Move to Jagran APP

सेंट्रल जीएसटी की टीम ने जांचा पांच फर्मों का रिकार्ड, कालांवाली 3, सिरसा में 5 फैक्ट्रियों पर छापेमारी

सिरसा में जीएसटी की टीम ने एसआरसी एग्रो स्वास्तिक एग्रो सारंग इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड की कालांवाली फैक्ट्री में दस्तक दी। यहां प्रत्येक टीम में एक दर्जन से अधिक सदस्य शामिल रहे। इसी तरह सिरसा के मोरीवाला के औद्योगिक क्षेत्र में दो टीमें पहुंची।

By Naveen DalalEdited By: Published: Tue, 24 May 2022 09:49 PM (IST)Updated: Tue, 24 May 2022 09:49 PM (IST)
सेंट्रल जीएसटी की टीम ने जांचा पांच फर्मों का रिकार्ड, कालांवाली 3, सिरसा में 5 फैक्ट्रियों पर छापेमारी
जूस और जीरा लेमन के प्रोडक्ट तैयार करती है फैक्ट्रियां।

सिरसा, जागरण संवाददाता। सिरसा में सेंट्रल जीएसटी की एंटी एवेश्न विंग की टीम ने एसआरसी एग्रो और इससे जुड़ी फैक्ट्रियों का रिकार्ड जांचा है। दोपहर को कालांवाली में तीन व सिरसा के मोरीवाला में दो फैक्ट्रियों पर अलग-अलग टीमें पहुंची और रिकार्ड मांग लिया। देर शाम आठ बजे तक टीमें रिकार्ड की जांच में जुटी हुई थी। सभी फर्में एक ही परिवार से जुड़ी बताई गई हैं और उन द्वारा संचालित फैक्ट्रियों में जूस व लेमन के प्रोडक्ट तैयार किए जा रहे हैं।

prime article banner

बिलों के लिया कब्जे में

जानकारी के अनुसार जीएसटी की टीम ने एसआरसी एग्रो, स्वास्तिक एग्रो, सारंग इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड की कालांवाली फैक्ट्री में दस्तक दी। यहां प्रत्येक टीम में एक दर्जन से अधिक सदस्य शामिल रहे। इसी तरह सिरसा के मोरीवाला के औद्योगिक क्षेत्र में दो टीमें पहुंची। एक टीम एसबीडी एग्रो तो दूसरी टीम जेके फूड में पहुंची। यहां भी जीएसटी से संबंधित बिलों को कब्जे में लिया गया है। टीम जीएसटी की अदायगी संबंधी बिलों का अध्ययन करती रही।

जीएसटी के साथ सैस भुगतान की जा रही है जांच

जानकारी मिली है कि टीमें प्रोडक्ट की बिक्री पर लगने वाले जीएसटी के अलावा सैस की भी जांच कर रही है। जूस पर सैस नहीं लगता जबकि जीरा लेमन व उन सभी प्रोडक्ट में सैस लागू हैं जहां कार्बन-डाई-आक्साइड गैस प्रयुक्त होती है। जीएसटी और सैस मिलाकर 40 प्रतिशत शुल्क है।

इन फैक्ट्रियों पर पहली बार पहुंची सेंट्रल जीएसटी

जानकारी के अनुसार इन फैक्ट्रियों पर पहली बार जीएसटी की टीम जांच के लिए आई है। हालांकि कई दूसरे संस्थानों पर जीएसटी पहले भी जांच कर चुकी है। सिरसा में दोनों फैक्ट्रियां कुछ साल पहले ही लगी हैं जबकि कालांवाली में ये फैक्ट्रियों वर्षों से स्थापित हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.