हरियाणा में छह से 18 वर्ष की आयुवर्ग के साहसी बच्चों को मिलेंगे बहादुरी पुरस्कार, ऐसे करें आवेदन
बाल कल्याण परिषद की ओर से राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार दिए जाएंगें। लेकिन खास बात यह है कि घटना के समय आवेदन कर्ता की उम्र छह से 18 साल के बीच होनी चाहिए। राष्ट्रीय बहादुरी पुरुस्कारों के लिए 15 अक्तूबर तक आवेदन हो सकता है।
जागरण संवाददाता, रोहतक : कम उम्र में बहादुरी के कारनामे करने वाले बच्चों को बाल कल्याण परिषद की ओर से राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार दिए जाएंगें। लेकिन खास बात यह है कि घटना के समय आवेदन कर्ता की उम्र छह से 18 साल के बीच होनी चाहिए। राष्ट्रीय बहादुरी पुरुस्कारों के लिए 15 अक्तूबर तक आवेदन हो सकता है। पुरस्कार प्रदान करने का उद्देश्य ऐसे बच्चों की बहादुरी को पहचान दिलाना है ताकि अन्य बच्चे भी इनसे प्रेरणा लेकर बहादुरी के कार्य कर सकें।
-आवेदन पत्र के साथ देना है घटना का विवरण
आवेदन पत्र के साथ बहादुरी के कार्य का 250 शब्दों में वर्णन, आवेदक का जन्म प्रमाण पत्र, घटना से संबंधित प्रकाशित समाचार पत्र/पत्रिका की कटिंग अथवा प्राथमिकी या पुलिस डायरी की रिपोर्ट संलग्न करनी है। इन पुरुस्कारों के लिए ऐसे बच्चे आवेदन कर सकते है, जो घटना के समय 6 वर्ष से 18 वर्ष आयुवर्ग में हो। ऐसी घटना की तिथि एक जुलाई 2021 एवं 30 सितम्बर 2022 के मध्य होनी चाहिए।
हालांकि चयन समिति इस अवधि में अधिक से अधिक छह माह की छूट प्रदान कर सकती है। इन पुरुस्कारों के लिए भारतीय बाल कल्याण परिषद द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा चयन किया जायेगा।
-पुरस्कारों के तहत मिलेंगे मेडल, प्रशस्ति पत्र व नकद इनाम
पुरस्कारों के तहत एक मेडल (स्वर्ण, रजत), प्रमाण पत्र तथा नकद इनाम प्रदान किया जाएगा। भारतीय बाल कल्याण परिषद भारत पुरस्कार के तहत एक लाख रुपये, ध्रुव पुरुस्कार के लिए75 हजार रुपये, मार्कंडेय पुरुस्कार के लिए 75 हजार रुपये, श्रवण पुरस्कार के लिए 75 हजार रुपये, प्रहलाद पुरस्कार के लिए 75 हजार रुपये, एकलव्य पुरस्कार के लिए 75 हजार रुपये, अभिमन्यु पुरस्कार के लिए 75 हजार रुपये तथा सामान्य पुरस्कारों के लिए 40 हजार रुपये की राशि दी जाएगी। एक बार रद्द किए जा चुके आवेदनों पर दोबारा विचार नहीं किया जाएगा। चयनित बच्चों को पुरस्कार नई दिल्ली में प्रदान किए जाएंगे।