बालसमंद रूट पर बसों का टोटा, ग्रामीणों ने जीएम को सौंपा ज्ञापन
ग्रामीण बोले- कोरोना काल में बंद हुई बसें अभी तक नहीं हुई शुरू
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- ग्रामीण बोले- कोरोना काल में बंद हुई बसें अभी तक नहीं हुई शुरू
- ग्रामीण बोले- नया बस अड्डा बनने से नई बसें शुरू होने की उम्मीदें थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ
जागरण संवाददाता, हिसार : बालसमंद रूट पर बसों का टोटा है। बसों की समस्या से परेशान बुड़ाक के ग्रामीणों ने जीएम को ज्ञापन सौंपा है। इस दौरान राहुल राजलीवाल, अजय शर्मा, प्रीतम, जोगेंद्र मोठसरा, भारत भूषण, जितेंद्र, अजय श्योराण, सुरेंद्र बुड़ाकिया मौजूद रहे। इनका कहना है कि आदमपुर रूट पर एक भी बस नहीं है।
ग्रामीणों बोले कि कोरोना काल में बंद हुई बसें अभी तक शुरू नहीं हुई है। इसका खामियाजा यात्रियों को उठाना पड़ता है। इसी साल बालसमंद गांव में नया बस अड्डा बनकर तैयार हुआ है। ग्रामीणों को भी नया बस अड्डा बनने से नई बसें शुरू होने की उम्मीदें थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
नया बस अड्डा बन गया, पर नहीं कोई सुविधा
बालसमंद ग्रामीणों का कहना है कि नया बस अड्डा बन गया, लेकिन बस अड्डा पर कैंटीन या पानी की सुविधा तक नहीं है। इस वजह से बसें अधिक नहीं रूकती है। रोडवेज कर्मियों ने अपनी जेबखर्च से पानी के कैंपर रखवा रहे है। उन्होंने कहा कि शाम 8 बजे के बाद रूट पर रात को कोई बस सर्विस नहीं है। कुछ निजी बसें चलती है, पर वो मनमर्जी से आती है। इसलिए रात को भी नई बसें लगाई जाएं।
डोभी, खारिया सहित अन्य रूट पर भी यहीं समस्या
यह समस्या बालसमंद-बुड़ाक ही नहीं डोभी, खारिया, बांडाहेड़ी व सुंडावास, सीसवाला गांव के रूट पर भी बनी हुई है। गांव के छात्र कई बार रोडवेज प्रबंधक से मिल चुके हैं। मगर उनको अभी भी बसों की समस्या से जूझना पड़ता है।
वर्जन
जल्द ही बुड़ाक-बालसमंद रूट पर बसें शुरू की जाएगी। अगर बालसमंद के नए बस अड्डे पर सुविधा की कमी है तो इस पर ध्यान दिया जाएगा। ऐसा मामला पहले मेरे संज्ञान में नहीं था। जितना संभव हुआ नई बसें शुरू करवाई जाएगी।
-राहुल मित्तल, महाप्रबंधक, रोडवेज।