केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पहुंचा प्लास्टिक बैन पर कार्रवाई का मामला, हरियाणा की मांगी रिपोर्ट
सिंगल यूज प्लास्टिक के बैन के बावजूद बाजार में बिक रहे प्लाटिक बैग्स। प्रदेश में वर्ष 2018-19 में हुए 3428 चालान लगा 23 लाख से अधिक जुर्माना
हिसार [सुभाष चंद्र] केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(सीपीसीबी) ने हिसार से मिली एक शिकायत के बाद हरियाणा प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड को नोटिस भेज कर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। प्रदेश प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड को इसके लिए 2 दिसंबर तक का समय दिया गया है। शिकायतकर्ता लुवास के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. संदीप ने बताया कि उन्होंने शहर में प्लास्टिक बैग बिकने की शिकायत पहले हिसार नगर निगम को की थी, लेकिन प्लास्टिक बैन नहीं हुआ।
इसके बाद प्रदेश प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड को भी शिकायत भेजी, लेकिन इसके बाद भी प्लास्टिक बैग बिकने बंद नहीं हुए। प्लास्टिक बैग बंद न होते देख फिर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड और पीएम को इस मामले की शिकायत की गई थी। जिसके बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड ने हरियाणा प्रदेश प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड को नोटिस भेजकर प्लास्टिक बैन करने को लेकर की गई कारवाई की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।
प्रदेश में 3428 चालान, 23 लाख से अधिक जुर्माना लगा
प्रदेश में नियमों के खिलाफ प्लाटिक बैग बेचने व ङ्क्षसगल यूज प्लास्टिक पर अलग-अलग जिलों में वर्ष 2018-19 में 3428 चालान किये गए है। इन चालान पर 23 लाख 69 हजार 700 रुपये जुर्माना भी किया गया है। जबकि सरकार द्वारा ङ्क्षसगल यूज प्लास्टिक बैन करने को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद ङ्क्षसगल यूज प्लास्टिक का उपयोग अब भी धड़ल्ले से किया जा रहा है।
2013 सिंगल यूज प्लास्टिक किया था बैन
2013 में ङ्क्षसगल यूज प्लास्टिक हरियाणा सरकार ने बैन किया हुआ है। शिकायतकर्ता ने प्लास्टिक बैन करने के लिए कहा। प्रदेश सरकार ने पॉलीथिन के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाते हुए गार्बेज कंट्रोल एक्ट के तहत नोटिफिकेशन जारी किया था। प्लास्टिक के डिस्पोजल कप में चाय सर्व करना भी गैर कानूनी है, लेकिन बाजारों में यह जहां-तहां नजर आ जाते है। पिछले साल भी गार्बेज कंट्रोल एक्ट-2013 के तहत सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके बावजूद इस दिशा में कार्रवाई ढीली रही है। नए प्रावधान के तहत प्लॉस्टिक के कैरी बैग्स में अब माइक्रोन ही नहीं, बल्कि किसी भी तरह के पालीथीन बैग का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। नए नोटिफिकेशन के तहत चाय या कॉफी सर्व करने के लिए प्लास्टिक कप का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
7 साल कैद की सजा का प्रावधान
डा. संदीप ने बताया कि प्लास्टिक बनाकर हरियाणा में भेजने वालों पर नियमानुसार 7 साल की कैद का प्रावधान है। इस मामले में चीफ सेक्रेटरी को प्रदेश प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड के दो आईएएस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत देकर कानूनी कारवाई करने की मांग की है।