चाइनीज जुगाड़ से तैयार करते थे क्लोन एटीएम कार्ड, दो मशीनों व एप से बनता है डमी डेबिट कार्ड
हांसी में डेबिट कार्ड का क्लोन बना देशभर में 75 वारदात करने वाले शातिर को पकड़ा है। डमी डेबिट कार्ड बनाने में एमएसआर-5 एमएसआर-6 मशीनें इस्तेमाल होती हैं।
हांसी (हिसार) [मनप्रीत सिंह] एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कर ठगी करने के लिए शातिर ठग चाइनीज मशीनों व तकनीक का इस्तेमाल करते थे। एमएसआर-5 नाम की मशीन के जरिये असली कार्ड को स्वाइप करके स्कीमिंग करता और फिर एमएसआरबीटीएक्स-6 की डिवाइस से डमी कार्य तैयार कर ठगी की वारदात को अंजाम देता था। इस डिवाइस की कीमत करीब 25 हजार है और एजेंट के जरिये गैर-कानूनी तरीके से मंगवाया था।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कुछ महीने पूर्व ये डिवाइस चाइनीज ऑनलाइन स्टोर अलीबाबा पर उपलब्ध थी, जहां से इसे एटीएम ठगी करने वाले स्पेशल ऑर्डर पर खरीदते थे। लेकिन बीते कुछ समय से इसकी ऑनलाइन बिक्री बंद होने के बाद ये मशीनें युवक ने एजेंट के जरिये मंगवाई थी। एमएसआर-5 नामक डिवाइस एटीएम कार्ड में लगी मैगनेट प्लेट को रीड कर लेती है और फिर उस जानकारी को एमएचआर एप के जरिये डिकोड किया जाता है। जिसके बाद एमएसआर-6 के माध्यम से डमी एटीएम कार्ड तैयार होता है। इस पूरे प्रकरण को सुलझाने में साइबर सेल की अहम भूमिका रही है। सूत्रों की माने तो साइबर सेल की रडार पर अभी कई एटीएम ठग और हैं।
दिल्ली व गुवाहटी के ठग थे दोस्त
ठगी के मामले में गिरफ्तार किए गए युवक ने पुलिस पूछताछ में बताया कि दिल्ली व गुवाहाटी के दो युवक भी शामिल हुए थे। काफी दिनों तक तीनों ने मिलकर काम किया था, लेकिन बाद में दिल्ली व गुवाहाटी के युवकों ने साथ छोड़ दिया। जिसके बाद एक अन्य दोस्त के साथ मिलकर अमरनाथ ठगी की वारदातें करने में जुट गया। पुलिस को अब अमरनाथ के साथी की तलाश है।
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ठगी की चाहत में तकनीक सीख जाते हैं अनपढ़ भी
क्लोन एटीएम बनाने के लिए तकनीक का ज्ञान चाहिए। क्योंकि जिन एप के जरिए क्लोन एटीएम तैयार होता है वह आम आदमी की समझ से परे हैं, लेकिन धोखाधड़ी करके पैसे कमाने की चाहत में इस तकनीक को सामान्य शैक्षणिक योग्यता वाले ठग भी सीखकर लोगों को चूना लगा रहे हैं।
इंटरनेट पर बिखरा बड़ा है क्लोन एटीएम बनाने का ज्ञान
हैरत करने वाली बात है कि क्लोन एटीएम बनाने के लिए इंटरनेट पर काफी जानकारी उपलब्ध है। इसके अलावा प्ले स्टोर में कई पेड एप हैं जो क्लोन एटीएम बनाने में सहायक हैं। एमएचआर नाम की एप भी क्लोन एटीएम बनाने में काफी सहायक है और आरोपित युवक भी इसी का इस्तेमाल करता था।
ऐसे एटीएम में नहीं चल पाता क्लोन एटीएम
जिन एटीएम मशीनों में पैसे निकलाते वक्त कार्ड अंदर चला जाता है या पैसे निकालने की प्रक्रिया पूर्ण होने तक लॉक हो जाता है ऐसी एटीएम मशीनों में क्लोन एटीएम कार्ड नहीं चलता है। जबकि जिन एटीएम मशीनों में कार्ड लॉक नहीं होता है उनमें ही क्लोन एटीएम कार्ड चलता है। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया युवक भी ग्रामीण क्षेत्रों में ही ज्यादा वारदातें करता था जहां एटीएम मशीनें अभी पुरानी हैं।