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आढ़ती बोला- कर्ज लिए हुए 25.47 लाख रुपये या जमीन दे, तंग किसान ने जहर निगलकर दी जान

सिरसा के गांव में किसान की जेब से मिले सुसाइड नोट पर आढ़ती समेत पांच जन के नाम, बेटे के बयान पर पुलिस ने दर्ज किया केस

By manoj kumarEdited By: Published: Mon, 15 Oct 2018 06:11 PM (IST)Updated: Mon, 15 Oct 2018 06:11 PM (IST)
आढ़ती बोला- कर्ज लिए हुए 25.47 लाख रुपये या जमीन दे, तंग किसान ने जहर निगलकर दी जान
आढ़ती बोला- कर्ज लिए हुए 25.47 लाख रुपये या जमीन दे, तंग किसान ने जहर निगलकर दी जान

जेएनएन, डबवाली, सिरसा। सोमवार को गांव सुकरेाखेड़ा में किसान गुरतेज सिंह (70) ने जहर गटककर जान दे दी। उसकी जेब से सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड नोट में उसने आढ़ती समेत पांच लोगों को आत्महत्या के लिए जिम्मेवार ठहराया है। पुलिस चौकी चौटाला ने मृतक के बेटे महेंद्र सिंह (42) के बयान पर कार्रवाई करते हुए आढ़ती लाभ सिंह, उसके पिता सुखदेव सिंह निवासीगण गांव सुकेराखेड़ा, भाई मेजर सिंह, भतीजे राजेंद्र सिंह निवासीगण सादुलशहर (राजस्थान), मुनीम राजेंद्र कुमार निवासी गांव अबूबशहर के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में केस दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार गुरतेज सिंह ने अल सुबह करीब 2 बजे अपनी पत्नी मलकीत कौर को उठाकर चाय मांगी थी। वह चाय बनाने रसोई में चली गई। पीछे से किसान ने जहर निगल लिया। कुछ देर बाद वापिस लौटी तो पति को तड़पते हुए देखा। उसके बेटे महेंद्र सिंह ने उपचार के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। वहां चिकित्सक ने उसे मृत करार दिया। पुलिस ने डबवाली के सरकारी अस्पताल से शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद परिजनों को सौंप दिया।

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10 दिन पहले मुनीम दे गया बेनामी कर्ज की पर्ची

मृतक के बेटे महेंद्र सिंह के अनुसार करीब 10 दिन पूर्व मुनीम राजेंद्र कुमार उसके पिता को एक पर्ची दे गया। आढ़ती ने उनकी ओर 25 लाख 47 हजार 548 रुपये का बकाया कर्ज निकाल रखा था। जबकि हकीकत यह है कि जब उनकी आढ़त थी तो उन्होंने दो लाख रुपये कर्ज लिया था। जो उन्होंने वापस लौटा दिया था। आढ़ती बेवजह ही 25.47 लाख रुपये मांग रहा था। पैसे न देने की एवज में तीन एकड़ जमीन नाम करवाने का दबाव बना रहा था। इसी वजह से परेशान होकर उसके पिता ने जान दे दी।

 खाली चेक पर हस्ताक्षर करने का आरोप

महेंद्र सिंह के अनुसार लाभ सिंह के साथ वर्ष 2000-2006 तक आढ़त थी। आढ़ती ने कम ब्याज पर लिमिट बनाने का भरोसा दिया था। वह उसके पिता गुरतेज को बैंक में ले गया। बैंक की लिमिट बनवा दी। चेक बुक उसके पिता के नाम जारी करवा ली। उसके पिता के हस्ताक्षर चेक बुक पर करवा लिए तथा खाली प्रनोट पर भी हस्ताक्षत करवा लिए। कई साल बाद आढ़ती के पिता सुखदेव ने उसके पिता के हस्ताक्षर किया चेक बैंक में लगा दिया। भतीजे राजेंद्र कुमार से मटीली (राजस्थान) में भी चेक लगवा दिया। जबकि खुद प्रनोट डबवाली अदालत में लगा दिया। चेक बाऊंस होने के बाद मामला अदालत में चला गया। उसके पिता अदालत की तारीखें भुगत रहे थे।

मामला किया गया है दर्ज

चौटाला पुलिस चौकी में तैनात एएसआई और जांच कर्ता अधिकारी प्रेम सिंह ने बताया कि गांव सुकेराखेड़ा के किसान गुरतेज सिंह को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरु कर दी गई है। सुसाइड की राइटिंग मिलान के लिए नोट को मधुबन स्थित लैब में भेजा जाएगा।


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