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कोरोना संक्रमित को सिविल अस्पताल में नहीं मिली ऑक्सीजन और वेंटिलेटर, अग्रोहा मेडिकल कालेज में तोड़ा दम

- बड़वाली ढाणी निवासी कोरोना संक्रमित युवक को सिविल अस्पताल में नहीं मिला उपचार - बिना रे

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 07:30 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 07:30 AM (IST)
कोरोना संक्रमित को सिविल अस्पताल में नहीं मिली ऑक्सीजन और वेंटिलेटर, अग्रोहा मेडिकल कालेज में तोड़ा दम
कोरोना संक्रमित को सिविल अस्पताल में नहीं मिली ऑक्सीजन और वेंटिलेटर, अग्रोहा मेडिकल कालेज में तोड़ा दम

- बड़वाली ढाणी निवासी कोरोना संक्रमित युवक को सिविल अस्पताल में नहीं मिला उपचार

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- बिना रेफर दस्तावेज दिए ही भेज दिया अग्रोहा मेडिकल कालेज

- स्वजनों का आरोप मरीज को लेकर आइसोलेशन वार्ड के स्टाफ ने वेंटिलेटर व ऑक्सीजन ना होने की बात कह कर दिया मना

- सिविल अस्पताल में उच्चाधिकारियों ने किया दावा-सभी वेंटिलेटर सुचारू

जागरण संवाददाता, हिसार: बड़वाली ढाणी में हनुमान मंदिर नजदीक निवासी 32 वर्षीय कोरोना संक्रमित युवक की सिविल अस्पताल में समय पर ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की सुविधा न मिलने पर मौत हो गई। सिविल अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा न मिल पाने पाने पर मरीज की मौत का यह यह दूसरा मामला सामने आया है। पांच दिन पहले भी ऐसे ही एक कोरोना संक्रमित को अग्रोहा रेफर किया गया था, जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी। मिली जानकारी के अनुसार बड़वाली ढाणी निवासी यह युवक दूध की डेयरी चलाता था। युवक पांच दिन पहले कोरोना संक्रमित हुआ था। इसके बाद उसे पहले होम क्वारंटाइन किया गया था। इसके बाद तबियत बिगड़ी तो युवक को शुक्रवार को एंबुलेंस के माध्यम से सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में ले जाया गया। लेकिन सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में मरीज को दाखिल ही नहीं किया गया। स्वजनों का आरोप है कि सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में स्टाफ ने उनकी बात भी नहीं सुनी और बदतमीजी से बात की गई। उन्हें कहा गया कि वेंटिलेटर ही नहीं है। पहले ही यहां गंभीर मरीज दाखिल हैं। वेंटिलेटर खाली नहीं है। मरीज को रेफर करने के लिए कहा गया। लेकिन ना तो रेफर किया गया और कहा कि बिना कागज ही अग्रोहा मेडिकल में ले जाओ। कोरोना मरीज को मना नहीं करेंगे, अपने आप दाखिल कर लेंगे।

एक घंटे बाद किया दाखिल

अग्रोहा मेडिकल में मरीज को ले जाया गया तो वहां बिना रेफर दस्तावेजों के मरीज को दाखिल करने से मना कर दिया गया। चूंकि सिविल अस्पताल से मरीज को रेफर नहीं किया गया था। इसके बाद स्वजनों ने अपने परिचित सब्जी मंडी के पूर्व प्रधान राजेंद्र को फोन पर इस बात की सूचना दी। जिसके बाद राजेंद्र ने डा. रमेश पूनिया को फोन किया। इसके बाद डा. पूनिया ने अग्रोहा मेडिकल में मरीजों को दाखिल करने के लिए बात की। जिसके बाद युवक को दाखिल किया गया। लेकिन शुक्रवार अलसुबह मरीज की उपचार के दौरान मौत हो गई।

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अग्रोहा मेडिकल ने दस्तोवजों में लिखा सिविल अस्पताल में नहीं मिली ऑक्सीजन व वेंटिलेटर की सुविधा

अग्रोहा मेडिकल के एक्सिडेंट व इमरजेंसी विभाग की ओर से युवक के मेडिकल दस्तोवजों पर लिखा भी गया है कि सिविल अस्पताल में मरीज को ऑक्सीजन व वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिल पाई थी। जबकि मरीज को गंभीर हालत के चलते ऑक्सीजन व वेंटिलेटर की सुविधा की आवश्यकता थी। जिसके बाद मरीज को अग्रोहा मेडिकल भेजा गया है। लेकिन कोई रेफर दस्तावेज सिविल अस्पताल ने नहीं दिए।

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सिविल अस्पताल में तीन ही वेंटिलेटर सुचारू

सिविल अस्पताल में मौजूदा समय में तीन ही वेंटिलेटर सुचारू रूप से चलाए जा रहे हैं। जबकि यहां 17 वेंटिलेटर हैं। वेंटिलेटर न चल पाने पर कटाक्ष करते हुए डा. रमेश पूनिया का एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसके बाद विभागाधिकारियों ने उन पर जांच बैठा दी थी।

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कोरोना मरीजों के उपचार में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। कोरोना मरीजों से गलत व्यवहार करने वाले लोगों के खिलाफ सरकार से अपील की है कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाए।

राजेंद्र प्रसाद, प्रधान, सब्जी मंडी संघर्ष समिति।


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