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529 गायों के मौत मामले में नगर निगम और पशुपालन विभाग को गोसेवा आयोग की क्लीनचीट

जागरण संवाददाता हिसार गोअभयारण्य में 529 पशुओं की मौत के मामले में जांच में हरियाणा

By Edited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 02:02 AM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 11:50 AM (IST)
529 गायों के मौत मामले में नगर निगम और पशुपालन विभाग को गोसेवा आयोग की क्लीनचीट
529 गायों के मौत मामले में नगर निगम और पशुपालन विभाग को गोसेवा आयोग की क्लीनचीट

हिसार, जेएनएन। गोअभयारण्य में 529 पशुओं की मौत के मामले में जांच में हरियाणा गोसेवा आयोग ने नगर निगम और पशुपालन विभाग को क्लीन चिट दे दी है। आयोग के अध्यक्ष भानीराम मंगला ने बुधवार को गोअभयारण्य का निरीक्षण कर पशुपालन और नगर निगम प्रशासन से रिकार्ड तलब किया। इसके बाद दोनों विभागों के आला अधिकारियों के साथ पानी, चारे और शेड सहित अन्य व्यवस्थाओं को देखा और उनके बारे में जानकारी ली। गोअभयारण्य की जानकारी लेने और निरीक्षण के बाद उन्होंने इस पूरे मामले में दोनों विभागों को क्लीनचीट देते हुए गोअभयारण्य में स्टाफ बढ़ाने के आदेश दिए। इस अवसर पर मेयर गौतम सरदाना, निगम कमिश्नर जेके अभीर, उपनिदेशक डा. डीएस ¨सधू, एसई रामजीलाल, एसडीओ शीला सहित पार्षद व अधिकारी मौजूद थे। वहीं पशुपालन विभाग की प्रधान सचिव नीरजा शेखर भी हिसार पहुंच गई हैं। वे गोअभयारण्य का भी निरीक्षण कर सकती हैं।

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गोअभयारण्य में बढ़ाया गया स्टाफ, पहुंची दवाइयां

पशुओं की मौत के मामले के बाद गोअभयारण्य में नगर निगम प्रशासन ने कर्मचारियों की संख्या 12 से बढ़ाकर 17 कर दी है। 5 कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई गई है। इसके अलावा फिलहाल दो वेटरनरी सर्जन और दो वीएलडीए तैनात करवा दिए हैं। पहले ये चिकित्सक दो घंटें के लिए गोअभयारण्य में आते थे। इसके अलावा पशुपालन विभाग ने बुखार व अन्य बीमारियों की दवा भी गोअभयारण्य में पहुंचाई। टीम ने 100 बोतलें दवा की गोअभयारण्य में पहुंचाई। इसके अलावा अतिरिक्त शेड निर्माण के कार्य में भी तेजी लाने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा गोअभयारण्य में 5 हजार पशुओं के बसेरे में प्रबंध के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है।

मेयर ने चारे के लिए मांगी आर्थिक सहायता

निगम मेयर गौतम सरदाना ने भानीराम मंगला से गोअभयारण्य में चारे के लिए आर्थिक सहायता की मांगी की। जिस पर भानीराम मंगला ने इनकी इस मांग को आयोग की बैठक में रखने की बात कहते हुए इस पर जल्द फैसला लेने का आश्वासन दिया। इसके अलावा चेयरमैन ने कहा कि सरकार की ओर से गोअभयारण्य के लिए 14 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। जल्द ही गोअभयारण्य में गो चिकित्सालय भी बनाया जाएगा। इस पर एसई रामजीलाल ने गोअभयारण्य के साथ बने नंदीशाला में बनाने पर विचार विमर्श की बात कही। भानीराम ने कहा कि 25 लाख रुपये की राशि से यह गो चिकित्सालय बनाया जाएगा। पशुपालन विभाग ने भी गोअभयारण्य में चारे व दवाओं के लिए नौ लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी।

कुरुक्षेत्र गोशाला चिकित्सालय में भेजे जाएंगे बीमार पशु

भानीराम मंगला ने पशुपालन विभाग के उपनिदेशक को आदेश दिए कि जो पशु अधिक बीमार हैं, उनमें से जरूरत पड़ने पर कुछ कुरुक्षेत्र गोशाला में बने चिकित्सालय में भेज दें। ताकि जरुरत के अनुसार सुविधाओं के साथ और बेहतर उपचार हो सके। वहीं बीमार पशुओं की स्थिति के बारे में डिप्टी डायरेक्टर ने मीडिया के सामने रजिस्ट्रर दिखाते हुए कहा कि 9 अगस्त 2019 से अब तक पशुपालन विभाग गोअभयारण्य के 604 पशुओं का इलाज कर चुका है। वहीं निगम टीम ने बताया कि वर्तमान में गोअभयारण्य में 1300 पशु हैं।

खुले में छोड़े पशु तो 5100 रुपये होगा जुर्माना

भानीराम मंगला ने कहा कि अब खुले में पशु छोड़ने वालों पर सख्ती बरती जाएगी। जो लोग दूध निकालकर खुले में पशु छोड़ देते हैं या बीमार पशुओं को घर से निकाल देते हैं। उन लोगों पर 5100 का जुर्माना लगाया जाएगा। इस कड़ी में निजी डेयरी में जो पशु हैं, उनकी भी टै¨गग की जाएगी। ताकि उनकी पहचान हो सके।

नंदियों की नसबंदी का तेज होगा कार्य

गोशालाओं में मिक्स ब्रिड के नंदी की नसबंदी का कार्य तेज किया जाएगा। इसके लिए पशुपालन विभाग के उपनिदेशक को आदेश दिए। उप निदेशक डा. डीएस ¨सधू बोले कि वर्तमान में मिक्स ब्रिड के 2 से ढाई साल के नंदियों की नसंबदी का कार्य किया जा रहा है। सभी गोशालाओं में कई-कई नंदियों की नसबंदी का कार्य शुरू कर रखा है।

सामाजिक संस्थाओं से आगे आने की लगाई गुहार

गोसेवा आयोग की टीम, मेयर व प्रशासनिक अधिकारियों ने जनता से अपील की कि सामाजिक संस्थाएं पशुओं के रखरखाव के प्रबंध में आगे आएं। भानीराम ने कहा कि सरकार ने 14 करोड़ खर्च कर इन्फ्रास्ट्रक्चर का प्रबंध कर दिया है। अब सामाजिक संस्थाओं से मांग है कि वे पशुओं के चारे व अन्य सुविधाओं के प्रबंधन में आगे आएं, ताकि इन पशुओं की और बेहतर तरीके से संभाल हो सके।

------ मैंने गोअभयारण्य का निरीक्षण कर अपने स्तर पर जांच कर ली है। जो पशु मरे हैं, उसमें चारे व अन्य सुविधाओं की कमी से नहीं मरे। इनकी मौत का मुख्य कारण पॉलीथिन रहा है। मैंने पोस्टमार्टम के दौरान इनके पेट से निकाले पॉलीथिन की स्थिति भी देखी है। इस मामले में विभागों की गलती नहीं है। रही बात सुविधाओं की तो उन्हें बढ़ाने के मैंने आदेश दिए हैं।

- भानीराम मंगला, अध्यक्ष, हरियाणा गोसेवा आयोग।


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