टिकट बंटवारे से नाराज कांग्रेसी थाम रहे बगावती झंडा, जानें संपत सिंह ने क्या लिया फैसला
बरवाला में रामनिवास घोड़ेला ने निर्दलीय नामांकन किया है। उकलाना में नरेश सेलवाल ने भी कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है। नलवा में संपत सिंह और हांसी में हरपाल बूरा भी नाराज चल रहे हैं।
हिसार [अमित धवन] कांग्रेस के विधानसभा चुनाव प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद हिसार जिले की कई सीटों पर विरोध शुरू हो गया है। टिकट न मिलने से नाराज नेता बगावत का झंडा उठा लिया है। बरवाला हलके से दोबार चुनाव लड़ चुके पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला ने आजाद उम्मीदवार के तौर पर शुक्रवार को नामांकन कर दिया। वहीं उकलाना में पूर्व विधायक नरेश सेलवाल ने भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का एलान किया है।
नलवा विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक प्रो. संपत सिंह को भी इस बार टिकट नहीं मिला है। उनकी जगह रणधीर पनिहार को टिकट मिला है जो कि कुलदीप बिश्नोई के काफी खास माने जाते हैं। माना जा रहा था कि संपत सिंह भी कांग्रेस छोड़ सकते हैं और संपत सिंह ने कार्यकर्ताओं की शुक्रवार को एक बैठक बुलाई थी। मगर उन्होंने कहा है कि वो कांग्रेस में ही रहेंगे और पार्टी उन्हें जो भी आदेश देगी वो मानेंगे। उनके इस फैसले से पार्टी छोड़ने के कयास तो खत्म हो गए हैं मगर कार्यकर्ताओं का मानना है कि टिकट नहीं मिलने को लेकर नाराजगी है।
यही नहीं बल्कि हांसी से टिकट की दौड़ में शामिल कांग्रेस नेता हरपाल बूरा ने भी अपने कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई। हरपाल बूरा ने कहा कि वो चुनाव तो नहीं लड़ेंगे और अभी कांग्रेस में ही रहेंगे। वहीं शनिवार को उन्होंने एक प्रैस कांन्फ्रेंस भी बुलाई है। माना जा रहा है कि वो इस दौरान कोई बड़ी बात कह सकते हैं। नारनौंद हलके से रामभगत शर्मा ने भी कैप्टन अभिमन्यु के साथ मिलकर कांग्रेस की खिलाफत शुरू कर दी है।
नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर बैठकों का दौर शुरू हो गया था। दो अक्टूबर को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर जमकर हंगामा भी हुआ। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डा. अशोक तंवर व उनके कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाए। जब कांग्रेस की लिस्ट जारी हुई तो कई नेताओं के चेहरे उतर गए। हिसार जिले में आदमपुर हलके को छोड़कर सभी छह सीटों पर नए चेहरे उतारे गए हैं। इससे नाराज पुराने कांग्रेसियों और पूर्व विधायक ने पार्टी के खिलाफ बिगुल बजा दिया है।
बरवाला विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2009 में विधायक बने रामनिवास घोड़ेला ने निर्दलीय चुनाव लडऩे का ऐलान किया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समर्थित घोड़ेला ने शुक्रवार सुबह 11 बजे गुलाबी पगड़ी पहन कर चुनाव लडऩे के लिए नामांकन दाखिल किया।
हांसी हलके से कांग्रेस ने ओम प्रकाश पंघाल को टिकट दी है। उनके अलावा हांसी से हरपाल बूरा, राजेंद्र ठाकुर व अन्य कांग्रेसी टिकट मांग रहे थे। पंघाल को टिकट मिलने के बाद अब सभी अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं। बूरा ने अपने गांव घिराये में शुक्रवार को बैठक बुलाई थी। बूरा ने कहा कांग्रेस ने गैर राजनीतिक और हलके से बाहर के व्यक्ति को टिकट दी है, इससे अलग तरह की बदबू आ रही है। हर कार्यकर्ता पार्टी से नाराज है।
नाराज तो हैं, लेकिन बगावत नहीं करेंगे
टिकट कटने से नाराज जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष डा. राजेंद्र सूरा ने कहा कि बरवाला से मेरी की टिकट गलत काटी गई है। बरवाला से मैं भी मजबूत प्रत्याशी था और जीतकर आता। कार्यकर्ताओं को काफी दुख है, लेकिन मैं पार्टी से बगावत करके चुनाव नहीं लड़ूंगा।
हुड्डा के करीबी रहे पूर्व विधायक रामभगत भाजपा में हुए शामिल
कांग्रेस अपनी विचार धारा से भटक गई है। कांग्रेस में काम करने वाले नेताओं का मान सम्मान नहीं हो रहा। कुछ लोग कांग्रेस पार्टी को खोखला करने में जुटे हैं। इसी से आहत होकर मैं कांग्रेस को अलविदा कहकर भाजपा में शामिल होने की घोषणा करता हूं। ये बातें रामभगत शर्मा ने नारनौंद सब्जी मंडी में मुख्यमंत्री मनोहर लाल व कैप्टन अभिमन्यु के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि हलके को विकास की बुलंदियों पर ले जाने वाले वित्त मंत्री व मुख्यमंत्री के कार्यों से प्रभावित होकर भाजपा में समर्थकों सहित शामिल हो रहा हूं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व दीपेंद्र हुड्डा ने जो मान सम्मान दिया, उसे हमेशा याद रखूंगा।