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हिसार में एआरटी सेंटर में काउंसलर, स्टाफ नर्स व एलटी ने किया ज्वाइन, जल्द दी जाएगी ट्रेनिंग

हिसार एआरटी सेंटर से करीब 1400 मरीज पंजीकृत है जो यहां से उपचार ले रहे है। इन मरीजों को दवा तो यहां पर मिल जाती है। मगर सीडी फार टेस्ट नहीं होता है। इसके लिए मरीजों को रोहतक जाना पड़ता है।

By Naveen DalalEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 11:23 AM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 11:23 AM (IST)
हिसार में एआरटी सेंटर में काउंसलर, स्टाफ नर्स व एलटी ने किया ज्वाइन, जल्द दी जाएगी ट्रेनिंग
हिसार में एआरटी सेंटर से करीब 1400 मरीज पंजीकृत।

हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार के जिला नागरिक अस्पताल में बने एआरटी सेंटर में काउंसलर, स्टाफ नर्स व एलटी ने ज्वाइन कर लिया है। यह एचआइवी रोगियों के लिए राहत भरी खबर है, क्योंकि अब उनको एचआइवी टेस्ट व जांच संबंधित अन्य सुविधाएं भी जल्द मिलना शुरू होगी। पहले स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन स्टाफ को ट्रेनिंग दी जाएगी, कि कैसे मरीज की जांच व काउंसलिंग करनी है। कैसे सैंपल लेना व टेस्ट करना है। इस ट्रेनिंग के लिए स्टाफ को पंचकूला जाना पड़ सकता है। हालांकि, अभी एआरटी सेंटर में मशीन नहीं आई है। बताया जा रहा है कि मशीन भी जल्द आने वाली है। 

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अब सेंटर में सुविधा शुरू हो गई है और जल्द ही स्टाफ को दी जाएगी ट्रेनिंग

जानकारी के अनुसार एआरटी सेंटर से करीब 1400 मरीज पंजीकृत है, जो यहां से उपचार ले रहे है। इन मरीजों को दवा तो यहां पर मिल जाती है। मगर सीडी फार टेस्ट नहीं होता है। इसके लिए मरीजों को रोहतक जाना पड़ता है। यह सीडी फार टेस्ट एचआइवी ग्रस्त मरीजों को हर छह माह में करवाना पड़ता है। इससे पता चलता है कि मरीज में वायरस किस स्थिति में है। स्टाफ को ट्रेनिंग देने के बाद मशीन सेंटर में उपलब्ध करवाई जाएगी। बता दें कि दशहरे पर भर्तियों को लेकर प्रक्रिया शुरू हुई थी। मगर डीसी कार्यलय में फाइल को देरी से अनुमति मिलने के कारण भर्ती नहीं हो पाई थी। मगर अब स्वास्थ्य विभाग को अनुमति मिल गई है और स्टाफ ने भी ज्वाइन कर लिया है। विभाग ने 15 दिसंबर तक का अंतिम समय रखा था। वैसे कुल 11 स्टाफ लिया गया है, बाकी को ब्लड बैंक व आदमपुर नागरिक अस्पताल में तैनात किया गया है। 

एक माह की देते है दवा

एआरटी सेंटर से पहले मरीजों को एक माह की दवा देते है। स्टाफ का कहना है कि इससे मरीज का समय पर आवागमन रहता है। पता चलता रहता है मरीज की हालत में कितना सुधार है। उसी आधार पर दवा दी जाती है। वरना पहले रोहतक से तीन माह की मिलती है।


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