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सिरसा में शुरू हुआ सामुदायिक रेडियो स्टेशन, किसानों को मिलेंगी कृषि व पशुपालन की जानकारियां

सिरसा में रेडियो स्‍टेशन के माध्‍यम से किसानों को मौसम सम्बन्धी जानकारी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की सलाह पशुपालन एवं गृह विज्ञान से संबंधित नवीनतम जानकारी प्रदान की जाएगी। सामुदायिक रेडियो स्टेशन स्थानीय संस्कृति कला एवं ज्ञान को भी बढ़ावा देंगे।

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 17 Dec 2020 03:18 PM (IST)Updated: Thu, 17 Dec 2020 03:18 PM (IST)
सिरसा में शुरू हुआ सामुदायिक रेडियो स्टेशन, किसानों को मिलेंगी कृषि व पशुपालन की जानकारियां
हरियाणा में सिरसा में सातवां सामुदायिक रेडियो स्‍टेशन शुरू किया गया है

सिरसा, जेएनएन। सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के प्रसारणों का कृषि विकास में महत्वपूर्ण योगदान होगा। इन स्टेशनों पर किसानों को ध्यान में रखकर कार्यक्रम प्रसारित किए जाएंगे। इन पर प्रसारित कार्यक्रमों के माध्यम से किसान सम-सामयिक विषयों पर संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। ये विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने कहे। वे विश्वविद्यालय के सिरसा में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र पर सामुदायिक रेडियो स्टेशन के विधिवत उद्घाटन के बाद बोल रहे थे। यह रेडियो स्टेशन अब किसानों के लिए समर्पित कर दिया गया है। इस सामुदायिक रेडियो स्टेशन को हरियाणा सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत स्थापित किया गया है।

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कृषि विश्वविद्यालय का यह सातवां सामुदायिक रेडियो स्टेशन है

पत्रकारों को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि इनसे किसानों को मौसम सम्बन्धी जानकारी, विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की सलाह, पशुपालन एवं गृह विज्ञान से संबंधित नवीनतम जानकारी प्रदान की जाएगी। सामुदायिक रेडियो स्टेशन स्थानीय संस्कृति, कला एवं ज्ञान को भी बढ़ावा देंगे तथा किसानों की आय दोगुना करने में माननीय प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के उदेश्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगें। उन्होंने बताया कि इन स्टेशनों पर महिलाओं को स्वावलंबी व स्वरोजगारोन्मुखी बनाने संबंधित कार्यक्रम भी सुव्यविस्थत तरीके से अधिक से अधिक प्रसारित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय एक साथ सात सामुदायिक रेडियो स्टेशन स्थापित करने वाला देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय बन गया है। भारत सरकार व हरियाणा सरकार की सहायता से इस तरह के छह सामुदायिक रेडियो स्टेशन विभिन्न कृषि विज्ञान केन्द्रों पर पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं। इनमें हिसार, रोहतक, झज्जर, पानीपत, कुरूक्षेत्र व जींद शामिल हैं।

किसानों व वैज्ञानिकों के होंगे घनिष्ठ संबंध, मिलेगी हर जानकारी

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने कहा कि रेडियो स्टेशनों के स्थापित होने के बाद किसानों व वैज्ञानिकों के संबंध अधिक घनिष्ठ होंगे और किसानों को हर प्रकार की जानकारी मिलती रहेगी। उन्होंने कहा कि इनसे किसानों को फसलों की उन्नत किस्मों के साथ-साथ उनकी बिजाई संबंधी जानकारी, बिमारियों व कीटों और समाधान संबंधी जानकारी, मौसम सम्बन्धी जानकारी, विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की सलाह, पशुपालन एवं गृह विज्ञान से संबंधित नवीनतम जानकारी प्रदान की जाएगी। व्यक्तिगत रूप से किसानों एवं कृषि-वैज्ञानिकों का आपसी संपर्क कम हो पाता है या संभव ही नहीं होता। ऐसे में सामुदायिक रेडियो स्टेशन कृषि से संबंधित उन्नत तकनीकों की जानकारी पहुंचाने की एक महत्वपूर्ण कड़ी बन सकते हैं। भविष्य में यह सामुदायिक रेडियो स्टेशन उन्नत व नवीनतम तकनीकों के प्रचार-प्रसार में मील का पत्थर साबित होंगे।

ऐसे होगी सामुदायिक रेडिय़ो स्टेशनों के कार्यक्रमों की रूपरेखा

विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ आर.एस. हुड्डा ने कहा कि यह सभी रेडियो स्टेशन हरियाणा सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना व आत्मा स्कीम के तहत स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में सबसे पहले 29 नवंबर 2009 को सामुदायिक रेडियो स्टेशन की स्थापना की गई और एफ.एम. 91.2 मैगाहर्टज पर कार्यक्रम प्रस्तुत करने शुरू कर दिए। इन रेडियो स्टेशनों से दिन में दो बार सुबह 9:30 बजे से 11:30 बजे तथा शाम को 2:30 बजे से 4:30 बजे कृषि पशुपालन, सरकारी योजनाओं, मौसम संबंधी जानकारी व स्थानीय कलाकारों द्वारा हरियाणवी संस्कृति कार्यक्रम प्रसारित किए जाएंगे। सह-निदेशक (फार्म परामर्श सेवा) डॉ. सुनील ढाण्डा ने कहा कि ये रेडियो स्टेशन एक लंबे एवं जटिल प्रयास का परिणाम हैं क्योंकि इनको स्थापित करने के लिए विस्तार शिक्षा निदेशालय ने लगातार कई वर्षों तक भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों से एनओसी प्राप्त करने के बाद ही किसानों को समर्पित किए गए हैं।

ये रहे समारोह में मौजूद

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सिरसा के एसडीएम जयवीर यादव, अनुसंधान निदेशक डा. एस के सहरावत, प्रोजेक्ट डायरेक्टर डा. सतीश खोखर, कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डा. देवेंद्र सिंह जाखड़ मौजूद थे।


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