हिसार में CCTV कैमरों ने बेनकाब किया पुलिस का क्रूर चेहरा, टायर के नीचे रौंद दिया युवक
हिसार के हांसी में पीसीआर से कुचलने के बाद भी घायल बाइक सवार को उठाने में पुलिस की निर्दयता दिखी। मृतक को अस्पताल में छोड़कर भाग गए। दबाए जा रहे का सीसीटीवी फुटेज ने राज खोला
हांसी/हिसार, जेएनएन। जनता को नियमों का पाठ पढ़ाने वाली पुलिस नियमों को कैसे चकनाचूर करती है, इसकी बानगी हांसी में हुए घटनाक्रम से पता चलता है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच में सामने आया है कि युवक को टायर के नीचे रौंदने वाले केस में ड्राइवर के बजाय ईएएसआइ पीसीआर को चला रहा था। जिस पुलिस कर्मचारी को पुलिस वाहन चलाने का कोई अनुभव ही नहीं था, वह स्टेयरिंग थामे हुए था। इसका नतीजा एक युवक को अपनी जान गंवाकर भुगतना पड़ा।
जींद चुंगी पर हुए हादसे में पीसीआर के नीचे कुचलने से हुई गगनखेड़ी निवासी रविंद्र की मौत के मामले में पुलिस की लापरवाही के साथ ही पुलिस का अमानवीय चेहरा भी सामने आया। पीसीआर से कुचले जाने के बाद खून से लथपथ घायल रविंद्र सड़क पर बेसुध पड़ा था। वर्दी की पावर का नशा पुलिस कर्मचारियों के सिर ऐसा चढ़ा हुआ था कि उसे एक हाथ से उठाकर सड़क किनारे करने लगे। घायल के बेसुध होने पर पुलिस कर्मचारियों के हाथ-पांव फूल गए, जिसके बाद पुलिस कर्मी उसे पीसीआर में सिविल अस्पताल में छोड़कर गुल हो गए।
इसके बाद जनता को सेवा सुरक्षा सहयोग का वादा करने वाली पुलिस ने मामले को दबाने के लिए व्यूह रचना शुरू कर दी। मृतक के पिता को गुमराह करने के लिए ये कह दिया कि तुम्हारे बेटे की मृत्यु बिजली के खंभे से टकराने की वजह से हुई है। परिजनों को अपनी बातों में लेकर उनके बयान पर महज इत्तेफाकिया कार्रवाई करने में जुटी पुलिस को उस समय तक ये इलम नहीं था कि उनकी निर्दयी हरकत सीसीटीवी कैमरों में कैद हो चुकी है। जींद चुंगी पर स्थित एक खल-बिनौला फैक्ट्री में लगे सीसीटीवी फुटेज के सामने आते ही पुलिस द्वारा रची गई व्यूह रचना फेल हो गई। पुलिस की हरकत का पता लगते ही परिजन भड़क गए और शव को लघु सचिवालय के गेट पर रख दिया। बाद में पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज करना पड़ा।
मेरा होनहार बेटा कर रहा था नौकरी की तैयारी
पिता राममेहर बोला कि मेरे दो बेटे हैं जिनमें से 24 वर्षीय रङ्क्षवद्र बड़ा था। वह शहर में एक करियाना स्टोर पर काम करता था। आइटीआइ करने के बाद वह नौकरी की तैयारी भी कर रहा था। पूरे परिवार को आस थी कि उनका होनहार कुछ कमाल करेगा। पुलिस कर्मियों ने मेरे बेटे की हत्या की है, उन्हें सजा मिलनी चाहिए। हमारे परिवार में एक व्यक्ति को नौकरी भी दी जाए।
परिजनों को डीएसपी बोले- राजनीति कर रहे हो
पुलिस की असंवेदनशीलता की इंतिहा तो तब हो गई जब हिसार के सिविल अस्पताल में परिजनों से बातचीत करने पहुंचे डीएसपी विनोद शंकर ने परिजनों पर ही राजनीति करने का आरोप जड़ दिया। हालांकि उन्हें बाद में परिजनों से माफी मांग ली, लेकिन परिजन भड़क गए और शव को पोस्टमार्टम के बाद हांसी के लघु सचिवालय के सामने लेकर धरने पर बैठ गए।
क्या सिर्फ चालान से बचने के लिए भाग रहा था बाइक सवार
सीसीटीवी फुटेज में सामने आया है कि पीसीआर रविंद्र के पीछे लगी थी। वह जींद चुंगी पर आकर बाइक रोकता है और पीसीआर से एक पुलिस कर्मचारी बाहर निकलता है। इतने में ही रविंद्र ने पुलिस से बचने के लिए बाइक को भगाने का प्रयास किया। पुलिस कर्मचारियों ने पीसीआर तेज भगाते हुए बाइक को रोकने के प्रयास में बाइक सवार को कुचल दिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि रविंद्र ट्रैफिक चालान से बचने के लिए भागने का प्रयास कर रहा था।