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coronavirus : क्वारंटाइन पोस्टर लगा तो समझ लिया पॉजिटिव, विदेश से लौटे हिसारवासी परेशान

आइये जानते हैं कुछ ऐसे लोगों के अनुभव जो क्वारंटाइन में रह रहे हैं। अज्ञानता के कारण कोई इन्‍हें कोरोना पॉजिटिव समझ रहा है तो कोई इनके घर में भी नहीं जाना चाहता।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 30 Mar 2020 04:46 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2020 04:46 PM (IST)
coronavirus : क्वारंटाइन पोस्टर लगा तो समझ लिया पॉजिटिव, विदेश से लौटे हिसारवासी परेशान
coronavirus : क्वारंटाइन पोस्टर लगा तो समझ लिया पॉजिटिव, विदेश से लौटे हिसारवासी परेशान

हिसार [सुभाष चंद्र] हिसार जिले में अभी तक विदेशों से करीब 315 लोग लौटे हैं। इन लोगों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से होम क्वारंटाइन किया गया है। ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव किया जा सके। क्वारंटाइन में रह रहे लोगों को अच्छे बुरे अनुभव भी हो रहे हैं। आइये जानते हैं कुछ ऐसे लोगों के अनुभव जो क्वारंटाइन में रह रहे हैं। अज्ञानता के कारण कोई इन्‍हें कोरोना पॉजिटिव समझ रहा है तो कोई इनके घर में भी नहीं जाना चाहता। और भी कई चीजें इनके साथ हो रही हैं।

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छत पर आते ही लोग भाग जाते हैं

अमेरिका से 15 मार्च को लौटे एक व्यक्ति ने बताया कि जब से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी घर के बाहर पोस्टर लगा के गए हैं, उसी दिन से आस-पड़ोस के लोग उसे कोरोना पॉजिटिव मान रहे हैं। आस-पड़ोस के लोग कहते हैं, इनको कोरोना हो गया है। बड़ी परेशानी होती है, उनकी यह बातें सुनकर। छत पर अकेले घूम रहे हों तो भी आस-पड़ोस की छतों पर बैठे लोग डर के मारे भाग जाते हैं। फैमिली भी देख के डर रही है। समय गुजारने के लिए बुक पढ़कर और मोबाइल से समय व्यतीत कर रहा हूं।

लेकिन एक तरह से जिंदगी का यह अनुभव अच्छा भी है जो अच्छे दोस्त थे, रिश्तेदार थे, उन्होंने फोन कर पूछा है। लेकिन जो दोस्ती का दिखावा करते थे, वो दूर भागते हैं। जो फिक्र करते हैं, उनके कॉल आए हैं। इससे पता लगा कि कौन सच्चे दोस्त हैं और कौन दिखावा कर रहे हैं। वहीं साफ-सफाई के लिए ज्यादा सजग हो गया हूं और मेरे साथ फैमिली भी। वहीं बच्चे भी रोजाना कई बार हाथ धो रहे हैं। सैनिटाइजर प्रयोग कर रहे हैं। छोटे बच्चों के अंदर भी अवेयरनेस आई है। वो पेरेंट्स को कहते हैं हाथ धो लो। जिंदगी के इस अनुभव से बहुत कुछ सीखने को मिला है। जो किताबें कभी ना पढ़ी थी, वो किताबें भी पढ़ी हैं। कभी नहीं सोचा था कि गीता अध्याय पढूंगा, लेकिन अब गीता पढ़ रहा हूं, जिससे कई नई बातें सीखने को मिली हैं।

खुद लगाता हूं झाड़ू, धोता हूं बर्तन

मॉरीशस से 21 मार्च को हिसार लौटे एक मेडिकल स्टूडेंट ने बताया कि उसका समय तो ऑनलाइन क्लास में बीत रहा है। वहां कालेज के शिक्षक जूम एप पर ऑनलाइन स्टडी करवा रहे हैं। वॉटसएप पर भी पीडीएफ बनाकर भेजते हैं। युवक ने बताया कि वह अब सेल्फ डिपेंडेंट हो गया है। जब से हिसार लौटा है, घर के जिस कमरे में रहता है, खुद ही पौछा-झाडू करता है और जिन बर्तनों में खाना खाता है, उन्हें खुद ही धोता है। मम्मी खाना बनाकर कमरे के गेट पर छोड़ देती है। कमरे में बाथरूम अटैच है, तो कमरे से बाहर नहीं जाता। युवक ने बताया किताबें पढ़कर समय गुजार रहा हूं। साथ ही सेहत के लिए मेडिटेशन, एक्सरसाइज भी कर लेता हूं। इनसे इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होता है। जब घर पर आया तो भी दूर से ही परिवार वालों से मिला, गले नहीं मिला, भाई से हाथ नहीं मिलाया।


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