Haryana Weather Update: हरियाणा में तीन-चार दिन बढ़ेगी गलन, 18 से 20 जनवरी तक पड़ सकता है पाला
मगर उत्तर पश्चिमी शीत हवाएं चलने से 16 जनवरी से रात्रि के तापमान में गिरावट आएगी। हवा में नमी की मात्रा अधिक होने से अलसुबह या देर रात्रि धुंध छाए रहने की संभावना है। कई जगह न्यूनतम तापमान गिरने से पाला पड़ सकता है।
हिसार, जेएनएन। हरियाणा में जाड़े ने लोगों के हाथों-पैरों में सिरहन पैदा कर दी है। लोगों की दिन में भी कंपकंपी छूटती दिख रही है। हिसार में रात्रि तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया हे। वहीं नारनौल, जहां एक दिन पहले एक डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान था, अब बढ़कर 6.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। मौसम विज्ञानियों की मानें तो आगामी दिनों में अधिक सर्दी महसूस हो सकती है।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि राज्य में मौसम आमतौर पर 21 जनवरी तक खुश्क मगर परिवर्तनशील रहने की संभावना है। इस दौरान दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होगी। मगर उत्तर पश्चिमी शीत हवाएं चलने से 16 जनवरी से रात्रि के तापमान में गिरावट आएगी। हवा में नमी की मात्रा अधिक होने से अलसुबह या देर रात्रि धुंध छाए रहने की संभावना है। रात्रि तापमान में लगातार संभावित गिरावट से राज्य में 18 जनवरी से 20 जनवरी के बीच कहीं कहीं पाला पड़ने की भी संभावना है ।
बदलते मौसम में किसान इन बातों का रखें ध्यान
रात्रि तापमान में गिरावट व पाला पड़ने की संभावना को देखते हुए सरसों, सब्जियों विशेषकर आलू, टमाटर, मिर्च, बैंगन तथा छोटे फलदार पौधों व नर्सरी के बचाव के लिए यदि पानी उपलब्ध हो तो हल्की सिंचाई करें। ताकि जमीन का तापमान बढ़ सके। खेत के किनारे पर तथा 15 से 20 फीट की दूरी के अंतराल पर जिस ओर से हवा आ रही है, रात्रि के समय कूड़ा कचरा सूखी घास आदि एकत्रित कर धुआं करना चाहिए ताकि वातावरण का तापमान बढ़ सके व पाले का हानिकारक प्रभाव न पड़े। सीमित क्षेत्र में लगी नर्सरी को टाट, पॉलीथिन व भूसे से ढकें।
गेहूं पीला पड़े तो यह अपनाएं उपाय
दिन का तापमान कम रहने व बादलवाई रहने से गेहूं की फसल में पीलापन दिखाई दे तो 2.5 किलोग्राम यूरिया व 500 ग्राम जिंक सल्फेट (21 फीसद) को 100 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ में स्प्रे करें।
सरसों में ऐसे करें बचाव
बादलवाई व नमी की अधिकता के कारण सरसों की फसल में सफेद रतुआ के प्रकोप की संभावना बढ़ जाती है।यदि पत्तों पर सफेद व क्रीम रंग के छोटे धब्बे दिखाई दें तो 600 ग्राम मेंकोजेब (डाईथेन या इंडोफिल एम 45) को 250 से 300 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। इस स्प्रे से अल्टरनेरिया ब्लाइट व डाउनी मिल्ड्यू (फुलिया) से सरसों की फसल का बचाव भी होता है।