ब्लू बर्ड झील से बतखों के साथ ठेकेदार भी गायब, तलाशने में जुटा पर्यटन विभाग, ठेका भी रद
रेवाड़ी के धारुहेड़ा की निजी कंपनी ठेकेदार के घर पर मिले किराएदार गैस एजेंसी व पेट्रोल पंप पर लटके मिले ताले फोन भी बंद। ठेकेदार गायब ब्लू बर्ड झील का टेंडर रद तलाश में जुटे
हिसार, जेएनएन। ब्लू बर्ड झील में गायब बतखों की तलाश में पर्यटन विभाग जुट गया है। उधर बतखों के अलावा झील का ठेका लेने वाली कंपनी का मालिक भी गायब है। ठेकेदार के ठिकानों पर नोटिस चस्पा के बाद पर्यटन विभाग ब्लू बर्ड झील का टेंडर भी रद कर चुकी है। साथ ही झील का दोबार टेंडर की प्रक्रिया भी दोहराई गई। अब टेंडर विधानसभा चुनाव के बाद किया जाएगा।
बता दें कि सिरसा दिल्ली बाइपास पर हरियाणा टूरिज्म का ब्लू बर्ड पर्यटन केंद्र स्थापित है। राजकीय पशुधन फार्म की करीब 52 एकड़ जमीन पर्यटन विभाग ने ली, जिसमें साल 1996 में जोहड़ को करीब 18 एकड़ में झील में परिवर्तित किया। झील की तरफ पर्यटक आए इसके लिए यहां बोटिंग की शुरुआत की गई। उसी कड़ी में साल 2019 को झील का करीब 45 लाख रुपये का टेंडर किया। जिसमें बोटिंग व मत्सय पालन की कंपनी ठेकेदार को अनुमति दी गई।
लेकिन पिछले करीब तीन माह से ठेकेदार की विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है। कंपनी के पते पर पर्यटन विभाग ने कई नोटिस, लीगल नोटिस भी भेजे, लेकिन वे वापिस आ गए। ऐसे में अब विभाग के अफसर ठेकेदार के ठिकानों की तलाश पर वहां उसकी तलाश में जुटे हुए हैं।
कंपनी ठेकेदार के घर पर मिले किराएदार, गैस एजेंसी व पैट्रोल पंप पर मिला बंद, फोन भी बंद
झील का टेंडर लेने वाली निजी कंपनी के ठेकेदार ने कई कार्य शुरु किए हुए हैं। पर्यटन विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों के अनुसार टीम पहले उसके टेंडर में दिए पते पर पहुंची। लेकिन वहां कोई नहीं मिला। ठेकेदार के घर पहुंची तो वहां किराएदार मिले। टीम ने उनसे मालिक की जानकारी मांगी तो पता चला कि कई महीनों से मालिक देखा ही नहीं। उन्हें किराया भेजने का पता पूछा तो उन्होंने एक बैंक का अकाउंट नंबर देते हुए कहा कि इसी पर भेज रहे हैं। इसके बाद जानकारी जुटाकर टीम उनकी गैस एजेंसी और पेट्रोल पंप पर पहुंची। स्टाफ को वहां ताले लटके मिले। टीम ने ठेकेदार के मिले ठिकानों पर नोटिस चस्पा करने की बात कहीं।
ठेका लेने के बाद नहीं भरी दूसरी किस्त, न काम हुआ शुरु
कंपनी ठेकेदार ने हिसार में ब्लू बर्ड झील का टेंडर लेने के लिए कंपनी तो बनाई लेकिन उस कंपनी के माध्यम से काम शुरु नहीं कर पाया। ठेकेदार ने अप्रैल 2019 में टेंडर लिया। जो मार्च 2022 तक था। ठेकेदार ने टेंडर के लिए सिक्योरिटी राशि व एक किस्त यानि करीब 12 लाख रुपये जमा करवाए। उसने झील को व्यवस्थित करने के लिए खुदाई भी करवाई। लेकिन उसके बाद करीब तीन माह से उसकी विभाग के पास कोई सूचना नहीं है। उसे करीब 6 लाख रुपये जमा करवाने थे लेकिन जब किस्त नहीं आई तो विभाग हरकत में आया और उसकी तलाश शुरु की।
बतखों की तलाश में जुटा पर्यटन विभाग
पर्यटन विभाग ने बतखों की तलाश शुुरू कर दी है। मैनेजर संदीप ने पर्यटन विभाग के स्टाफ की मीङ्क्षटग ली और उन्हें झील में पानी उपलब्ध करवाने के संबंध में दिशा निर्देश दिए। साथ ही बत्तखों की तलाश के लिए भी कहा।
---ठेकेदार नहीं मिला है। हमने नोटिस चस्पा कर मुख्यालय को स्थिति से अवगत करवा दिया था। मुख्यालय के दिशा निर्देशन में कार्य किया जा रहा है।
- संदीप कुमार, मैनेजर, पर्यटन विभाग, हिसार।