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जिन बैंगन के पौधों को 15 फीट गहरे गड्ढे में दबाना पड़ा, बांग्‍लादेश से जुड़े हो सकते हैं उनके तार

बीटी बैंगन किस्‍म अवैध है। इसको खाने से कई तरह की गंभीर बीमारी हो सकती है। इसकी खेती करने वाला किसान इसका बीज कहां से लाया इसकी जानकारी नहीं दे रहा है। फसल को जमीन में दबाया था।

By manoj kumarEdited By: Published: Tue, 11 Jun 2019 12:54 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jun 2019 03:45 PM (IST)
जिन बैंगन के पौधों को 15 फीट गहरे गड्ढे में दबाना पड़ा, बांग्‍लादेश से जुड़े हो सकते हैं उनके तार
जिन बैंगन के पौधों को 15 फीट गहरे गड्ढे में दबाना पड़ा, बांग्‍लादेश से जुड़े हो सकते हैं उनके तार

फतेहाबाद, जेएनएन। जिस बैंगन के पौधों को 15 फीट गहरा गड्ढा खोदकर दबाना पड़ा, उस बीटी बैंगन की खेती करने वाला गांव नथवान निवासी किसान जीवन सिंह इसका बीज कहां से लाया, इसकी जानकारी जिला प्रशासन को नहीं दे रहा है। ऐसे में बागवानी विभाग उसके खिलाफ केस दर्ज करवाने की तैयारी में है। क्‍योंकि इस फसल से इंसान की जान तक जा सकती है।

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दरअसल, गत 17 मई को जिला प्रशासन के अधिकारियों की देखरेख में जीवन सिंह के बीटी की फसल नष्ट करवाया गया था। उसके बाद से प्रशासन के अधिकारी किसान से लगाता बीटी बैंगन के सप्लायर के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहे है। बीटी बैंगन क्‍यों है बड़ा विषय जानने के लिए यह पूरी खबर पढ़ें।

आधा एकड़ में 18 क्विंटल से अधिक ले ली पैदावार, पौधों को दबाया गया था
जीवन सिंह ने अपनी आधा एकड़ में बीटी बैंगन की खेती करते हुए 18 क्विंटल से अधिक पैदावार ली थी। हालांकि इसकी शिकायत खेती विरासत मिशन संस्था की ओर से होने के बाद प्रशासन ने फसल को उखड़वाते हुए 15 फीट गहरे गड्ढे में दबा दी थी। हालांकि उससे पहले ही वह फसल बेच चुका था।

बांग्लादेश में वैध है बीटी बैंगन की फसल
बांग्लोदश में बीटी बैंगन की फसल वर्ष 2009 से वैध है। अधिकारियों का अंदेशा है कि बांग्लादेश से ही बीटी बैंगन के बीज या पौध की सप्लाई यहां की गई है। सिरसा क्षेत्र में भी किसानों ने अधिक पैदावार की चाहत में बीटी बैंगन की खेती की थी। भारत में सख्ती से इस पर रोक लगाई हुई है। 

हो सकता है कैंसर, वायरस फैलने तक की आ सकती है नौबत
एचएयू कृषि विशेषज्ञ एसके सेठी ने बताया किसी भी संशोधित किस्‍म के उत्‍पादन के लिए पहले भारत सरकार की कमेटी और फिर राज्‍य सरकार स्‍वीकृति लेनी होती है। बीटी बैंगन को यह स्‍वीकृति नहीं है। अभी यह केवल बिना खाए जाने वाली किस्‍म के लिए स्‍वीकृत है। बीटी बैंगन की सब्‍जी खाने से कैंसर, किडनी फेलीयर तक हो सकता है। वहीं पौधों को इसलिए दबाया गया है ताकि किसी तरह का वायरस हो तो वह नुकसान न पहुंचाए। किसान की बेची गई बीटी बैंगन की सब्‍जी को खाने से नुकसान हो सकता है, इसलिए लोग सजगता बरतें।

उत्पादन अधिक हो इसलिए किसान करते है बीटी फसलों की खेती
देश में खाद्यान में शामिल फसलों की खेती करते समय बीटी बीज का प्रयोग नहीं किया जा सकता। भारत में खाद्यान फसलों में बीटी की रोक है। बैंगन के अलावा टमाटर सहित अन्य फसलों पर रोक लगाई हुई है। उसके बाद भी किसान अधिक उत्पादन लेने के चक्कर में बीटी खाद्यान फसलों की खेती करते है। जो कानूनन गलत है। बीटी फसल में भारत में मुख्यत कपास बोई जाती है। 


----गांव नथवान का किसान जीवन सिंह बीटी बैंगन के बीज के बारे में जानकारी नहीं दे रहे। जानकारी लेने के लिए कई बार किसान से संपर्क किया, लेकिन उसने सप्लायर का नाम नहीं बताया। अब उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
डा. कुलदीप सिंह श्योराण, जिला बागवानी अधिकारी।

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