बड़ा फैसला है।

loksabha election banner

पुलिस ने इस संबंध में 31 अक्टूबर 2017 को केस दर्ज किया था। अदालत में चले अभियोग के अनुसार एक गांव के आदमी ने पुलिस को शिकायत देकर कहा था कि 29 अक्टूबर की रात को मेरी पत्नी और दो बेटी पड़ोस में एक शादी के चलते गीत गाने गई थी। मैं और मेरा बेटा नीचे मकान में सो रहे थे। मेरी 17 साल की बेटी ऊपर वाले कमरे में सोई थी। मैंने रात 12 बजे चौबारे में जाकर देखा तो मेरी बेटी वहां नहीं मिली। वे उसे ढूंढते रहे। अगले दिन भूना थाने से फोन आने परिजन किशोरी को वहां से लाए थे।

किशोरी ने मिलने पर बताया था उससे दुष्कर्म हुआ है

पुलिस ने बाद में किशोरी के कोर्ट में बयान दर्ज कराए थे। किशोरी ने कहा था कि हमारा परिवार सोया हुआ था। मैं पेशाब कर सोने लगी तो कोई बाहर से मेरे पापा को आवाज देने लगा। मैं नीचे उतरी और पूछा कि कौन बोल रहा है। इतना कहते ही गांव के संजय ने मेरे मुंह पर टेप लगा दी। उसके साथ दो लड़के और थे। उनमें एक मंजीत और दूसरा मोनू था। संजय ने मेरे हाथ-पैर चुन्नी व अंगोछे से बांध दिए। वे तीनों जबरदस्ती मुझे बाइक पर बैजलपुर की तरफ ले गए। संजय ने नाक में दवा सुंघा दी।

जिससे रास्ते में मुझे उल्टी आने लगी और फिर बेहोश हो गई। मुझे सुबह होश आया तो खुद को बैजलपुर रोड पर पाया। मैं वहां कागज चुगने वाली दो महिलाओं के पीछे चल पड़ी। वे मुझे अपने साथ भूना में घर ले गई। वहां सूचना मिलने पर पुलिस मुझे भूना थाने में ले गई। पुलिस ने मुझसे फोन नंबर पूछकर परिजनों को सूचना दी। मैं बेहोश थी, तब मेरे साथ गलत काम किया गया था। पुलिस ने इस संबंध में नशीली दवा सुंघाकर अपहरण करने, दुष्कर्म करने और 6 पॉक्सो एक्ट व एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था।  

अदालत ने इन धाराओं में सुनाई सजा

- धारा            समयावधि

-363            3 साल

-376           10 साल

-452            2 साल

-4 पॉक्सो        10 साल

-3 एससी-एसटी एक्ट   उम्रकैद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.