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स्वामी सदानंद प्रणामी चैरिटेबल ट्रस्ट ने जगा रखी है पूरे राष्ट्र में रक्तदान की अलख

संवाद सहयोगी मंडी आदमपुर देश में किसी भी संत के सान्निध्य में जब कोई सामाजिक सेवा का बीड

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 05:51 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 05:51 AM (IST)
स्वामी सदानंद प्रणामी चैरिटेबल ट्रस्ट ने जगा रखी है पूरे राष्ट्र में रक्तदान की अलख
स्वामी सदानंद प्रणामी चैरिटेबल ट्रस्ट ने जगा रखी है पूरे राष्ट्र में रक्तदान की अलख

संवाद सहयोगी, मंडी आदमपुर : देश में किसी भी संत के सान्निध्य में जब कोई सामाजिक सेवा का बीड़ा उठाया जाता है तो वो क्रांति का रूप ले लेता है। देश-विदेश में अपनी आध्यात्मिक यात्रा करते-करते करीब 150 गोशालाओं का संचालन और 200 से ज्यादा मानसिक विक्षिप्त लोगों के लिए अपना घर में आश्रय के माध्यम से सेवा का पर्याय बन चुके स्वामी सदानंद प्रणामी चैरिटेबल ट्रस्ट ने अब रक्तदान क्षेत्र में भी पूरे देशभर में रक्तदान क्रांति का आगाज कर रखा है। प्रणामी मिशन के प्रमुख संत स्वामी सदानंद का कहना है कि संस्था का उद्देश्य रक्त के अभाव में कोई भी जरूरतमंद अपनी जान न गंवाए चाहे वो देश के किसी भी कोने में हो। रक्तदान अभियान के राष्ट्रीय संयोजक प्राध्यापक राकेश शर्मा इस अभियान को देश के कोने-कोने में लेकर गए ताकि शत-प्रतिशत स्वैच्छिक रक्तदान के माध्यम से बिना रिप्लेसमेंट के रक्त उपलब्ध हो सके। प्रदेश के मंडी आदमपुर से शुरू होकर राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, प बंगाल, आसाम तक रक्तदान शिविरों के माध्यम से क्रांति का आगाज किया है। अभी तक 120 शिविरों के माध्यम से 28 हजार से ज्यादा यूनिट्स एकत्रित की जा चुकी है। सभी जगह रेडक्रॉस सोसायटी की मदद से सरकारी अस्पतालों में यह रक्त उपलब्ध करवाया जाता है। स्वाती सदानंद महाराज के अनुसार ये रक्त थैलेसीमिया से पीड़ित कोई बच्चा हो या ब्लड कैंसर से पीड़ित, प्रसव के दौरान जरूरत हो या सड़क दुर्घटना में पीड़ित व्यक्ति, भारतीय सेना का जवान हो या उसके परिवार के सदस्य, जरुरत के समय उनके लिए ये रक्त दिया जाता है ताकि उनकी जान बचाई जा सके। ट्रस्ट द्वारा भारतीय सेना के लिए भी हर वर्ष भिवानी में रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है। संस्था द्वारा राकेश शर्मा के निर्देशन में विश्व रक्तदाता दिवस को पिछले 10 वर्षों से भव्य उत्सव के रूप में मनाया जाता है ताकि आमजन रक्तदान को गौरवांवित होने वाला पल महसूस करे। एंड्राइड एप के माध्यम से कोई भी जरूरतमंद सीधा रक्तदाता से संपर्क कर सकता है। राकेश शर्मा शिक्षक के साथ-साथ निभा रहे रक्तदान क्रांति के दूत की भूमिका:

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आदमपुर बहुतनीकी में कार्यरत प्राध्यापक राकेश शर्मा जो स्वयं अभी तक 68 बार रक्तदान कर चुके है वो देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर रक्तदान शिविर, सेमिनार व विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से लाखों युवाओं को रक्तदान के प्रति प्रेरित कर चुके है। शर्मा रक्तदान को हर युवा के लिए कर्तव्य मानते है कि ये मानवता की सेवा भी राष्ट्र सेवा है। हर युवा का कर्तव्य बनता है कि वह जरूरतमंद की जान बचने के लिए रक्तदान करे क्योंकि रक्त का कोई विकल्प नहीं है। उनके कार्य को देखते हुए प्रदेश के राज्यपाल ने उन्हें हरियाणा स्टेट रेडक्रॉस सोसायटी में रक्तदान अभियान की उप समिति में सदस्य भी बनाया है। हर युवा व युवती रक्तदाता बने यही उनका स्वप्न है। शत-प्रतिशत रक्तदान देशभर में हो जिससे सुरक्षित रक्त हर किसी को उपलब्ध हो सके।


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