chhath puja 2019 : छठ मईया होइये सहइया... गीतों के साथ दिया सूर्यदेव को अर्घ्य
छठ महापर्व पर नहाय-खाय की प्रक्रिया से लेकर सूर्यदेव को अर्घ्य देने तक जिन लोगों ने व्रत रखा उन्होंने सुबह सूर्योदय होने से पहले ही घाटों पर पहुंच सोपता माता की पूजा कर व्रत खोला
हिसार, जेएनएन। हल्की मीटी ठंड, हल्की धुंध के बीच अलसुबह पानी के किनारों पर छठ माता के जयकारे गूंज रहे थे। रंब बिरंगे परिधान पहन हाथों में पूजा की सामग्री लिए हर किसी के चेहरे पर अलग ही खुशी थी। हर कोई अपने-अपने ढंग से छठ मईया को खुश करने में लगा था। नजारा था हरियाणा के हरेक जिले में छठ पर्व के समापन पर सूर्य को अर्घ्य देने के वक्त का।
छठ पर्व के चौथे दिन पूर्वांचल के लोगों का उत्साह चरम सीमा पर रहा। नहाय-खाय की प्रक्रिया से लेकर सूर्यदेव को अर्घ्य देने तक जिन लोगों ने व्रत रखा उन्होंने सुबह सूर्योदय होने से पहले ही घाटों पर पहुंच सोपता माता की पूजा कर पानी मेें उतरकर सूर्य उदय होने पर उनकी पूजा कर अपना व्रत खोला। हालांकि स्मॉग के कारण सूर्य भगवान के दर्शन सही सहे नहीं हो पाए, ऐसे में श्रद्धालुओं ने बिना दर्शन किए ही अर्घ्य दिया। ऐसे में कुछ लोग निराश भी हुए। मगर फिर भी लोगों ने अपनी श्रद्धा के अनुसार परंपरा को बखूबी निभाया।
लोगों ने बताया कि वो यह व्रत अपने परिवार की शांति के लिये रखते हैं। लोगों का मानना है कि जो भी श्रद्धा और भक्ति के साथ छठ मैया के व्रत रखता है और उनको पूजता है, छठ मैया की उस पर कृपा बनी रहती है। व्रत रखने वाले भक्त अपने चार दिन के आहार में प्रसाद के रुप में फल, खीर व बिना नमक की रोटी ग्रहण करते हैं। सूर्य की अराधना कर कुछ मीठा ग्रहण कर अपना व्रत खोलते हैं।
इससे पहले भी तीनों दिन छठ मैया के जयकारों के साथ सारा शहर गूंजायमान हो उठा। शनिवार को शाम के समय सातरोड स्थित घाट, बालसमंद रोड पर यमुना घाट और मिल गेट जिंदल पार्क के साथ-साथ शहर के कई स्थानों पर पूर्वांचल के लोगों द्वारा सूर्यदेव को अर्घ्य दिया गया। लोगों ने सूर्यदेव की पूजा कर प्रसाद ग्रहण किया। सूर्यदेव को अर्घ्य देने से पहले भक्तजन श्री सोपता माता जो छठ मैया कहलाती है, को तेल व घी का दीया जलाकर उनकी परिक्रमा कर उनको पूजा जाता है। सभी नहर घाट दीयों के प्रकाश से जगमग हो रहे थे। सभी भक्तजन सज-संवरकर बैंड-बाजों और ढोल की धुनों पर नाचते हुए सूर्य देवता को अर्घ्य देने पहुंचे।
पुलिस प्रशासन भी रहा मुस्तैद
शहर में लगभग 30-40 हजार पूर्वांचल के लोग रहते हैं। छठ के पर्व पर सभी लोग जब शहर के भिन्न-भिन्न स्थानों पर जमा होते हैं। ऐसे में लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिये पुलिस प्रशासन काफी सतर्क दिखाई दिया। सभी घाटों पर पुलिस की एक-एक पीसीआर शामिल थी। पुलिसकर्मी लोगों तथा यातायात को नियंत्रित करते दिखाई दिये।