नियम 134 ए को लेकर असमंजस, कई स्कूलों को नहीं मिला सरकार से फंड
आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की पढ़ाई के लिए नियम 134 ए लागू किया गया है। मगर इस नियम को लेकर प्राइवेट स्कूलों में रोष दिखाई दे रहा है क्योंकि अभी तक कई स्कूलों को सरकार की तरफ से दिया जाने वाला फंड अभी तक नहीं भेजा गया है।
जागरण संवाददाता, हिसार : आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की पढ़ाई के लिए नियम 134 ए लागू किया गया है। मगर इस नियम को लेकर प्राइवेट स्कूलों में रोष दिखाई दे रहा है क्योंकि अभी तक कई स्कूलों को सरकार की तरफ से दिया जाने वाला फंड अभी तक नहीं भेजा गया है। ऐसे में इस मामले को लेकर हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ इस मामले को लेकर कई बार शिक्षा मंत्री से भी मिल चुके हैं फिर भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा। कई जिलों में पिछले चार वर्षों से लंबित है धनराशि
संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा कि कई वर्षों से निजी स्कूल सरकार के आदेशानुसार नियम 134ए के तहत दस प्रतिशत गरीब बच्चों को अपने स्कूलों में फ्री पढ़ा रहे हैं, लेकिन सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2019-20 का एक पैसा भी किसी भी स्कूल को नहीं दिया है। यहां तक कि पिछले चार वर्षों का पैसा भी बहुत से जिलों में अभी तक नहीं दिया गया है। पूर्व में शिक्षामंत्री के आश्वासन के पांच महीने बाद भी बकाया पैसा निजी स्कूलों को नहीं दिया गया। इसके साथ ही संघ के पदाधिकारियों ने नौंवी से 12वीं कक्षा का पैसा भी निर्धारित करने की मांग की। स्कूलों ने बसों का टैक्स माफ करने की लगाई गुहार
प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने निजी स्कूलों की बसों का चार महीने का टैक्स माफ करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल व मूलचंद शर्मा का धन्यवाद किया। इसके साथ साथ मांग की कि जब तक प्राइवेट स्कूलों की बसें नहीं चलती, तब तक का सारा टैक्स माफ किया जाए व जिन स्कूल संचालकों ने बस टैक्स जमा करवा दिया है, उनका पैसा वापस किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना समय से एक साल तक बस पासिग फीस भी माफ होनी चाहिए तथा बसों की लोन किस्त व ब्याज व इंश्योरेंस में भी छूट दी जानी चाहिए, क्योंकि जब से कोरोना वायरस का प्रकोप हुआ है तब से स्कूलों की बसें खड़ी है।