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सिरसा के चौटाला डबल मर्डर केस में 4 साल बाद भी गैंगस्टरों की कार तलाश नहीं कर पाई CBI

11 जनवरी 2017 को किन्नू प्लांट पर बैठे गांव चौटाला निवासी अमित सहारण उर्फ घन्ना तथा सतवीर बिश्नोई की हत्या के बाद पंजाब के 5 गैंगस्टर उपरोक्त कार पर फरार हो गए थे। अब तक सीबीआई कार को नहीं तलाश सकी है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 02:44 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 02:44 PM (IST)
सिरसा के चौटाला डबल मर्डर केस में 4 साल बाद भी गैंगस्टरों की कार तलाश नहीं कर पाई CBI
हाई प्रोफाइल चौटाला डबल मर्डर केस में जांच अभी भी चल रही है

डबवाली, जेएनएन। सिरसा में हाई प्रोफाइल चौटाला डबल मर्डर मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने पूरी करके आरोप पत्र सीबीआइ कोर्ट पंचकूला में दाखिल कर दिया है। रिपोर्ट में जांच अधिकारी निरीक्षक प्रहलाद सिंह ने होंडा सिटी कार का जिक्र किया है। 11 जनवरी 2017 को किन्नू प्लांट पर बैठे गांव चौटाला निवासी अमित सहारण उर्फ घन्ना तथा सतवीर बिश्नोई की हत्या के बाद पंजाब के 5 गैंगस्टर उपरोक्त कार पर फरार हो गए थे। बताया जाता है कि उस वक्त कार पर नंबर नहीं लगा हुआ था। सीबीआइ को संदेह था कि हरियाणा-पंजाब के किसी क्षेत्र से चोरी की गई गाड़ी का प्रयोग वारदात में किया गया होगा। लेकिन संदेह गलत साबित हुआ।

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सीबीआइ ने रिपोर्ट में जिक्र किया है कि कार को ट्रेस करने के लिए हरियाणा तथा पंजाब के जिला पुलिस अधिकारियों से ऐसी गाडिय़ों की सूची मांगी गई थी, जो चोरी हुई हों। दोनों प्रदेशों के 22 जिलों ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख नहीं है कि ये 22 जिले कौन से थे। लेकिन यह जरुर दर्ज है कि उपरोक्त जिलों में होंडा सिटी चोरी होने की आठ एफआइआर हुई थी। सीबीआइ ने जांच की तो पता चला कि चोरी की गई गाड़ी का इस्तेमाल डबल मर्डर में नहीं हुआ है। वारदात को चार साल बीत चुके हैं। करीब दो साल तक मामले की जांच करने वाली सीबीआइ ने रिपोर्ट में यह खुलासा नहीं किया है कि होंडा सिटी कार का मालिक हौन है? या गैंगस्टरों को किसने उपलब्ध करवाई?

मारे गए थे दो लोग

11 जनवरी 2017 को गांव चौटाला स्थित पीके गोदारा के किन्नू प्लांट पर होंडा सिटी कार में आए पांच गैंगस्टरों ने दो लोगों को गोलियों से भून डाला था। पुलिस जांच से असंतुष्ट मृतकों के स्वजनों ने वर्ष 2018 में पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट ने मामले को सीबीआइ को सौंप दिया था। सीबीआइ ने पुलिस जांच पर मुहर लगाते हुए कुख्यात छोटू भाट तथा गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के बीच दुश्मनी का परिणाम डबल मर्डर बताया है।


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